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भारत-पाक टेंशन से शेयर बाजार में खून खराबा, निवेशकों के डूब गए ₹10 लाख करोड़, 5 बड़े कारण बने क्रैश की वजह

Stock Market Today: पहलगाम अटैक के बाद भारत-पाकिस्तान तनाव से भारतीय शेयर बाजार में गिरावट देखी जा रही है। आज शुक्रवार को भारतीय शेयर बाजार भारी गिरावट दर्ज की गई है।

Varsha Pathak लाइव हिन्दुस्तानFri, 25 April 2025 12:26 PM
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भारत-पाक टेंशन से शेयर बाजार में खून खराबा, निवेशकों के डूब गए ₹10 लाख करोड़, 5 बड़े कारण बने क्रैश की वजह

Stock Market Today: पहलगाम अटैक के बाद भारत-पाकिस्तान तनाव से भारतीय शेयर बाजार में गिरावट देखी जा रही है। आज शुक्रवार को भारतीय शेयर बाजार भारी गिरावट दर्ज की गई है। बाजार निवेशकों के लिए आज का दिन 'ब्लैक फ्राइडे' के नाम रहा। दरअसल, ग्लोबल मार्केट में तेजी के बावजूद शुक्रवार, 25 अप्रैल को घरेलू इक्विटी बेंचमार्क सेंसेक्स में 1,000 से अधिक अंकों की गिरावट आई। सेंसेक्स 79,801 के पिछले बंद स्तर के मुकाबले 79,830 पर खुला और 1,075 अंक या 1.35 प्रतिशत की गिरावट के साथ 78,726 के इंट्राडे लो पर आ गया था। इसके अलावा, एनएसई निफ्टी 50 24,247 के पिछले बंद स्तर के मुकाबले 24,289 पर खुला और 368 अंक या 1.5 प्रतिशत की गिरावट के साथ 23,879 के इंट्राडे लो पर आ गया था। बीएसई मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों में भारी गिरावट देखी गई, क्योंकि सेशन के दौरान दोनों में 3 प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई। इससे निवेशकों की चिंता और बढ़ गई है।

10 लाख करोड़ रुपये का नुकसान

बड़े पैमाने पर बिकवाली ने निवेशकों को एक सेशन में लगभग ₹10 लाख करोड़ का घाटा हो गया। बीएसई में लिस्टेड कंपनियों का कुल मार्केट कैप पिछले सत्र के लगभग ₹430 लाख करोड़ से घटकर लगभग ₹420 लाख करोड़ रह गया। बत दें कि जहां एक तरफ शुक्रवार को भारतीय शेयर बाजार में भारी बिकवाली देखी गई। वहीं, दूसरी तरफ जापान के निक्केई और कोरिया के कोस्पी सहित प्रमुख एशियाई बाजारों में एक प्रतिशत से अधिक की तेजी देखी गई। ट्रम्प प्रशासन के संकेतों से ट्रेड वॉर पर चिंता कम होने के बाद नैस्डैक में लगभग 3 प्रतिशत और एसएंडपी 500 में 2 प्रतिशत की बढ़त के बाद एशियाई शेयरों में उछाल आया। इससे भारतीय निवेशकों की चिंता और बढ़ गई है।

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आज भारतीय शेयर बाजार में गिरावट क्यों है?

1. पहलगाम अैटक का असर

कश्मीर में आतंकवादी हमले के कारण शुरुआती बढ़त के बाद भारतीय इक्विटी इंडेक्स में गिरावट आई, जिससे भू-राजनीतिक चिंताएं बढ़ गईं। निवेशकों की धारणा सतर्क हो गई, जिसने पॉजिटिव एफआईआई प्रवाह और ग्लोबल बाजार की बढ़त को फीका कर दिया है। एनालिस्ट ने भारत-पाकिस्तान तनाव बढ़ने के बीच सावधानी बरतने की सलाह दी। विशेषज्ञों का कहना है कि पहलगाम आतंकी हमले ने भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव को बढ़ा दिया है, जिसका असर बाजार धारणा पर पड़ रहा है। ऐसी अटकलें हैं कि निकट भविष्य में दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ सकता है, क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपराधियों की “पहचान करने, उन्हें ट्रैक करने और दंडित करने” की कसम खाई है।

2. हाल की तेजी के बाद मुनाफावसूली

नए ट्रिगर्स की कमी और टैरिफ नीतियों पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के उतार-चढ़ाव के बीच भारतीय इंडेक्स में लगातार बढ़ोतरी ने निवेशकों में पैदा कर दिया है। बता दें कि पिछले 5 सेशन में इंडेक्स लगभग 8% चढ़ गया है। एनालिस्ट का कहना है कि हाल के दिनों में तेजी के बाद घरेलू बाजार में मुनाफावसूली देखी जा रही है। एनालिस्ट का कहना है, "पिछले कुछ दिनों में अच्छी बढ़त के बाद, मुनाफावसूली बाजार में गिरावट के पीछे एक कारण है। घरेलू बाजार कुछ समय के लिए स्थिर हो सकता है।"

3. स्मॉलकैप इंडेक्स में गिरावट

बीएसई स्मॉलकैप इंडेक्स में 2.6% की गिरावट आई है, जबकि बीएसई मिडकैप में 2.3% की गिरावट आई है। पिछले कुछ महीनों में इन शेयरों में काफी गिरावट आई है और कई बाजार जानकारों का मानना ​​है कि बढ़े हुए वैल्यूएशन को देखते हुए इसमें और अधिक गिरावट की गुंजाइश है।

4. वैश्विक अनिश्चितता

भारत का आर्थिक दृष्टिकोण मजबूत बना हुआ है। बावजूद ट्रेड वॉर के आर्थिक प्रभाव को लेकर चिंताएं अभी भी एक प्रमुख बाधा बनी हुई हैं। हालांकि भारत अपनी मजबूत घरेलू मांग और जनसांख्यिकीय लाभांश के कारण सबसे कम प्रभावित देशों में से है, लेकिन यह वैश्विक आर्थिक मंदी से पूरी तरह से अछूता नहीं रह सकता है। बता दें कि विश्व बैंक ने 23 अप्रैल को वित्त वर्ष 26 के लिए भारत के लिए अपने विकास पूर्वानुमान को 0.4 प्रतिशत अंक घटाकर 6.3 प्रतिशत कर दिया, वैश्विक अर्थव्यवस्था में बढ़ती अनिश्चितता का हवाला देते हुए, जो अधिकांश दक्षिण एशियाई देशों के लिए संभावनाओं को कम कर देगा। वहीं, आईएमएफ ने भी वित्त वर्ष 26 के लिए अपने पूर्वानुमान को 6.5 प्रतिशत से घटाकर 6.2 प्रतिशत कर दिया, जो उसने जनवरी में पूर्वानुमान लगाया था। विश्व बैंक और आईएमएफ के संशोधित पूर्वानुमान भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के 6.5 प्रतिशत विकास अनुमान से थोड़ा कम हैं।

5. मार्च तिमाही के मिले-जुले नतीजे

भारतीय कॉरपोरेट्स की मार्च तिमाही (Q4) की आय अब तक मिश्रित रही है, और प्रबंधन की टिप्पणियाँ सतर्क रही हैं। यह पिछले कुछ दिनों में देखी गई बढ़त को बनाए रखने में घरेलू बाजार की मदद करने में विफल रही है। 25 अप्रैल को कई प्रमुख कंपनियां अपनी तिमाही आय की रिपोर्ट करेंगी। इनमें रिलायंस इंडस्ट्रीज, मारुति सुजुकी और आरबीएल बैंक शामिल हैं। निवेशक टाटा टेक्नोलॉजीज, एलएंडटी फाइनेंस, हिंदुस्तान जिंक और डॉ. लाल पैथलैब्स के साथ-साथ फोर्स मोटर्स, महिंद्रा लाइफस्पेस डेवलपर्स और मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज जैसी प्रमुख कंपनियों के अपडेट पर भी नजर रखेंगे।

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