सब्जियों की कीमतों में दिख सकता है उछाल, खुदरा महंगाई की नरमी पर फल और अनाज की तेजी ने पानी फेरा
- Inflation Rate: रिटेल इन्फ्लेशन अप्रैल में 4.83 प्रतिशत रही, जो मार्च 4.85 प्रतिशत थी। वहीं, खाद्य वस्तुओं की खुदरा मुद्रास्फीति मार्च में 8.52 प्रतिशत थी, अप्रैल में बढ़कर 8.70 प्रतिशत पहुंच गई।
अप्रैल में खुदरा महंगाई ने मामूली राहत दी है, लेकिन खाद्य महंगाई को लेकर चिंता बनी हुई है। रिटेल इन्फ्लेशन अप्रैल में 4.83 प्रतिशत रही, जो मार्च 4.85 प्रतिशत थी। वहीं, खाद्य वस्तुओं की खुदरा मुद्रास्फीति मार्च में 8.52 प्रतिशत थी, अप्रैल में बढ़कर 8.70 प्रतिशत पहुंच गई। सोमवार को जारी सरकारी आंकड़ों से यह जानकारी मिली है।
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय के आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल में खुदरा मुद्रास्फीति 11 महीने के निचले स्तर पर रही लेकिन यह अब भी आरबीआई ने दायरे के ऊपर बनी है। इस बार खुदरा महंगाई पर ज्यादा असर खाने-पीने की चीजों का पड़ा है, क्योंकि खाद्य महंगाई के आंकड़े बढ़ गए हैं। आंकड़ों के अनुसार, मासिक आधार अनाज, फलों और मांस-मछली की कीमतों में बढ़ोतरी हुई है। इसके उलट सब्जियों और दालों की कीमतों में हल्की गिरावट देखने को मिली।
इनके वस्तुओं दाम घटे-बढ़े
वस्तुएं मार्च 2024 (प्रतिशत) अप्रैल 2024 (प्रतिशत)
अनाज 8.37 8.63
फल 3.07 5.22
मांस-मछली 6.36 8.17
अंडे 10.33 7.08
दालें 17.71 16.84
सब्जियां 28.34 27.80
मसाले 11.40 7.75
आरबीआई के दायरे से अब भी बाहर
सरकार ने खुदरा मुद्रास्फीति को दो प्रतिशत की घट-बढ़ के साथ चार प्रतिशत पर रखने का लक्ष्य भारतीय रिजर्व बैंक को दिया हुआ है। खुदरा महंगाई भले ही लगातार दूसरे महीने पांच फीसदी से नीचे रही हो, लेकिन यह चार फीसदी से नीचे नहीं गई है। आरबीआई अपनी द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा में ब्याज दरें निर्धारित करते समय खुदरा मुद्रास्फीति के आंकड़ों पर गौर करता है। रिजर्व बैंक का कहना है कि आगे चलकर खाद्य वस्तुओं के दाम मुद्रास्फीति के रुख को प्रभावित करते रहेंगे।
सब्जियों की कीमतों में दिख सकता है उछाल
मिंट के सर्वेक्षण में 22 अर्थशास्त्रियों ने अप्रैल माह में खुदरा महंगाई के 4.87 पर स्थिर रहने का अनुमान जताया था। उनका कहना था कि मार्च के बाद से खाद्य पदार्थों की कीमतों पर दबाव बढ़ रहा है, जो काफी हद तक मौसमी है। वहीं, क्रिसिल ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि भारतीय मौसम विभाग के अनुसार जून तक सामान्य से तापमान ऊपर रहने की संभावना है। इसका असर सब्जियों के उत्पादन पर पड़ेगा। इसके चलते अगले कुछ महीनों तक सब्जियों की कीमतें ऊंची रह सकती हैं।
आपकी मासिक किस्त कम होने में अब भी तीन बाधाएं
1. जब तक खुदरा मंहगाई चार फीसदी से नीचे नहीं आती, आरबीआई रेपो दर में कटौती टाल सकता है।
2. अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने भी ब्याज दरों में कटौती नहीं की है, आरबीआई की नजर उसके फैसले पर है।
3. कच्चे तेल, कमोडिटी और अन्य आयातित वस्तुओं की कीमतों में उछाल आ रहा है, इससे महंगाई पर असर पड़ सकता है।
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