Hindi Newsकरियर न्यूज़Ambedkar Jayanti Speech in Hindi: 10 lines on Dr BR Ambedkar essay bhashan Babasaheb speech facts

Ambedkar Jayanti Speech , Essay : बाबासाहेब अंबेडकर पर 10 लाइनें, भाषण और निबंध में आएंगी काम

  • Ambedkar Jayanti Speech in Hindi: अगर आप कहीं अंबेडकर जयंती पर निबंध लिख रहे हैं या स्पीच दे रहे हैं। तो नीचे दी गईं लाइनों को शामिल कर सकते हैं।

Pankaj Vijay लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीSat, 12 April 2025 06:03 PM
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Ambedkar Jayanti Speech , Essay : बाबासाहेब अंबेडकर पर 10 लाइनें, भाषण और निबंध में आएंगी काम

Ambedkar Jayanti speech : 14 अप्रैल का दिन देश भर में अंबेडकर जयंती के तौर पर मनाया जाता है। बाबासाहेब बीआर अंबेडकर ने न सिर्फ भारत को संविधान देकर एक महान लोकतंत्र की नींव रखी बल्कि देश के करोड़ों दलितों और वंचितों की प्रगति का मार्ग भी प्रशस्त किया। डॉ. बीआर अंबेडकर एक प्रसिद्ध राजनीतिक नेता, दार्शनिक, लेखक, अर्थशास्त्री, न्यायविद्, बहु-भाषाविद्, धर्म दर्शन के विद्वान और एक समाज सुधारक थे, जिन्होंने भारत में छूआछूत और सामाजिक असमानता के उन्मूलन के लिये अपना जीवन समर्पित कर दिया। उनका मानना था कि अस्पृश्यता को हटाए बिना राष्ट्र की प्रगति नहीं हो सकती है। वह भारत में दलितों व पिछड़े वर्गों को मसीहा थे। दलित व पिछड़े लोग उन्हें बाबासाहेब कहकर बुलाते थे। बाबासाहेब ने भारत के संविधान निर्माण में सबसे अहम भूमिका निभाई जिसके चलते उन्हें संविधान का जनक भी कहा जाता है।

अंबेडकर जयंती के मौके पर स्कूल, कॉलेजों, सरकारी कार्यालयों व अन्य स्थानों पर कार्यक्रम होते हैं। अगर आप कहीं अंबेडकर जयंती पर निबंध लिख रहे हैं या स्पीच दे रहे हैं। तो नीचे दी गईं लाइनों को शामिल कर सकते हैं।

Ambedkar Jayanti speech, essay in hindi : अंबेडकर पर 10 लाइनें

1. डॉ. भीमराव अंबेडकर का जन्म 14 अप्रैल सन् 1891 में मध्यप्रदेश के महू में हुआ था। बाबासाहेब के पूर्वज लंबे समय तक ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी की सेना में कार्यरत थे। उनके पिता ब्रिटिश सेना में सूबेदार थे।

2. बाबा साहेब अंबेडकर का परिवार महार जाति से संबंध रखता था, जिसे उन दिनों समाज में अछूत माना जाता था। दलित परिवार से होने के चलते उन्हें समाज में काफी असमानता और जातीय भेदभाव झेलना पड़ा।

3. अपने अनुयायियों में बाबा साहेब के नाम से मशहूर आंबेडकर ने अपना सारा जीवन भारतीय समाज में व्याप्त जाति व्यवस्था के खिलाफ संघर्ष में बिता दिया। उन्होंने भारतीय समाज में समानता लाने के काफी प्रयास किए। उन्होंने दलितों और पिछड़ों को उनका अधिकार दिलाने के लिए जीवन भर संघर्ष किया। उन्होंने हमेशा मजदूर वर्ग व महिलाओं के अधिकारों का समर्थन किया।

4. उन्होंने बॉम्बे यूनिवर्सिटी से इकोनॉमिक्स व पॉलिटिकल साइंस से डिग्री ली थी। एमए करने के लिए वे अमेरिका गए। तब उनकी उम्र महज 22 साल थी।

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5. बाबासाहेब अंबेडकर की कानूनी विशेषज्ञता और विभिन्न देशों के संविधान का ज्ञान भारतीय संविधान के निर्माण में बहुत मददगार साबित हुआ। उन्हें संविधान निर्माता व संविधान का जनक कहा जाता है। काबिलियत के दम पर वह भारत के पहले कानून मंत्री के पद तक पहुंचे।

6. बाबासाहेब कहा करते थे कि वह ऐसे धर्म को मानते हैं जो स्वतंत्रता, समानता और भाईचारा सिखाता है। उनका मानना था कि जीवन लम्बा होने के बजाय महान होना चाहिए।

7. दलित होने के चलते अंबेडकर को पढ़ाई में काफी दिक्कतें आईं। उन्हें अन्य छात्रों जितने अवसर नहीं मिलते थे। लेकिन उन्होंने संघर्ष किया। उन्होंने बंबई के एलफिन्स्टोन स्कूल से मैट्रिक की। मुबई विश्वविद्यालय से स्नातक परीक्षा पास की। इसके बाद अमेरिका के कोलंबिया विश्वविद्यालय में दाखिला लिया। यहीं से पीएचडी की। लंदन स्कूल ऑफ़ इकोनॉमिक्स से एमएससी, डीएससी, ग्रेज इन (बैरिस्टर-एट-लॉ) किया।

8. अंबेडकर ने 1936 में लेबर पार्टी का गठन किया। अंबेडकर ने दलितों पर हो रहे अत्याचार के विरुद्ध आवाज उठाने के लिए 'बहिष्कृत भारत', 'मूक नायक', 'जनता' नाम के पाक्षिक और साप्ताहिक पत्र निकाले।

9. 14 अक्टूबर, 1956 को उन्होंने अपने कई अनुयायियों के साथ बौद्ध धर्म ग्रहण किया। वह हिंदू धर्म के कई तौर-तरीकों से काफी दुखी थे।

10. 1990 में उन्हें मरणोपरांत भारत का सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न भी दिया गया।

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