फिजिकल गोल्ड, ईटीएफ और सॉवरेन गोल्ड बांड में कौन सबसे बेहतर, जानें यहां
कोरोना संकट से दुनियाभर के शेयर बाजारों में उथल-पुथल मची हुई है। ऐसे में निवेशक सुरक्षित निवेश की तरफ रुख कर रहे हैं। इस वजह से सोना भी अब रिकॉर्ड ऊंचाई तक पहुंच गया है। सोमवार को गोल्ड 999 की कीमत...
कोरोना संकट से दुनियाभर के शेयर बाजारों में उथल-पुथल मची हुई है। ऐसे में निवेशक सुरक्षित निवेश की तरफ रुख कर रहे हैं। इस वजह से सोना भी अब रिकॉर्ड ऊंचाई तक पहुंच गया है। सोमवार को गोल्ड 999 की कीमत 46034 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गई। गोल्ड यानी सोने में निवेश करने के लिए कई निवेश विकल्प मौजूद हैं। इन विकल्पों में फिजिकल गोल्ड, गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) और सॉवरेन गोल्ड बांड शामिल हैं। मोदी सरकार ने एक बार फिर गोल्ड बांड में निवेश करने का एक और मौका पेश किया है। ऐसे में आपके लिए जानना जरूरी है कि अगर गोल्ड में ही निवेश करना है तो कहां करें ताकि ज्यादा रिटर्न भी मिले और निवेश सुरक्षित भी हो....
बता दें गोल्ड ईटीएफ और सॉवरेन गोल्ड बांड से अधिक सुविधाजनक फिजिकल गोल्ड होता है। यानी ज्वैलर्स ले खरीदा ए सोने को रखने व बेचने में आसानी होती है। हालांकि गोल्ड ईटीएफ और सॉवरेन गोल्ड बांड में फिजिकल गोल्ड की तरह शुद्धता चेक करने की भी जरूरत नहीं होती है।
फिजिकल गोल्ड
नेशन स्टॉक एक्सचेंज के मुताबिक फिजिकल गोल्ड अपने वास्तविक मूल्य से कम रिटर्न देता है। इसको रखना तो आसान है पर चोरी होने का जोखिम ज्यादा होता है। इतना ही नहीं हॉलमार्क न हो तो इसकी शुद्धता भी संदिग्ध होती है। जहां तक इसको बेचने की बात है तो इसे किसी भी ज्वैलर्स के यहां आसानी से बेच सकते हैं। इस पर बैंक आसानी से लोन भी दे देते हैं।
गोल्ड ईटीएफ
फिजिकल गोल्ड की तरह इसमें भी रिटर्न कम मिलता है। हालांकि यह घर में रखे सोने के गहने की तुलना में ज्यादा सुरक्षित होता है। जहां तक शुद्धता का सवाल है तो इलेक्ट्रानिक रूप में होने के कारण इसकी शुद्धता का पूरा भरोसा कर सकते हैं। इस पर तीन साल के बाद लांग टर्म कैपिटल गेन टैक्स लगता है। इस पर लोन नहीं मिलता। इसे एक्सचेंज पर कभी भी बेचा जा सकता है और इसको रखने का खर्च भी काफी कम है।
सॉवरेन गोल्ड बांड
रिटर्न के लिहाज से यह सबसे बेहतरीन है। सोने की कीमत में जितनी बढ़ोतरी होगी, उससे अधिक वास्तविक रिटर्न मिलेगा। यह फिजिकल गोल्ड की तुलना में अधिक सुरक्षित है। जहां तक शुद्धता की बात है तो इलेक्ट्रॉनिक रूप में होने के कारण इसकी शुद्धता पर कोई संदेह नहीं किया जा सकता। इस पर तीन साल के बाद लांग टर्म कैपिटल गेन टैक्स लगेगा (मैच्योरिटी तक रखने पर कैपिटल गेन टैक्स नहीं लगेगा) वहीं इसका लोन के लिए इसका उपयोग कर सकते हैं। अगर बात रिडेंप्शन की करें तो पांच साल के बाद कभी भी इसको भुना सकते हैं।
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