2025 में सोना-चांदी होंगे सस्ता या पहुंचेंगे रिकॉर्ड ऊंचाई पर?
- Gold-Silver Outlook 2025: सोना नए साल में भी रिकॉर्ड तोड़ यात्रा जारी रख सकता है और घरेलू मार्केट में यह उछलकर 85,000 रुपये से 90,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर पहुंच सकता है।
Gold-Silver Outlook 2025: जियो-पॉलिटिकल टेंशन और वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं के जारी रहने पर सोना नए साल में भी रिकॉर्ड तोड़ यात्रा जारी रख सकता है और घरेलू मार्केट में यह उछलकर 85,000 रुपये से 90,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर पहुंच सकता है, लेकिन अगर भू-राजनीतिक संकट कम होता है तो रुपये में गिरावट पर सोने के भाव गिर भी सकते हैं।
मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर इस समय हाजिर बाजार में सोने का भाव 79,350 रुपये प्रति 10 ग्राम और वायदा कारोबार में 76,600 रुपये प्रति 10 ग्राम है। इस साल गोल्ड ने अपने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया है। इसने घरेलू बाजारों में 23 प्रतिशत रिटर्न दर्ज किया। इस साल 30 अक्टूबर को सोना 82,400 रुपये प्रति 10 ग्राम के ऑल टाइम हाई पर पहुंच गया था। चांदी 30 प्रतिशत की बढ़त के साथ 1 लाख रुपये प्रति किलोग्राम के स्तर को पार कर गई
पीटीआई के मुताबिक वैश्विक स्तर पर कॉमेक्स पर सोने का वायदा भाव साल की शुरुआत 2,062 डॉलर प्रति औंस के आसपास था और 31 अक्टूबर को यह 28 प्रतिशत तक रिटर्न देते हुए 2,790 डॉलर प्रति औंस के हाई को छू गया।
रिकॉर्डतोड़ प्रदर्शन 2025 में भी जारी रह सकता है
बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि दोनों कीमती धातुओं का रिकॉर्डतोड़ प्रदर्शन 2025 में भी जारी रह सकता है। एलकेपी सिक्योरिटीज के वाइस प्रेसीडेंट (जिंस एवं मुद्रा) जतीन त्रिवेदी ने कहा कि 2025 में गोल्ड आउटलुक सकारात्मक बना हुआ है, हालांकि उछाल की गति 2024 की तुलना में नरम हो सकती है।
उन्होंने कहा, 'अगर भू-राजनीतिक तनाव बना रहता है या बढ़ता है तो घरेलू सोने की कीमतें 90,000 रुपये के सर्वश्रेष्ठ आउटलुक के साथ 85,000 रुपये तक और चांदी 1.1 लाख रुपये की ओर बढ़ने की उम्मीद है और यहां तक कि चांदी 1.25 लाख रुपये तक पहुंच सकती है।
क्यों बढ़ेंगी सोने की कीमतें
उन्होंने कहा कि ब्याज दर चक्र भी महत्वपूर्ण हैं। क्योंकि, कम ब्याज दरों की ओर वैश्विक बदलाव बाजारों में तरलता को इंजेक्ट करेगा और अमेरिकी डॉलर को कमजोर करेगा, जिससे सोने की कीमतों में मजबूती आएगी। हालांकि, अमेरिकी फेडरल रिजर्व का दरों में कटौती के प्रति सतर्क दृष्टिकोण मूल्य वृद्धि की गति को कम कर सकता है। केंद्रीय बैंकों की सतत सोने की खरीद से बुलियन को मजबूत समर्थन मिलेगा।
2024 में सोने की कीमतों को प्रभावित करने वाले कारक
कई कारकों ने 2024 में सोने की डिमांड और सप्लाई के मोमेंटम को आकार दिया है, जिसमें एक अशांत भू-राजनीतिक परिदृश्य भी शामिल है। चल रहे रूस-यूक्रेन युद्ध और पश्चिम एशिया में तनाव ने बुलियन की सेफ-हेवन मांग को बढ़ा दिया है। इस प्रकार इस साल इसकी कीमतों को प्रभावित किया है।
कॉमट्रेंड्ज रिसर्च के सह-संस्थापक और सीईओ ज्ञानशेखर त्यागराजन ने कहा कि सोने की कीमतें गति बनाए रखने के लिए संघर्ष कर रही हैं, क्योंकि भू-राजनीतिक अनिश्चितता और आर्थिक अनिश्चितता प्रीमियम फीकी पड़ने लगी है। बाजार भागीदार अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शुल्क लगाने के दौर, आर्थिक नीतियों और मुद्रास्फीति को 2 प्रतिशत तक लाने के फेडरल रिजर्व के फैसले पर भविष्य में उनके संभावित प्रभाव पर विचार कर रहे हैं। महंगाई बुलियन के लिए अपील को कमजोर कर सकती हैं।
2025 की पहली छमाही में मंदी के आसार
उन्होंने कहा कि 2025 की पहली छमाही में सोने के लिए मंदी का दृष्टिकोण है, जिसमें 2,455 अमरीकी डालर (एमसीएक्स: 73,000-73,500) के परीक्षण की संभावना है। रुपये में और गिरावट आने की उम्मीद है, जिससे आने वाले वर्ष में अंतरराष्ट्रीय कीमतों के मुकाबले स्थानीय कीमतों में गिरावट को रोका जा सकता है।नवंबर महीने में देश का सोने का आयात चार गुना बढ़कर 14.86 अरब डॉलर की रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया।
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