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Yes बैंक केस ने फाइनेंशियल सिस्टम को हिला दिया, SC की तीखी टिप्पणी, राणा कपूर की जमानत अर्जी खारिज

सुप्रीम कोर्ट ने यस बैंक के फाउंडर राणा कपूर को बड़ा झटका दिया है। कोर्ट ने राणा कपूर के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उनकी जमानत याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया।

Deepak Kumar लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीFri, 4 Aug 2023 12:00 PM
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Yes बैंक केस ने फाइनेंशियल सिस्टम को हिला दिया, SC की तीखी टिप्पणी, राणा कपूर की जमानत अर्जी खारिज

सुप्रीम कोर्ट ने यस बैंक के फाउंडर राणा कपूर को बड़ा झटका दिया है। कोर्ट ने राणा कपूर के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उनकी जमानत याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया। शीर्ष अदालत ने कहा कि इस मामले ने पूरी वित्तीय प्रणाली को हिलाकर रख दिया।

मुश्किल में राणा कपूर: हाल ही में बाजार नियामक सेबी ने राणा कपूर को बैंक के एटी-1 बॉन्ड की गलत बिक्री करने के मामले में 2.22 करोड़ रुपये का भुगतान करने का नोटिस भेजा है। सेबी के मुताबिक इस राशि का भुगतान नहीं करने पर कपूर की संपत्तियों और बैंक खातों को कुर्क कर लिया जाएगा।

यह मामला यस बैंक के अधिकारियों की तरफ से खुदरा निवेशकों को एटी-1 बॉन्ड की गलत बिक्री करने से संबंधित है। आरोप है कि बैंक अधिकारियों ने निवेशकों को इस बॉन्ड से जुड़े जोखिम के बारे में नहीं बताया था। ये बॉन्ड 2016 से लेकर 2019 के दौरान बेचे गए थे।

कहानी अर्श से फर्श पर आने की: बता दें कि यस बैंक की शुरुआत साल 2004 में राणा कपूर ने अपने रिश्तेदार अशोक कपूर के साथ मिलकर की थी। साल 2008 में मुंबई में 26/11 के आतंकी हमले में अशोक कपूर की मौत हो गई। इसके बाद अशोक कपूर की पत्नी मधु कपूर और राणा कपूर के बीच बैंक के मालिकाना हक की लड़ाई हुई लेकिन जीत अदालत में राणा कपूर को जीत मिली। साल 2018 में रिजर्व बैंक ने यस बैंक के बोर्ड को राणा कपूर को एमडी और सीईओ नियुक्त करने की मंजूरी दे दी।

बुरे दौर की शुरुआत: राणा कपूर के दौर में बैंक के बुरे दिन शुरू हो गए। बैंक को लगातार घाटा होने लगा तो एनपीए में भी बढ़ोतरी होती चली गई। आरोप ये भी लगा कि राणा कपूर की वजह से ये आंकड़े सार्वजिनक नहीं हो पाए। वहीं, कई ऐसे लोगों या कंपनियों को कर्ज दिए गए जिनकी फाइनेंशियल स्थिति ठीक नहीं थी। राणा कपूर चुपचाप अपनी हिस्सेदारी कम करते गए, फिर रिजर्व बैंक को दखल देनी पड़ी।

रिजर्व बैंक ने कमान अपने हाथ में ली और बोर्ड को भंग कर दिया। इसके साथ ही ग्राहकों के पैसों की निकासी पर भी पाबंदियां लगा दी। इस बीच, तमाम विदेशी फंड हाउस और क्रेडिट एजेंसियों ने यस बैंक का आउटलुक निगेटिव कर दिया। इस दौरान यस बैंक के शेयर भी बुरी तरह क्रैश हुए। यह शेयर अगस्त 2019 में 404 रुपये का था जो अब 17 रुपये के स्तर पर है।

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