Tata Sons के IPO पर लगा ब्रेक! चुकाया गया 20000 करोड़ रुपये का कर्ज, कंपनी नहीं होगी पब्लिक
- टाटा संस का आईपीओ अब नहीं आएगा। रिपोर्ट के अनुसार टाटा संस ने 20,000 करोड़ रुपये के कर्च का भुगतान कर दिया है। जिसकी वजह से कंपनी पब्लिक नहीं होगी। अभी इस पूरे मसले पर आधिकारिक बयान का इंतजार किया जा रहा है।
Tata Sons IPO: टाटा संस ने 20,000 करोड़ रुपये के कर्ज का भुगतान कर दिया है। इकनॉमिक्स टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार टाटा ग्रुप में 410 बिलियन डॉलर की होल्डिंग वाले टाटा संस ने रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया से रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट सौंपने की मांग की है। सेंट्रल बैंक के नियमों के अनुसार अगर यह लोन जारी रहता तो टाटा संस की लिस्टिंग जरूरी हो जाती है। टाटा संस अधिकतम 20,300 करोड़ रुपये भुगतान किया है। अभी तक इस मसले पर कोई भी आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है। बता दें, अभी नॉन कंवर्टिबल डिबेंचर्स और प्रीफरेंस शेयर 363 करोड़ इससे अलग हैं। टाटा संस ने अपनी बकाया को पूरा करने के लिए स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के पास 405 करोड़ रुपये अलग जमा करके रखे हैं।
ग्रुप की कंपनियों में निवेश करने के लिए टाटा संस ने बाजार और बैंकों से पैसा लिया था। जिसकी वजह से रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने टाटा संस को सितंबर 2022 में एनबीएफसी अपर लेयर में वर्गीकृत कर दिया था। रिजर्व बैंक नियमों के अनुसार एनबीएफसी-यूएल में इस तरह से वर्गीकृत होन के बाद कंपनी को तीन साल के अंदर लिस्ट होना पड़ता है।
टाटा संस के द्वारा लोन चुकाने के बाद अब प्रमोटर जोखिम प्रोफाइल में भारी कम आई गई। जिसके बाद अब टाटा संस को लिस्ट होने की आवश्यकता नहीं है। टाटा संस ने सेंट्रल बैंक ने अपना रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट सरेंडर करने का आग्रह किया है।
1 शेयर पर 35000 रुपये का डिविडेंड
टाटा संस ने अपने शेयरधारकों को एक शेयर 35,000 रुपये का डिविडेंड दिया है। ईटी की रिपोर्ट के अनुसार टाटा संस 13 लिस्टेड कंपनियों से सालाना करीब 24,000 करोड़ रुपये का लाभांश कमाता है। टाटा संस में सबसे बड़ा हिस्सा दोराबजी टाटा ट्रस्ट के पास है। जिनकी कुल हिस्सेदारी 28 प्रतिशत है। वहीं, रतन टाटा ट्रस्ट के पास 24 प्रतिशत हिस्सा है। इसके अलावा टाटा संस में Sterling Investment, Cyrus Investments, टाटा मोटर्स, टाटा केमिल्स और टाटा पावर की हिस्सेदारी है।
टाटा संस को मिलने वाले डिविडेंड में 19,000 करोड़ रुपये का योगदान सिर्फ टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज का होता है। टाटा स्टील 1450 करोड़ रुपये और टाटा मोटर्स 2000 करोड़ रुपये का योगदान देता है।
31 मार्च 2023 तक टाटा संस का कुल कर्ज 20,642 करोड़ रुपये का था। वहीं, मार्च 2024 तक आते-आते टाटा संस ने अपने कर्ज को 25 प्रतिशत घटा दिया। टाटा संस ने टीसीएस के शेयरों की बिक्री करके भी 9300 करोड़ रुपये जुटाए थे।
टाटा संस का खर्च कम हुआ
वित्त वर्ष 2024 में टाटा संस का खर्च सालाना आधार पर 27 प्रतिशत कम हो गया। इस दौरान कंपनी का खुल खर्च 2776 करोड़ रुपये रहा। एक साल पहले कंपनी ने 3794.70 करोड़ रुपये खर्च किए थे।
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