₹404 का यह शेयर टूटकर ₹17 पर आ गया, इस एक खबर के बाद बर्बाद हुए निवेशक
Yes Bank Share: बीते कुछ दिनों से प्राइवेट सेक्टर के यस बैंक के शेयरों में उतार-चढ़ाव देखने को मिला है। सप्ताह के आखिरी कारोबारी दिन शुक्रवार को यह शेयर मामूली गिरावट के साथ 16.97 रुपये पर बंद हुआ।
Yes Bank Share: बीते कुछ दिनों से प्राइवेट सेक्टर के यस बैंक के शेयरों में उतार-चढ़ाव देखने को मिला है। सप्ताह के आखिरी कारोबारी दिन शुक्रवार को यह शेयर मामूली गिरावट के साथ 16.97 रुपये पर बंद हुआ। यस बैंक के शेयर पैटर्न को देखें तो ऑल टाइम हाई से 95 प्रतिशत या उससे ज्यादा टूट चुका है।
404 रुपये तक गया था भाव
साल 2019 के अगस्त महीने में यस बैंक के एक शेयर की कीमत 404 रुपये थी। इसके बाद यस बैंक से जुड़ी तमाम निगेटिव खबरों का असर बैंक के शेयरों पर पड़ा। साल 2020 में एक ऐसा भी वक्त आया जब यस बैंक के शेयर की कीमत 5 रुपये से नीचे थी। बता दें कि जून 2005 में यस बैंक का इनीशियल पब्लिक ऑफरिंग यानी आईपीओ आया था। इसके जरिए बैंक की शेयर बाजार में लिस्टिंग हुई थी।
यस बैंक के इस हालात का जिम्मेदार कौन
साल 2016 के बाद यस बैंक से जुड़ी निगेटिव खबरों का दौर शुरू हुआ है। इसके केंद्र में बैंक के फाउंडर राणा कपूर थे। साल 2018 में रिजर्व बैंक ने यस बैंक बोर्ड को फाउंडर राणा कपूर को एमडी और सीईओ नियुक्त करने की मंजूरी दी थी। राणा कपूर के दौर में बैंक के बुरे दिन शुरू हो गए। यस बैंक को लगातार घाटा होने लगा तो नॉन-परफॉर्मिंग एसेट एनपीए में भी बढ़ोतरी होती चली गई। राणा कपूर पर गड़बड़ी के आरोप लगे। वहीं, कई ऐसे लोगों या कंपनियों को कर्ज दिए गए जिनकी फाइनेंशियल स्थिति ठीक नहीं थी। आरोप ये भी थे कि शेल कंपनियां बनाकर पैसों की हेरफेर की गई है।
इस बीच, राणा कपूर कंपनी में अपनी हिस्सेदारी कम करते गए। इस बीच, तमाम विदेशी फंड हाउस और क्रेडिट एजेंसियों ने यस बैंक का आउटलुक निगेटिव कर दिया। इसके बाद रिजर्व बैंक को दखल देनी पड़ी और यस बैंक पर निगरानी बढ़ा दिया। रिजर्व बैंक ने बैंक के बोर्ड को भंग कर दिया। 2020 में बैंक के साथ ही ग्राहकों के पैसों की निकासी पर भी पाबंदियां लगा दी।
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