Hindi Newsकरियर न्यूज़CBSE Exams 2025: CBSE reminds 10th 12th exam 75 attendance guidelines to schools must for board exams

CBSE Exam 2025: 10वीं 12वीं बोर्ड परीक्षा में बैठने के लिए 75 फीसदी अटेंडेंस अनिवार्य, सीबीएसई ने जारी कीं गाइडलाइंस

  • सीबीएसई परीक्षा 2025 से पहले बोर्ड ने अपने संबंद्ध स्कूलों को एक बार याद दिलाया है कि बोर्ड एग्जाम में बैठने के लिए छात्र की 75 फीसदी अटेंडेंस होना अनिवार्य है।

Pankaj Vijay लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीFri, 11 Oct 2024 05:08 PM
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सीबीएसई 10वीं 12वीं परीक्षा 2025 से पहले केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने अपने संबंद्ध स्कूलों को एक बार याद दिलाया है कि बोर्ड एग्जाम में बैठने के लिए छात्र की 75 फीसदी अटेंडेंस होना अनिवार्य है। अगर किसी छात्र की अटेंडेंस स्कूल में 75 फीसदी से कम होती है तो वह बोर्ड परीक्षा में बैठने के लिए अयोग्य होगा। सीबीएसई ने अपनी गाइडलाइंस में कहा है कि बोर्ड कुछ मामलों में 25 फीसदी की छूट दे सकता है जैसे मेडिकल इमरजेंसी, राष्ट्रीय खेलों में हिस्सेदारी या फिर अन्य कोई गंभीर वजह वगैरह। इस राहत को पाने के लिए छात्र को संबंधित डॉक्यूमेंट दिखाने होंगे।

बोर्ड ने स्कूलों को छात्रों को इस बारे में जानकारी देने का निर्देश दिया है। आधिकारिक नोटिस में कहा गया है, 'स्कूलों को नियमित रूप से अटेंडेंस रिकॉर्ड की निगरानी करनी चाहिए और उसे सही रखना चाहिए। अटेंडेंस रजिस्टर को रोजाना अपडेट किया जाना चाहिए। इस पर क्लास टीचर और स्कूल के सक्षम अधिकारी के साइन होने चाहिए। यह कभी भी सीबीएसई के निरीक्षण के लिए आसानी से उपलब्ध होना चाहिए।'

केंद्रीय बोर्ड ने ऐसे समय पर अपनी गाइडलाइंस दोहराईं हैं जब वह डमी स्कूलों के खिलाफ बेहद सख्त है। डमी स्कूल वे स्कूल हैं जहां स्टूडेंट्स के बिना आए ही उनकी हाजिरी लगा दी जाती है। यह सीबीएसई के नियमों के खिलाफ है। हाल ही में सीबीएसई ने दिल्ली व राजस्थान के कई स्कूलों में औचक निरीक्षण कर गड़बड़ी मिलने पर उन्हें नोटिस भी जारी किया था। दरअसल'डमी स्कूल' आम स्कूलों की तरह होते हैं बस यहां ऐसे छात्रों को नियमित कक्षाओं के लिये आने की जरूरत नहीं होती जो जेईई मेन, जेईई एडवांस, नीट परीक्षा आदि की तैयारी कर रहे होते हैं। इन्हें नॉन-अटेंडिंग स्कूल भी कहा जाता है। इंजीनियरिंग और मेडिकल प्रवेश परीक्षाओं ( जेईई मेन व नीट जैसी प्रवेश परीक्षाएं ) की तैयारी करने वाले बड़ी संख्या में छात्र 'डमी स्कूलों' में दाखिला लेना पसंद करते हैं, ताकि वे केवल प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी पर ध्यान केंद्रित कर सकें। वे कक्षाओं में उपस्थित नहीं होते और सीधे बोर्ड परीक्षा में शामिल हो जाते हैं। अब सीबीएसई इस प्रथा पर रोक लगाने के लिए हरकत में आ गया है।

इसके अलावा सीबीएसई ने नोटिस में यह भी बताया गया है कि बोर्ड छात्रों की अटेंडेंस के रिकॉर्ड की जांच करने के लिए औचक निरीक्षण भी कर सकता है। ऐसे निरीक्षणों के दौरान यदि यह पाया जाता है कि रिकॉर्ड अधूरे हैं या यह पता चलता है कि छात्र नियमित रूप से स्कूल नहीं आ रहे हैं, तो स्कूल को कड़ी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है। स्कूल की मान्यता रद्द भी हो सकती है। छात्रों को बोर्ड परीक्षा में बैठने से अयोग्य ठहराया जा सकता है।

9वीं 11वीं का रजिस्ट्रेशन 16 अक्टूबर तक करें पूरा

सीबीएसई ने सभी संबद्ध स्कूलों को निर्देश दिया कि वे सुनिश्चित करें कि उनके स्कूलों में पढ़ने वाले कक्षा 9 और 11 के 100 प्रतिशत छात्रों का पंजीकरण 16 अक्टूबर तक पूरा हो जाए। बोर्ड ने फैसला किया है कि अगले साल जब एलओसी भरा जाएगा, तो बोर्ड द्वारा किसी भी छात्र का पंजीकरण नहीं किया जाएगा। यह देखा गया है कि एलओसी जमा करने के दौरान कुछ स्कूल सीबीएसई को सूचित कर रहे हैं कि पिछले वर्ष उनके कुछ छात्र पंजीकरण के लिए निम्नलिखित कारणों से रह गए थे:

— छात्र की तबीयत ठीक नहीं थी और उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया था

— क्लर्क ने गलती से छात्र को छोड़ दिया

— तकनीकी त्रुटि

— नाम हटा दिया गया

— छात्र संबंधित क्षेत्र पर नहीं था, आदि।

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