WFH कल्चर पर जेरोधा के मालिक ने उठाए सवाल, हाइब्रिड मॉडल पर कही ये बात
- नितिन कामथ ने आगे बताया कि कुछ महीने पहले उन्होंने कर्मचारियों के बीच बेहतर सहयोग और रचनात्मकता के लिए हाइब्रिड मॉडल लागू किया था और यह एक पॉजिटिव कदम साबित हुआ है।
ब्रोकरेज फर्म Zerodha के को-फाउंडर और सीईओ नितिन कामथ ने वर्क फ्रॉम होम कल्चर को लेकर एक अहम बयान दिया है। उन्होंने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर कहा कि रिमोट वर्क हर किसी के लिए सही नहीं है। यह कुछ कर्मचारियों के लिए बेहतर तो कुछ के लिए बोझिल हो सकता है। नितिन कामथ ने आगे बताया कि कुछ महीने पहले उन्होंने कर्मचारियों के बीच बेहतर सहयोग और रचनात्मकता के लिए हाइब्रिड मॉडल लागू किया था और यह एक "पॉजिटिव" कदम साबित हुआ है। हाइब्रिड मॉडल के तहत कर्मचारियों को ऑफिस और घर, दोनों जगह से काम करने की सहूलियत मिलती है।
किस तरह के लोगों को हुई हैं दिक्कतें
नितिन कामथ ने लिखा- हम सभी साल 2020 में कोरोन महामारी लॉकडाउन के दौरान पूरी तरह से दूर चले गए थे। इस दौरान रिमोट वर्क कई लोगों के लिए शानदार रहा तो कुछ लोगों को दिक्कतें हुई हैं। यह टेक, बिजनसे और निर्णय लेने वाली टीमों के लिए यह हानिकारक रहा है। इसकी वजह कम्युनिकेशन गैप है। कामथ ने यह भी बताया कि हाइब्रिड मॉडल पॉजिटिव रहा है। कोर टीम के लगभग 10% (100 से ज्यादा लोग) कर्मचारी सप्ताह में 3 दिन ऑफिस आने लगे। कम से कम इतना तो कहा ही जा सकता है कि यह बदलाव पॉजिटिव रहा।
ब्लॉग का भी जिक्र
इसके साथ ही नितिन कामथ ने जेरोधा के सीटीओ कैलाश नाध द्वारा रिमोट वर्क पर लिखा गया एक ब्लॉग साझा किया। ब्लॉग की मुख्य बातों में रिमोट वर्क में बदलाव और कर्मचारियों द्वारा सामना की जाने वाली चुनौतियों के बारे में बताया गया है। इसमें कर्मचारियों के ओवरटाइम, गैपिंग, कम्युनिकेशन ब्रेक और बर्नआउट शामिल हैं। ब्लॉग में यह भी विस्तार से बताया गया है कि हाइब्रिड मॉड्यूल के निर्णय का कर्मचारियों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा है।
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