BEd : पीजी के बाद एक साल का होगा बीएड, NCTE रेग्युलेशन को केन्द्र सरकार की मंजूरी, जानें नियम
- BEd Course : एक साल के बीएड कोर्स में चार वर्षीय स्नातक डिग्री प्रोग्राम और पीजी की डिग्री पूरी कर चुके छात्र दाखिला ले सकेंगे।
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नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन के एनसीटीई रेगुलेशन रेग्यूलेशन-2025 को केन्द्र सरकार ने मंजूरी प्रदान कर दी है। इस मंजूरी के बाद विद्यालयों के शिक्षक बनने की पढ़ाई के नियमों में बदलाव को हरी झंडी मिल गई है। शैक्षणिक सत्र 2026-27 से बीएड का प्रारूप और पाठ्यक्रम बदल जाएगा। इसकी तैयारी शुरू हो गई है। एनसीटीई रेग्यूलेशन-2025 का मसौदा राज्यों और विश्वविद्यालयों को भेज दिया गया है। आठ मार्च तक इस पर आपत्ति दर्ज करवा सकते हैं। इसके बाद कोई आपत्ति स्वीकार नहीं की जाएगी। यह बदलाव लगभग 11 सालों के बाद शिक्षक बनने के पाठ्यक्रम में किया जा रहा है। इसमें पीजी के बाद एक साल का बीएड, स्नातक डिग्री के बाद दो साल का बीएड, प्लस टू के बाद चार साल का बीएड और एमएड डिग्री की पढ़ाई को भी मंजूरी मिल गई है। खास बात यह है कि दस वर्षों के बाद अगले साल से एक वर्षीय बीएड डिग्री प्रोग्राम फिर से शुरू हो रहा है।
एनसीटीई ने स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार, एनईपी 2020 और 2047 विकसित भारत लक्ष्य के तहत यह एनसीटीई रेग्यूलेशन-2025 तैयार किया है।
इस तरह मिलेगी बीएड की डिग्री
एक साल का बीएड : इसमें चार वर्षीय स्नातक डिग्री प्रोग्राम और पीजी की डिग्री पूरी कर चुके छात्र दाखिला ले सकेंगे। वर्ष 2014 में रेगुलेशन के तहत इस डिग्री प्रोग्राम को बंद कर दिया था। लेकिन अब एनईपी 2020 की सिफारिशों के तहत इसे 10 साल के बाद दोबारा शुरू करने का फैसला लिया गया है।
दो साल का बीएड : तीन वर्षीय स्नातक डिग्री प्रोग्राम पूरा करने वाले छात्रों को दाखिले का मौका मिलेगा। स्नातक डिग्री लेने के बाद यदि कोई छात्र शिक्षक बनना चाहता होगा तो उसको सीधे फायदा मिलेगा।
एमएड डिग्री प्रोग्राम : चार वर्षीय इंटीग्रेटिड बीएड और दो साल की बीएड की पढ़ाई वाले छात्र इस प्रोग्राम में दाखिला ले सकेंगे। अभी चल रहे दो बीएड प्रोग्राम का विस्तार
चार वर्षीय इंटीग्रेटिड बीएड : इस डिग्री प्रोग्राम का विस्तार किया गया है। 2023 में बीए-बीएड, बीएससी-बीएड और बीकॉम-बीएड का पहला बैच शुरू हुआ था।
पुराना दो वर्षीय बीएड प्रोग्राम : एनईपी-2020 के आने से पहले से सूबे के 360 कॉलेजों में दो वर्षीय बीएड कोर्स चल रहा है। नए नियम लागू होने के बाद नए दो वर्षीय बीएड प्रोग्राम में इसका विस्तार होगा।
इन कॉलेजों को मल्टी डिस्पिलनरी प्रोग्राम शुरू करना अनिवार्य है। नियम को पूरा नहीं करने वाले कॉलेजों में यह कोर्स बंद हो जाएगा। इसके लिए चार साल का समय दिया गया है।
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