अमेरिकी शेयर मार्केट क्रैश, 17 ट्रेडिंग सेशन में 5.5 ट्रिलियन डॉलर स्वाहा
- Wall Street Crash: भारत का शेयर बाजार तो पस्त है ही, लेकिन दुनिया का सबसे बड़ा शेयर मार्केट हाल के हफ्तों में बुरी तरह टूटा है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के ट्रेड वॉर और टैरिफ के कारण अर्थव्यवस्था के प्रति चिंताएं बढ़ रही हैं।

Wall Street Crash: भारत का शेयर बाजार तो पस्त है ही, लेकिन दुनिया का सबसे बड़ा शेयर मार्केट हाल के हफ्तों में बुरी तरह टूटा है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के ट्रेड वॉर और टैरिफ के कारण अर्थव्यवस्था के प्रति चिंताएं बढ़ रही हैं। इस वजह से निवेशक मायूस हैं और तेजी से जोखिम भरे निवेश से दूर हो रहे हैं। 19 फरवरी से 13 मार्च, 2025 तक केवल 17 ट्रेडिंग सेशन में एसएंडपी 500 से 5.5 ट्रिलियन डॉलर स्वाहा हो गए।
ट्रम्प का टैरिफ और ट्रेड वॉर
पिछले हफ्ते ट्रम्प ने फ्रांस और यूरोपीय संघ से आने वाली शराब, शैंपेन और अन्य मादक पेय पर 200% टैरिफ लगाने की धमकी दी। यह कदम यूरोपीय संघ द्वारा अमेरिकी व्हिस्की पर 50% टैरिफ लगाने के जवाब में उठाया गया था। इसके अलावा, ट्रम्प ने यह भी कहा कि उनकी नीतियों से बहुत कम समय के लिए दर्द हो सकता है और मंदी की आशंका को भी खारिज नहीं किया। इससे एसएंडपी 500 पिछले पांच ट्रेडिंग सेशन में चार बार लाल रहा और करेक्शन जोन में पहुंच गया।
छह महीने का फायदा, 17 दिन में स्वाहा
लाइव मिंट के मुताबिक 19 फरवरी से 13 मार्च, 2025 तक (17 ट्रेडिंग सेशन), एसएंडपी 500 ने $5.5 ट्रिलियन की मार्केट कैपिटलाइजेशन खो दी है। इससे छह महीने का मुनाफा मिट गया और यह सितंबर 2024 के स्तर पर वापस आ गया। हालांकि, शुक्रवार को इंडेक्स में मजबूत बढ़त देखी गई, जो 2025 की अब तक की सबसे बड़ी दैनिक वृद्धि थी, लेकिन यह अभी भी अपने चरम से 8.20% नीचे है।
तेजी का कारण रहे टेक स्टॉक्स, मंदी का कारण बने
एसएंडपी 500 में तेज गिरावट निवेशकों की बढ़ती अनिश्चितता को दर्शाती है। इस इंडेक्स में Apple और Nvidia Corp. जैसी 500 प्रमुख कंपनियां शामिल हैं, जो अमेरिकी शेयर बाजार का 75% हिस्सा हैं। हाल के वर्षों में अमेरिकी शेयर बाजार में तेजी का मुख्य कारण टेक स्टॉक्स रहे हैं। हालांकि, चीनी AI स्टार्टअप DeepSeek ने अमेरिकी मॉडल्स की तुलना में अधिक किफायती मॉडल विकसित किए हैं, जिससे इन कंपनियों को चुनौती मिली है।
व्हाइट हाउस बनाम वॉल स्ट्रीट
निवेशकों ने व्हाइट हाउस की व्यापार नीतियों पर चिंता जताते हुए शेयर बेचे हैं, लेकिन अधिकारी वॉल स्ट्रीट की अस्थिरता से बेफिक्र हैं। ट्रेजरी सेक्रेटरी स्कॉट बेसेंट ने कहा कि वह बाजार के उतार-चढ़ाव से चिंतित नहीं हैं, क्योंकि ट्रम्प प्रशासन अमेरिकी अर्थव्यवस्था के लंबे समय के बदलाव पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। उन्होंने कहा कि यूरोपीय संघ को ट्रेड वॉर में अधिक नुकसान होगा, क्योंकि वह अमेरिका को निर्यात पर अधिक निर्भर है।
ट्रम्प का कहना है कि टैरिफ अमेरिकी उद्योगों को पुनर्जीवित करने के लिए जरूरी हैं, जो वैश्वीकरण के दशकों के बाद सिकुड़ गए हैं। उन्होंने अपने प्रशासन में उन अधिकारियों को शामिल किया है, जो इन विचारों से सहमत हैं।
निवेशकों का मनोबल टूटा
अमेरिकन एसोसिएशन ऑफ इंडिविजुअल इन्वेस्टर्स (AAII) के सर्वे के अनुसार, निवेशकों के बीच शेयर बाजार के प्रति निराशा बढ़ रही है। बेयरिश सेंटीमेंट यानी शेयरों की कीमतों में गिरावट का भय 59.2% तक पहुंच गया है, जो ऐतिहासिक औसत 31% से काफी ऊपर है। बुलिश सेंटीमेंट यानी शेयरों की कीमतों में वृद्धि की उम्मीद केवल 19.1% पर है, जो ऐतिहासिक औसत 37.5% से नीचे है। यह स्थिति निवेशकों के बीच बढ़ती चिंता को दर्शाती है।
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