सब्जियों ने दी महंगाई को मात, दाल-अंडे, मांस और मछली ने भी दिया साथ
- Inflation: खाद्य मुद्रास्फीति में गिरावट का मुख्य कारण सब्जियों, अंडों, दालों, मांस और मछली की कीमतों में कमी है। सबसे अधिक सब्जियों की महंगाई दर ने राहत दी है।

Inflation: इस बार सब्जियों ने महंगाई को मात देकर साढ़े तीन साल के निचले स्तर पर लाग दिया। इसमें सब्जियों का बखूबी साथ निभाया अंडे, दाल, मांस और मछलियों ने।खाद्य वस्तुओं खासकर सब्जियों के दाम घटने से खुदरा महंगाई ने आम लोगों को राहत दी है। इसी के साथ खाद्य वस्तुओं की महंगाई दर भी नवंबर 2021 के बाद सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई है। मार्च में खाद्य महंगाई दर 2.69 प्रतिशत रही, जो फरवरी में 3.75 प्रतिशत थी। एक साल पहले इसी अवधि में यह 8.52 प्रतिशत थी।
खाद्य मुद्रास्फीति में इस गिरावट का मुख्य कारण सब्जियों, अंडों, दालों, मांस और मछली की कीमतों में कमी है। सबसे अधिक सब्जियों की महंगाई दर ने राहत दी है और यह फरवरी से नकारात्मक क्षेत्र में बनी हुई है, जबकि नवंबर 2023 से जनवरी 2025 तक लगभग हर महीने इसमें दो अंकों की वृद्धि देखी गई थी। इससे कुल महंगाई दर को नीचे लाने में मदद मिली।
इसी तरह चार अन्य प्रमुख खाद्य वस्तुओं की महंगाई दर नकारात्मक क्षेत्र में बनी हुई है। मौसम विभाग के अनुसार, इस साल मानसून सामान्य से बेहतर रहने की संभावना है, जिससे खाद्य आपूर्ति में सुधार और कीमतों में स्थिरता की उम्मीद है।
ब्याज दर में एक और कटौती की संभावना
विशेषज्ञों का कहना है कि मार्च में मुद्रास्फीति के 3.5% तक कम होने की संभावना भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए सकारात्मक संकेत है। खाद्य कीमतों में कमी और आरबीआई की नीतियों से मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने में मदद मिल रही है। आरबीआई ने इस वर्ष अब तक दो बार प्रमुख ब्याज दर (रेपो रेट) दरों में कटौती की है। अब जून में 25 आधार अंकों की एक और कटौती की उम्मीद की जा रही है। अगर ऐसा हुआ तो आपकी ईएमआई कम होगी और लोन सस्ते होंगे।
इनके दाम घटे-बढ़े (% में)
वस्तुएं फरवरी 2025 मार्च 2025
सब्जियां -1.07 -7.04
दालें -0.35 -2.73
अंडे -3.01 -3.16
मसाले -5.85 -4.92
अनाज 6.10 5.93
दूध, दूग्ध उत्पाद 2.68 2.56
फल 14.82 16.27
खाद्य महंगाई दर
मार्च 2.69
फरवरी 3.75
जनवरी 2025 5.97
दिसंबर 8.39
नवंबर 9.04
थोक महंगाई ने भी राहत दी
खाद्य वस्तुओं के सस्ते होने से थोक मूल्य आधारित मुद्रास्फीति मार्च में घटकर 2.05 प्रतिशत रह गई, जो फरवरी में 2.38 प्रतिशत थी। मंगलवार को जारी सरकारी आंकड़ों में यह जानकारी दी गई। हालांकि, थोक मूल्य सूचकांक (WP) आधारित मुद्रास्फीति में वार्षिक आधार पर वृद्धि हुई है। मार्च 2024 में यह 0.26 प्रतिशत थी।
उद्योग मंत्रालय की ओर से जारी बयान के अनुसार, मार्च 2025 में मुद्रास्फीति सालाना आधार पर खाद्य उत्पादों, अन्य विनिर्माण, खाद्य वस्तुओं, बिजली व कपड़ा विनिर्माण आदि की कीमतों में वृद्धि के कारण बढ़ी। थोक मूल्य सूचकांक के आंकड़ों के अनुसार, खाद्य मुद्रास्फीति फरवरी के 3.38 प्रतिशत से घटकर मार्च में 1.57 प्रतिशत रह गई। सब्जियों की कीमतों में भारी गिरावट इसकी मुख्य वजह रही।