BPEd : माध्यमिक स्कूलों में पीटीआई टीचर के पद होंगे खत्म, बीपीएड डिग्रीधारकों के टूटेंगे सपने
- उत्तराखंड में जितने भी नए हाईस्कूल और इंटर कॉलेज खोले जाएंगे, उनमें नए मानकों के अनुरूप ही शिक्षकों के पद सृजित होंगे।
उत्तराखंड में माध्यमिक विद्यालयों में कुछ समय बाद व्यायाम कराने के लिए कोई प्रशिक्षक नहीं मिलेगा। प्रदेश सरकार इन विद्यालयों में शारीरिक शिक्षक के पद समाप्त करने का निर्णय ले रही है। नए उच्चीकृत हाईस्कूल और इंटर कॉलेज में शारीरिक शिक्षकों की नियुक्ति नहीं की जाएगी। इस आशय के निर्देश शिक्षा सचिव रविनाथ रमन की ओर से निदेशक माध्यमिक शिक्षा को दिए गए हैं। शासन की ओर से प्रदेश के राजकीय उच्चतर माध्यमिक (हाईस्कूल) और राजकीय इंटर कॉलेज में शिक्षकों के पद सृजित करने के लिए नए मानक निर्धारित किए गए हैं। अब प्रदेश में जितने भी नए हाईस्कूल और इंटर कॉलेज खोले जाएंगे, उनमें नए मानकों के अनुरूप ही शिक्षकों के पद सृजित होंगे।
इन नए मानकों के तय होने से प्रदेश के सरकारी माध्यमिक विद्यालयों में शारीरिक शिक्षकों की भर्ती नहीं होगी। नए मानकों के तहत हाईस्कूल में शिक्षकों के कुल सात पद होंगे, जबकि इंटर कॉलेज में प्रवक्ता के न्यूनतम दस पद सृजित किए जाएंगे।
बीपीएड डिग्री धारक हजारों युवा होंगे प्रभावित माध्यमिक विद्यालयो में शारीरिक शिक्षक का पद समाप्त होने से बीपीएड डिग्री धारक हजारों युवाओं का शिक्षक बनने का सपना टूट जाएगा। जबकि पहले से तैनात वो शारीरिक शिक्षक जो लंबे समय से प्रवक्ता पद पर पदोन्नत किए जाने की मांग कर रहे हैं, उनकी मांग पूरी होने के रास्ते भी बंद हो जाएंगे।
विषयों के अनुरूप होगी शिक्षकों की तैनाती
हिंदी, अंग्रेजी या उर्दू, पंजाबी, बंगाली भाषा, गणित या गृह विज्ञान, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान, कला शिक्षा, एक अत्याधुनिक भारतीय भाषा या ऐसा विषय जिसे अधिक विद्यार्थी लेने के इच्छुक हों। इंटर मीडिएट में हिंदी, अंग्रेजी, मानविकी वर्ग के अंतर्गत तीन प्रवक्ता, भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान, जीव विज्ञान, गणित के साथ ही अतिरिक्त विषय के तौर पर संस्कृत, उर्दू, पंजाबी, बंगाली, नेपाली से कोई एक विषय जिसे अधिक छात्र-छात्राएं लेना चाहते हों।
नए मानकों के तहत प्रदेश के माध्यमिक विद्यालयों में शारीरिक शिक्षक का पद सृजित नहीं किया जाएगा। इस आशय का आदेश शिक्षा सचिव की ओर से मिल चुका है। इस नए नियम पर कुछ लोगों ने आपत्ति जताई है, लिहाजा शासन को प्रत्यावेदन भेजने की तैयारी की जा रही है।-एसबी जोशी, निदेशक माध्यमिक शिक्षा
नेपाली भाषा को मिली तरजीह
शिक्षको की तैनाती के नए मानकों के तहत प्रदेश के विद्यालयों में अतिरिक्त विषय के तौर पर नेपाली भाषा पढ़ाई जाएगी। जिसके लिए शिक्षकों के पद सृजित किए जाएंगे। ऐसे में शिक्षक ही सवाल उठा रहे हैं कि नेपाली भाषा के शिक्षक का नया पद सृजित करने के बजाय शारीरिक शिक्षक के वर्तमान पद को बरकरार क्यों नहीं रखा जा रहा है।
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