Hindi Newsबिज़नेस न्यूज़Vodafone Idea happy with supreme court decision to pay AGR dues in pieces

एजीआर के बकाये का टुकड़ों में भुगतान के फैसले से वोडाफोन आइडिया खुश 

संकट में फंसी दूरसंचार कंपनी वोडाफोन आइडिया लि. (वीआईएल) ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा ऑपरेटरों को समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) का बकाया चुकाने के लिए 10 साल का समय देने के फैसले को अंतत: एक अच्छा...

Drigraj Madheshia एजेंसी, नई दिल्लीMon, 7 Sep 2020 01:48 PM
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संकट में फंसी दूरसंचार कंपनी वोडाफोन आइडिया लि. (वीआईएल) ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा ऑपरेटरों को समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) का बकाया चुकाने के लिए 10 साल का समय देने के फैसले को अंतत: एक अच्छा नतीजा बताया है। हालांकि, इसके साथ ही वोडाफोन आइडिया का मानना है कि मोबाइल शुल्कों में बढ़ोतरी जरूरी है, तभी दूरसंचार कंपनियां टिक सकेंगी और मुनाफे की स्थिति में लौट सकेंगी। 

वोडाफोन आइडिया के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) रविंदर टक्कर ने सोमवार को एक वर्चुअल संवाददाता सम्मेलन में कहा कि पूर्व में कंपनी शुल्क बढ़ाने से नहीं हिचकिचाती थी। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि नियामक और सरकार को न्यनूतम दर की अधिकतम सीमा तय करने के लिए कदम उठाना चाहिए। वोडाफोन आइडिया के निदेशक मंडल ने पिछले सप्ताह इक्विटी और ऋण के जरिये 25,000 करोड़ रुपये जुटाने की योजना को मंजूरी दी है। इससे कंपनी को परिचालन में बने रहने में मदद मिलेगी। 

कंपनी पर करीब 50,000 करोड़ रुपये का एजीआर का बकाया 

इस राशि से नकदी संकट से जूझ रही दूरसंचार कंपनी को बड़ी राहत मिल सकेगी। कंपनी को जहां भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है वहीं उसके ग्राहकों की संख्या घट रही है तथा प्रति ग्राहक औसत राजस्व (एआरपीयू) नीचे आ रहा है। इसके अलावा कंपनी पर करीब 50,000 करोड़ रुपये का एजीआर का बकाया है। इससे पहले इसी महीने उच्चतम न्यायालय ने दूरसंचार कंपनियों को एजीआर के बकाये का भुगतान दस साल में करने की अनुमति दी है। इसकी शुरुआत अगले वित्त वर्ष से होगी। हालांकि, कंपनियों को 10 प्रतिशत बकाया का भुगतान इसी वित्त वर्ष में करना होगा। 

10 साल का समय देने पर न्यायालय का आभार जताया

टक्कर ने कहा, ''10 साल में भुगतान न्यायालय के फैसले का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसके अलावा 10 प्रतिशत का शुरुआती भुगतान करना होगा, जो कंपनी पहले ही दूरसंचार विभाग को अदा कर चुकी है। ऐसे में न्यायालय के फैसले के अनुरूप हमें पहला भुगतान मार्च, 2022 में करना होगा। यह दस साल के भुगतान की पहली किस्त होगी। अंतत: इस फैसले का नतीजा अच्छा रहा है। उन्होंने उच्चतम न्यायालय के टुकड़ों में भुगतान के फैसले को एक महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने कहा कि यह काफी उपयोगी होगा, क्योंकि हम अपनी 10 साल की यात्रा की योजना बना सकेंगे। उन्होंने भुगतान के लिए 10 साल का समय देने पर न्यायालय का आभार जताया। 

मोबाइल शुल्कों में बढ़ोतरी पर उन्होंने कहा कि समूचे उद्योग का मानना है कि भारत में दरें टिकने योग्य नहीं हैं। कंपनियों को अपनी लागत से कम पर बिक्री करनी पड़ रही है। पिछले वर्षों के दौरान डेटा और वॉयस के इस्तेमाल में भारी वृद्धि का उल्लेख करते हुए टक्कर ने कहा कि लघु अवधि मोबाइल दरों में बढ़ोतरी जरूरी है।

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