क्या अब मोदी सरकार नहीं बेचेगी सोना? बंद कर रही है यह स्कीम!
- Sovereign Gold Bond: मोदी सरकार अब सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड नहीं बेचेगी। क्योंकि, कस्टम ड्यूटी में कटौती के बाद सोने की कीमतों में कमी ने एसजीबी, फिजिकल गोल्ड और गोल्ड एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड (ETF) समेत सोने के सभी निवेशों पर रिटर्न को प्रभावित किया है।
Sovereign Gold Bond: सरकार अब सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड नहीं बेचेगी, क्योंकि यह एक 'महंगा और जटिल' साधन है। क्योंकि, कस्टम ड्यूटी में कटौती के बाद सोने की कीमतों में कमी ने एसजीबी, फिजिकल गोल्ड और गोल्ड एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड (ETF) समेत सोने के सभी निवेशों पर रिटर्न को प्रभावित किया है, जिसकी चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (सीएजीआर) अब लगभग 10-11 प्रतिशत होने की उम्मीद है। CNBC-TV18 को सरकारी सूत्रों ने यह जानकारी दी है।
सरकार पर निवेशकों का ₹85,000 करोड़ बकाया: सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड 2015 में उस समय कीमती धातु के बढ़ते आयात को रोकने के लिए लाया गया था। सरकार की ओर से भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा जारी SGB की 67 किस्तों में निवेशकों ने ₹72,274 करोड़ का निवेश किया। उनमें से चार पूरी तरह से मेच्योर हो चुके हैं। लेटेस्ट बजट डॉक्यूमेंट्स से पता चला है कि सरकार पर निवेशकों का ₹85,000 करोड़ बकाया है, जो मार्च 2020 के अंत में ₹10,000 करोड़ से लगभग नौ गुना बढ़ गया है।
इससे पहले द इंडियन एक्सप्रेस ने भी सूत्रों के हवाले से बताया था कि बजट में सोने पर कस्टम ड्यूटी में कटौती की घोषणा के बाद केंद्र सरकार सितंबर में सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB) योजना के भविष्य के बारे में अंतिम निर्णय लेने की योजना बना रही है। द इंडियन एक्सप्रेस के सूत्रों से पता चला है कि एसजीबी के जरिए राजकोषीय घाटे को वित्तपोषित करने की लागत काफी अधिक है और यह योजना से निवेशकों को मिलने वाले फायदे के अनुरूप नहीं है।
10 किस्तों से दो पर आ गए
एक अधिकारी ने कहा, "पहले, हमारे पास एक साल में 10 किस्तें होती थीं, फिर हम चार और अब दो पर आ गए। सितंबर में जब हम बैठक करेंगे, तो हम इस बात पर निर्णय लेंगे कि हमें इस साल किस्त जारी करनी चाहिए या नहीं, यह ध्यान में रखते हुए कि इससे निवेशकों और सरकार दोनों को लाभ होना चाहिए।"
बजट 2024 जानेंHindi News , Business News की लेटेस्ट खबरें, इनकम टैक्स स्लैब Share Market के लेटेस्ट अपडेट्स Investment Tips के बारे में सबकुछ।