Hindi Newsकरियर न्यूज़AIBE 19 Exam 2024: Supreme Court Permits Final Year LLB Students to Take up AIBE Exam

AIBE परीक्षा में बैठ सकेंगे LLB फाइनल ईयर के छात्र, सुप्रीम कोर्ट ने बार काउंसिल को दिया आदेश

  • लॉ फाइनल ईयर के स्टूडेंट्स वकील के रूप में पंजीकृत होने के लिए होने वाली योग्यता परीक्षा यानी अखिल भारतीय बार परीक्षा (एआईबीई) में बैठ सकेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें शुक्रवार को इजाजत दे दी। एग्जाम 24 नवंबर को होगा।

Pankaj Vijay लाइव हिन्दुस्तान, विशेष संवाददाता, नई दिल्लीSat, 21 Sep 2024 08:11 AM
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एलएलबी अंतिम वर्ष के छात्रों को शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिल गई। शीर्ष अदालत ने भारतीय विधिज्ञ परिषद (बीसीआई) को वकील के रूप में पंजीकृत होने के लिए होने वाली योग्यता परीक्षा यानी अखिल भारतीय बार परीक्षा (एआईबीई) में इन छात्रों को शामिल होने का आदेश दिया। मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जे.बी. पारदीवाला और मनोज मिश्रा की पीठ ने फैसले में कहा कि अंतिम वर्ष के एलएलबी छात्रों को असहाय नहीं छोड़ा जा सकता। पीठ ने कहा कि यदि इन छात्रों को इस साल एआईबीई में बैठने की अनुमति नहीं दी गई तो उनका एक साल बर्बाद हो जाएगा। पीठ ने इस मुद्दे पर 2023 के पांच जजों की संविधान पीठ के फैसले के अनुसरण में बीसीआई द्वारा एआईबीई के लिए नियम नहीं बनाने पर भी कड़ी नाराजगी जताई।

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली विश्वविद्यालय के निलय राय सहित एलएलबी के नौ छात्रों की याचिका पर विचार करते हुए यह आदेश दिया। इस साल 24 नवंबर को यह परीक्षा होगी। आवेदन करने की अंतिम तारीख 25 अक्तूबर है।

शीर्ष अदालत ने पिछले साल 10 फरवरी को एआईबीई आयोजित करने के बीसीआई के अधिकार पर मुहर लगाई थी। न्यायालय ने अंतिम सेमेस्टर के लॉ के छात्रों को पात्रता का उचित प्रमाण प्रस्तुत करने पर एआईबीई परीक्षा देने की अनुमति के न्याय मित्र के सुझाव को भी स्वीकार कर लिया था। पीठ ने कहा, 'ऐसा प्रतीत होता है कि नियम अब तक तैयार नहीं किए गए हैं और अब (बीसीआई द्वारा) इस बारे में निर्देश लेने के लिए स्थगन मांगा गया है कि नियम कब लागू किए जाएंगे। अब कहा गया है कि 4-6 सप्ताह में ऐसा किया जाएगा। एआईबीई 24 नवंबर को होनी निर्धारित है और आवेदन करने की अंतिम तिथि 25 अक्टूबर है।”

पीठ ने अपने आदेश में कहा, 'लिहाजा, हम निर्देश देते हैं कि आगामी परीक्षा के लिए बीसीआई उन सभी छात्रों के पंजीकरण की अनुमति दे जो संविधान पीठ के न्यायमूर्ति कौल द्वारा दिए फैसले के दायरे में आते हैं। हमने यह निर्देश इस तथ्य के प्रति सचेत होकर पारित किया है कि इस तरह के निर्देश के अभाव में राज्य विश्वविद्यालयों में कई परीक्षाओं में शामिल हुए और परिणाम का इंतजार कर रहे छात्र असमंजस में रह जाएंगे।'

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