Hindi Newsबिज़नेस न्यूज़why Wholesale price of sunflower oil Rs 66 per litre but retail MRP Rs 196

सूरजमुखी तेल का थोक भाव 66 रुपये लीटर, लेकिन खुदरा एमआरपी 196 रुपये

दिसंबर, 2022 में सूरजमुखी तेल का एमआरपी 135-140 रुपये लीटर था। दिसंबर से मई के बीच थोक दाम में 530 डॉलर की कमी आई है तो फिर 14 अप्रैल, 2023 को पैकिंग तारीख वाले रजमुखी तेल का एमआरपी 196 रुपये कैसे छपा

Drigraj Madheshia एजेंसी, नई दिल्लीMon, 5 June 2023 02:25 PM
share Share

विदेशों में खाद्य तेलों के दाम में भारी गिरावट आई है और कम आयात शुल्क के कारण देश में इन तेलों का इतना अधिक आयात हो चुका है कि इसके आगे देसी किसानों की सरसों, बिनौला जैसी फसलों की खपत नहीं हो पाएगी। अगले कुछेक दिन में पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश की सूरजमुखी फसल बाजार में पूरी तरह से आना शुरू हो जाएगी। आयातित सूरजमुखी तेल का बंदरगाह पर 66 रुपये लीटर का थोक दाम है, उसके आगे तो देशी सूरजमुखी तेल (लगभग 135 रुपये लीटर) कतई खपने की गुंजाइश नहीं है। 

सूत्रों ने कहा कि दिसंबर, 2022 से पहले अधिकतम खुदरा मूल्य (MRP) कम करने के संबंध में तेल उद्योग के साथ सरकार की कई बैठकें हो चुकी थीं। दिसंबर, 2022 में सूरजमुखी तेल का एमआरपी 135-140 रुपये लीटर था। उसके बाद दिसंबर से मई, 2023 के बीच सूरजमुखी तेल के थोक दाम में 530 डॉलर प्रति टन की कमी आई है तो फिर 14 अप्रैल, 2023 को पैकिंग तारीख वाले सूरजमुखी तेल का एमआरपी 196 रुपये कैसे छपा हो सकता है। यहां दाम घटाने के बजाय उल्टा बढ़ा हुआ नजर आता है। इस प्रकरण की छानबीन होनी चाहिए।

सरसों किसान एमएसपी से 15-20 प्रतिशत नीचे बेचें और देशी सूरजमुखी बीज 30-35 प्रतिशत नीचे बेचना भी चाहें तो खरीदार नहीं हैं। ऐसी स्थिति कैसे पैदा हुई है इस पर संबद्ध अधिकारियों को विचार करना होगा। सूत्रों ने कहा कि कृषि मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, तिलहन की गर्मी की फसल में 10 प्रतिशत की कमी रही है और खरीफ तिलहन फसल की चालू बिजाई का रकबा भी पहले के 56,000 हेक्टेयर से घटकर 53,000 हेक्टेयर रह गया है। ऐसे ही रहा, तो आगे स्थिति और गंभीर हो सकती है। यह तेल-तिलहन उत्पादन में आत्मनिर्भरता हासिल करने का प्रयास कर रहे देश के तिलहन किसानों का मोहभंग होने का संकेत हो सकता है। इसे गंभीरता से लेते हुए स्थिति को काबू में करने की जरुरत है।

कच्चे पाम तेल और पामोलीन तेल के दाम टूटे
       
सूत्रों ने कहा कि सूरजमुखी, कच्चे पाम तेल और पामोलीन तेल के दाम टूटे पड़े हैं। उन्होंने कहा कि आज स्थिति यह है कि शुल्कमुक्त सूरजमुखी तेल का थोक दाम (बगैर रिफाइंड वाला 65-66 रुपये और रिफाइंड सूरजमुखी 70 रुपये लीटर) पामोलीन तेल के थोक दाम (74 रुपये लीटर) से कम हो गया है, जो अपने आप में अनोखा है। इस गिरावट का कारण आयातित सूरजमुखी तेल का थोक दाम 940 डॉलर प्रति टन से घटकर 870 डॉलर प्रति टन रह जाना है।

तिलहन किसान 'हेजिंग' नहीं करते

सूत्रों ने कहा कि तिलहन किसान 'हेजिंग' नहीं करते और इसी वायदा कारोबार ने तो आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु में भारी पैदावार वाले सूरजमुखी और मूंगफली की खेती को गंभीर आघात पहुंचाया है जिसके कारण इन जगहों पर जो अच्छी पैदावार होती थी, वह लगभग खत्म हो गयी है। वायदा कारोबार में इन तेलों के दाम इतने घटाये-बढ़ाये जाते थे कि किसानों के सामने हमेशा अनिश्चितता की तलवार लटकने लगती थी। पिछले कुछ वर्षों से तिलहन पैदावार इसलिए भी बढ़ी है क्योंकि तिलहनों का वायदा कारोबार बंद था। वायदा कारोबार खुला होता तो आज किसानों की सोयाबीन फसल के दाम तोड़कर अब तक बिकवा दिया गया होता लेकिन फिलहाल किसान इसे रोककर अपनी मर्जी से बेचने के लिए स्वतंत्र हैं। वायदा कारोबार के जरिये अबतक सिर्फ तिलहन किसानों पर दबाव बनाया जाता रहा है।

बाजार की धारणा बिगाड़ना चीन का मकसद

सूत्रों ने कहा कि बाजार की धारणा बिगाड़ने के मकसद से चीन की एक बहुराष्ट्रीय कंपनी और एक अमेरिकी कंपनी तयशुदा शुल्क (फिक्स्ड ड्यूटी) पर 30 जून तक थोक में 'नंबर एक' गुणवत्ता वाला रिफाइंड सोयाबीन तेल 81-82 रुपये लीटर के भाव पर बेच रही हैं। इसे पैकर खरीदकर ऊंचे भाव पर बेच रहे हैं। सूत्रों के अनुसार, पिछले सप्ताहांत के मुकाबले बीते सप्ताह सरसों दाने का थोक भाव 80 रुपये की गिरावट के साथ 4,850-4,950 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। समीक्षाधीन सप्ताहांत में सरसों दादरी तेल 140 रुपये टूटकर 9,140 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। सरसों पक्की और कच्ची घानी तेल का भाव 25-25 रुपये घटकर क्रमश: 1,560-1,640 रुपये और 1,560-1,670 रुपये टिन (15 किलो) पर बंद हुआ।

सूत्रों ने कहा कि समीक्षाधीन सप्ताह में सोयाबीन दाने और सोयाबीन लूज का भाव क्रमश: 25 और 30 रुपये टूटकर क्रमश: 5,055-5,130 रुपये और 4,830-4,905 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। समीक्षाधीन सप्ताहांत में सोयाबीन दिल्ली, सोयाबीन इंदौर और सोयाबीन डीगम तेल के भाव भी क्रमश: 150 रुपये, 350 रुपये और 200 रुपये लुढ़ककर क्रमश: 9,500 रुपये, 9,100 रुपये और 7,800 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुए।

मूंगफली गुजरात और मूंगफली साल्वेंट रिफाइंड के भाव गिरे

खाद्य तेल कीमतों में गिरावट के अनुरूप समीक्षाधीन सप्ताह में मूंगफली तिलहन, मूंगफली गुजरात और मूंगफली साल्वेंट रिफाइंड के भाव क्रमश: 170 रुपये, 500 रुपये और 65 रुपये की गिरावट के साथ क्रमश: 6,200-6,260 रुपये,15,500 रुपये और 2,335-2,600 रुपये प्रति टिन पर बंद हुए। समीक्षाधीन सप्ताह में कच्चे पाम तेल (सीपीओ) का भाव 550 रुपये घटकर 7,850 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। जबकि पामोलीन दिल्ली का भाव 300 रुपये टूटकर 9,200 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। पामोलीन एक्स कांडला का भाव भी 150 रुपये की हानि के साथ 8,400 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। इसी तरह बिनौला तेल भी समीक्षाधीन सप्ताह में 150 रुपये की गिरावट दर्शाता 8,200 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ।

 बजट 2024 जानेंHindi News  ,  Business News की लेटेस्ट खबरें, इनकम टैक्स स्लैब Share Market के लेटेस्ट अपडेट्स Investment Tips के बारे में सबकुछ।

अगला लेखऐप पर पढ़ें