48% टूट चुका यह शेयर, निवेशकों को बड़ा नुकसान, ₹382 पर आ गया है भाव
आर्थिक मंदी की चिंता, प्रमुख केंद्रीय बैंकों द्वारा ब्याज दरों में बढ़ोतरी और कमजोर कमाई के कारण भारतीय प्रमुख आईटी शेयर दबाव में हैं।
Wipro Share: आर्थिक मंदी की चिंता, प्रमुख केंद्रीय बैंकों द्वारा ब्याज दरों में बढ़ोतरी और कमजोर कमाई के कारण भारतीय प्रमुख आईटी शेयर (IT Stock) दबाव में हैं। पिछले एक साल में इस क्षेत्र के अधिकांश लार्ज कैप शेयरों ने खराब प्रदर्शन किया है। विशेष रूप से विप्रो के शेयर ने अपने उद्योग प्रतिस्पर्धियों की तुलना में काफी कमजोर प्रदर्शन किया है। सितंबर 2023 के अपने हाई ₹443.75 से स्टॉक 14% गिरकर ₹382 के वर्तमान स्तर पर कारोबार कर रहा है। इसके अलावा, यह जनवरी 2021 में हासिल किए गए ₹739.85 के अपने ऑल टाइम हाई से 48.36% गिर गया है।
लो प्राइस से 7.6% चढ़ा भाव
वर्तमान में यह अपने पांच महीने के निचले स्तर ₹355 से 7.6% ऊपर कारोबार कर रहा है। 18 अक्टूबर को कंपनी ने सितंबर तिमाही (Q2FY24) के लिए नतीजे जारी किए। सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) कंपनी विप्रो का चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) का एकीकृत शुद्ध लाभ 2,667.3 करोड़ रुपये पर लगभग स्थिर बना रहा। कंपनी ने बुधवार को शेयर बाजारों को दी जानकारी में कमजोर वैश्विक आर्थिक परिदृश्य के कारण चालू तिमाही में राजस्व में 3.5 प्रतिशत की गिरावट का अनुमान लगाया है। एक साल पहले की समान तिमाही में कंपनी का एकीकृत लाभ 2,649.1 करोड़ रुपये रहा था।
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विप्रो का अक्टूबर-दिसंबर तिमाही के लिए आईटी सेवाओं की वृद्धि का अनुमान 3.5-1.5 प्रतिशत कम है, जो स्थिर मुद्रा के संदर्भ में लगभग 21,642.59-22,097.44 करोड़ रुपये है। विप्रो ने कहा कि जुलाई-सितंबर अवधि में उसका एकीकृत परिचालन राजस्व हल्की गिरावट के साथ 22,515.9 करोड़ रुपये पर आ गया। पिछले साल की समान तिमाही में उसका परिचालन राजस्व 22,539.7 करोड़ रुपये रहा था।
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