Children Day speech : आज बाल दिवस पर दें यह दमदार भाषण, मिलेगा इनाम
- Children Day speech : 14 नवंबर बाल दिवस के खास मौके पर स्कूलों में कई तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। अगर आप स्पीच कॉम्पिटिशन (Children's Day Speech In Hindi) में हिस्सा लेने जा रहे हैं तो नीचे दिए गए भाषण से उदाहरण ले सकते हैं।
Children Day speech : हर साल देशभर में 14 नवंबर का दिन बाल दिवस (Children's Day 2024) के तौर पर मनाया जाता है। यह दिन देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के जन्मदिवस के मौके पर मनाया जाता है, क्योंकि उन्हें बच्चे बेहद प्रिय थे। उनका मानना था कि बच्चे देश का भविष्य होते हैं। वह अकसर कहा करते थे कि बच्चे उन कलियों की तरह होते हैं, जिन्हें पूरी तरह से खिलने के लिए देखभाल और पोषण की जरूरत होती है। बाल दिवस का दिन बच्चों की मासूमियत, जिज्ञासा, ऊर्जा और उत्साह का जश्न मनाने का दिन है। इस खास मौके पर स्कूलों में कई तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। अगर आप स्पीच कॉम्पिटिशन (Children's Day Speech In Hindi) में हिस्सा लेने जा रहे हैं तो नीचे दिए गए भाषण से उदाहरण ले सकते हैं।
बाल दिवस भाषण ( Children's Day 2024 Speech )
सभी को सुप्रभात
हमारे देश में हर साल 14 नवम्बर को बाल दिवस मनाया जाता है। यह दिन हमारे देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की जयंती के रूप में मनाया जाता है, जो बच्चों के प्रति अपनी विशेष स्नेह व लगाव की भावना के लिए प्रसिद्ध थे। बच्चे उन्हें चाचा नेहरू कहकर बुलाते थे। चाचा नेहरू के लिए बच्चों का विकास और उनकी देखरेख राष्ट्रीय प्रगति का प्रमुख हिस्सा था। वे मानते थे कि बच्चे ही देश का कल हैं। बच्चे राष्ट्र के निर्माता हैं। बाल दिवस केवल एक उत्सव नहीं, बल्कि एक अवसर है जब हमें बच्चों के अधिकारों, उनके कल्याण और उनके भविष्य की सुरक्षा के बारे में सोचने का समय मिलता है।
आज का दिन पंडित नेहरु को उनके महान कार्यों के लिए याद कर नमन करने का भी है। आजादी की लड़ाई में अग्रणी भूमिका निभाने के साथ-साथ भारत के नवनिर्माण, लोकतंत्र को स्थापित करने और उसे मजबूत बनाने में पंडित नेहरू ने जो भूमिका निभाई उसे भारत हमेशा याद करता रहेगा।
बाल दिवस का मकसद बच्चों के अधिकारों, उनके कल्याण और उनकी खुशहाली के बारे में समाज को जागरूक करना है। आज बच्चों का बचपन अनेक चुनौतियों का सामना कर रहा है। बहुत से बच्चे तकनीकी दुनिया, सोशल मीडिया, स्मार्टफोन, कंप्यूटर के दुष्प्रभाव में फंस गए हैं। स्कूलों व प्रवेश परीक्षाओं की कड़ी प्रतिस्पर्धा, अधिक होमवर्क और भविष्य की चिंताएं उन्हें बचपन की सरलता से दूर कर रही हैं। आज का दिन उन्हें इन समस्याओं से बाहर निकालने के लिए संकल्प लेने का है। हमको बच्चों के मन, विचारों, और भावनाओं का सम्मान करना चाहिए। हमें यह समझना होगा कि बच्चों का बचपन ही उनके जीवन की सबसे कीमती धरोहर है।
पंडित नेहरू की जयंती के मौके पर हमें यह प्रतिज्ञा लेनी होगी कि हम बच्चों के लिए एक ऐसी दुनिया बनाएं जहां हर बच्चा आगे बढ़ सके। बच्चे सभी प्रकार के शोषण से मुक्त हों। एक ऐसा देश व समाज बनाएं जहां वे बाल श्रम, बाल विवाह और बाल यौन शोषण, बाल तस्करी जैसे अपराध कतई न हों। बच्चे पूरी आजादी के साथ अपना बचपन जी सकें।
अब मैं अपने भाषण का समापन करना चाहूंगा। भारत माता की जय। जय हिन्द। जय भारत।
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