Success Story: टॉयलेट साफ किया, वेटर बने और अब दुनिया की सबसे मूल्यवान कंपनी के मालिक
- Success Story: एनवीडिया के मालिक जेनसेन हुआंग का वेटर से दुनिया की सबसे मूल्यवान कंपनी के मालिक बनने तक के सफर की कहानी बड़ी दिलचस्प है।
एनवीडिया के मालिक जेनसेन हुआंग कभी टॉयलेट साफ करने और लोगों के कपड़े धोने का भी काम करते थे और आज उन्होंने इसे दुनिया की सबसे मूल्यवान कंपनी बना डाला। एआई और सेमीकंडक्टर चिप बनाने वाली अमेरिकी कंपनी एनवीडिया ने माइक्रोसॉफ्ट को पछाड़ कर यह मुकाम हासिल किया है। बीते मंगलवार को एनवीडिया के शेयरों में 3.5 फीसदी का उछाल दर्ज किया गया, जिससे कंपनी का मार्केट कैप बढ़कर 278 लाख करोड़ रुपये हो गया। इस साल अब तक कंपनी के शेयरों में 174 फीसदी का उछाल आया है। इससे पहले एनवीडिया ने इसी महीने पांच जून को आईफोन बनाने वाली कंपनी एप्पल को पीछे छोड़कर दूसरी सबसे मूल्यवान कंपनी का खिताब अपने नाम किया था।
सीईओ 12वें सबसे अमीर शख्स बने
एनवीडिया की इस कामयाबी का जोरदार फायदा कंपनी के संस्थापक और सीईओ जेनसन हुआंग को भी हुआ है। ब्लूमबर्ग बिलेनियर्स इंडेक्स के अनुसार, एनवीडियो के शेयरों में तेजी के कारण जेनसन दुनिया के 12वें सबसे अमीर इंसान बन गए हैं। इनकी कुल संपत्ति बढ़कर 119 अरब डॉलर तक पहुंच गई है।
संघर्ष भरा रहा जीवन
1963 में ताइवान में जन्मे जेनसन हुआंग का बचपन मुश्किलों से भरा था। 1973 में माता-पिता ने उन्हें अपने रिश्तेदार के पास अमेरिका भेजा। उन्होंने ओरगन यूनिवर्सिटी से इलेक्ट्रिकल ब्रांच से बीटेक किया। फिर 1992 में स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से मास्टर की डिग्री ली। जेनसेन अपनी पढ़ाई का खर्च निकालने के लिए वेटर की नौकरी करते थे। उन्होंने टॉयलेट साफ करने और लोगों के कपड़े धोने का भी काम किया।
स्टैंडफोर्ड ग्रेजुएट स्कूल ऑफ बिजनेस के एक साक्षात्कार में उन्होंने बताया था कि कोई काम छोटा नहीं है। मैंने अपनी जरूरतें पूरी करने के लिए बर्तन भी धोया है। उन्होंने बताया था कि वह कुछ महीने तक डेनी रेस्टोरेंट में वेटर का काम किया था।
30 की उम्र में एनवीडिया की नींव रखी थी
जेनसन हुआंग के मुताबिक एक ऑफिस में काम करने के दौरान उन्होंने चिप के बारे में बहुत कुछ सीखा था। फिर दोस्तों-क्रिस मैलाचोव्स्की और कर्टिस प्रीम के साथ मिलकर 30 साल की उम्र में एनवीडियो की नींव रखी। 1993 में कंपनी की शुरुआत एक रेस्टोरेंट में की गई थी।
इन तीनों ने मिलकर सबसे पहले ग्राफिक्स प्रोसेसिंग यूनिट बनाई। सुबह 6 बजे से पूरी रात काम करते थे। कुछ समय बाद कंपनी दिवालिया होने के कगार पर पहुंच गई, लेकिन उन्होंने कंपनी को संभाला और आज उसे दुनिया की सबसे बड़ी पूंजी वाली कंपनी भी बनाई।
दुनिया की टॉप-5 मार्केट कैप वाली कंपनियां
कंपनियों के नाम----------बाजार पूंजी (रुपये में)
1. एनवीडिया-----------278 लाख करोड़
2. माइक्रोसॉफ्ट---------276 लाख करोड़
3. एप्पल--------------274 लाख करोड़
4. अल्फाबेट (गूगल)-----180 लाख करोड़
5. अमेजन-------------158 लाख करोड़
6. सऊदी अरामको-------148 लाख करोड़
दुनिया में एआई चिप बिक्री में 70 फीसदी हिस्सेदारी
हाल के वर्षों में पूरी दुनिया में एआई चिप की बिक्री बढ़ी है। इनकी 70 फीसदी हिस्सेदारी एनवीडिया की है। अब एनवीडिया दुनिया की सबसे आधुनिक एआई चिप बनाने में जुटा है। हाल ही में जेनसन हुआंग ने कहा था कि एनवीडिया 2026 में सबसे आधुनिक एआई चिप प्लेटफॉर्म रुबिन लॉन्च करेगी। यह ब्लैकवेल की जगह लेगी। ब्लैकवेल को मार्च में लॉन्च किया गया था, जिसे दुनिया का सबसे ताकतवर चिप बताया गया था।
रिलायंस और टाटा समूह से समझौता
दुनिया की सबसे बड़ी चिप कंपनी एनवीडिया ने पिछले साल सितंबर में दो बड़े भारतीय कारोबारी समूहों के साथ साझेदारी का ऐलान किया था। इसमें रिलायंस इंडस्ट्री और टाटा समूह शामिल हैं। यह साझेदारी सिर्फ न सिर्फ भारत में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर को बनाने की दिशा में अहम कदम है, बल्कि इससे देश के तकनीकी दक्षता को और निखारने में मदद मिलेगी। टाटा समूह के साथ मिलकर कंपनी एआई आधारित प्लेटफॉर्म विकसित करेगी। साथ ही दोनों कंपनी मिलकर एआई सुपरकंप्यूटर बनाएंगी। एनवीडिया के भारत में चार इंजीनियरिंग डेवलपमेंट केंद्र हैं। ये केंद्र-हैदराबाद, पुणे, गुरुग्राम और बेंगलुरु में हैं।
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