Hindi Newsकरियर न्यूज़BTSC JE : Supreme Court sets aside Bihar govt decision to annul selection process of junior engineers

BTSC : सुप्रीम कोर्ट ने पलटा बिहार सरकार का 6000 जेई भर्ती चयन प्रक्रिया रद्द करने का फैसला, नियुक्ति देने के आदेश

  • सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार के जल संसाधन विभाग में 6 हजार से अधिक जूनियर इंजीनियर्स की नियुक्ति के लिए साल 2019 के सेलेक्‍शन प्रोसेस को रद्द करने के फैसले को शुक्रवार को गलत बताया।

Pankaj Vijay भाषा, नई दिल्लीSat, 5 Oct 2024 05:19 PM
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सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार के जल संसाधन विभाग में 6000 से अधिक जूनियर इंजीनियर की भर्ती के लिए 2019 की चयन प्रक्रिया को रद्द करने के फैसले को शुक्रवार को अनुचित बताया। न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी और न्यायमूर्ति सतीश चंद्र शर्मा की पीठ ने कहा कि चयन प्रक्रिया पूरी होने के बाद उसे रद्द करना प्रक्रिया खत्म होने के बाद, नियमों को बदलने के समान है, जो अस्वीकार्य है।

न्यायालय ने बिहार तकनीकी सेवा आयोग (बीटीएससी) को निर्देश दिया कि वह पटना उच्च न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत नई चयन सूची के अनुसार नियुक्ति प्रक्रिया को आगे बढ़ाए। पीठ ने आदेश में कहा, ''उच्च न्यायालय द्वारा 19 अप्रैल, 2022 को पारित आदेश के मद्देनजर नई चयन सूची तैयार की जाएगी और नई चयन सूची में यथासंभव उन मेधावी अभ्यर्थियों को भी शामिल किया जाएगा, जो अन्यथा पात्र थे और केवल नियमों में 2017 के संशोधन के कारण अयोग्य घोषित कर दिए गए थे।''

 

इसने बीटीएससी को तीन महीने के भीतर सफल अभ्यर्थियों की संशोधित चयन सूची तैयार करने का निर्देश दिया और राज्य सरकार को उसके बाद 30 दिन के भीतर उन्हें नियुक्त करने का आदेश दिया।

 

पटना उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ अपील पर शीर्ष अदालत का यह निर्णय आया है, जिसने राज्य के उस फैसले पर गौर करने के बाद नियुक्ति प्रक्रिया के खिलाफ लंबित मामलों को बंद कर दिया था, जिसमें चयन प्रक्रिया को रद्द कर दिया गया था।

 

उच्च न्यायालय बिहार जल संसाधन विभाग अधीनस्थ अभियंत्रण (सिविल) संवर्ग भर्ती (संशोधन) नियमावली 2017 के एक नियम की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा था। नियम में बिहार में पद पर चयन और नियुक्ति के लिए तकनीकी योग्यता पात्रता निर्धारित की गई थी।

 

बीटीएससी द्वारा मार्च 2019 में एक विज्ञापन जारी किया गया था, जिसमें विभिन्न राज्य विभागों में कनिष्ठ अभियंता के पद पर 6,379 रिक्तियों के लिए आवेदन आमंत्रित किए गए थे।

 

नियमों के अनुसार, अभ्यर्थी के पास संबंधित तकनीकी शिक्षा परिषद/विश्वविद्यालय द्वारा प्रदत्त सिविल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा होना चाहिए तथा अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) द्वारा मान्यता प्राप्त होनी चाहिए।

 

कुछ अभ्यर्थियों ने अपने आवेदन पत्र की अस्वीकृति के खिलाफ उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था, क्योंकि उन्होंने निजी विश्वविद्यालयों से अपेक्षित डिप्लोमा प्राप्त किया था, जो एआईसीटीई द्वारा अनुमोदित नहीं थे।

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