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PM Kisan की अगली किस्त पाने के लिए जरूर करा लें किसान रजिस्ट्री वरना नहीं मिलेगा पैसा

  • Kisan Registry: अगर आप चाहते हैं पीएम किसान की अगली किस्त आपके खाते में क्रेडिट हो तो इस महीने आपको किसान रजिस्ट्री करानी पड़ेगी। इसके बिना आपको पीएम किसान का पैसा नहीं मिलेगा।

Drigraj Madheshia नई दिल्ली। लाइव हिन्दुस्तानTue, 2 July 2024 11:40 AM
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Kisan Registry 2024: उत्तर प्रदेश के करीब 1.87 करोड़ पीएम किसान के लाभार्थियों के लिए काम की खबर है। अगर आप चाहते हैं पीएम किसान की अगली किस्त आपके खाते में क्रेडिट हो तो इस महीने आपको किसान रजिस्ट्री करानी पड़ेगी। इसके बिना आपको पीएम किसान का पैसा नहीं मिलेगा। अगली किस्त अगस्त से नवंबर के बीच जारी होगी। पीएम किसान पोर्टल पर 12 करोड़ से अधिक किसान रजिस्टर्ड हैं। इस योजना के तहत किसानों को उनके खाते में मोदी सरकार 2000-2000 रुपये की तीन समान किस्तों में कुल 6000 रुपये भेजती है।

किसान रजिस्ट्री के लिए ये डॉक्यूमेंट्स जरूरी: फार्मर रजिस्ट्री के लिए किसान का आधार नंबर खतौनी मोबाइल नंबर, जो आधार से लिंक है, वह जरूरी है। सभी प्रक्रिया पूरी करने के बाद किसान को जो यूनिक नंबर जारी होगा। रजिस्ट्रेशन कंप्लीट होने के बाद किसान गोल्डन कार्ड बनेगा।

कैंप लगाकर होगी किसान रजिस्ट्री: दरअसल उत्तर प्रदेश की याोगी सरकार किसानों को एक ही मंच पर सभी सरकारी योजनाओं का लाभ देने के लिए नई-नई तकनीक का इस्तेमाल कर रही हैं। किसान रजिस्ट्री अभियान 1 जुलाई से पूरे प्रदेश में शुरू हो गया है। प्रदेश में कैंप लगाकर किसानों को एक यूनिक आईडी बनाई जाएगी। 

हर खेत की एक यूनिक आईडी बनेगी

इसमें सभी किसानों के हर खेत की एक आईडी बनेगी। इसमें हर किसान के परिवार की जानकारी दर्ज होगी. जिससे किसी भी सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए किसानों को कभी कोई वेरिफिकेशन नहीं करवाना होगा। अगर कोई भी किसान और उसके परिवार का नाम दर्ज नहीं होगा, उसे पीएम किसान सम्मान निधि की 17वीं किस्त से वंचित रहना पड़ सकता है। किसान रजिस्ट्री के आधार पर सरकार को यह भी पता रहेगा कि किस किसान के कौन से खेत में फसल नहीं बोई गई है।

किसान रजिस्ट्री के फायदे

इसके माध्यम से सरकार के डिजिटल तंत्र में यह दर्ज होगा कि किस सीजन में किस किसान ने अपने कौन से खेत में कब कौन सी फसल कितने रकबे में बोई है। इससे किसान कभी भी सरकार के माध्यम से कृषि वैज्ञानिकों से यह जानकारी ले सकेंगे कि उन्हें फसल में कब कितना खाद, पानी और दवा आदि देनी है। इससे सरकार को किसी गांव में विभ‍िन्न फसलों के संभावित उत्पादन एवं वास्तविक उत्पादन के सटीक आंकड़ें मिल सकेंगे।

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