कोविड-19 महामारी के बाद से भारतीय मसालों की मांग बढ़ी, जानें किसकी है सबसे अधिक डिमांड
वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के संयुक्त सचिव (वृक्षारोपण) दिवाकर नाथ मिश्रा ने कहा कि पिछले साल कोविड-19 महामारी फैलने के बाद से मसालों की मांग बढ़ी है और विशेष रूप से भारतीय मसालों के औषधीय गुणों पर...
वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के संयुक्त सचिव (वृक्षारोपण) दिवाकर नाथ मिश्रा ने कहा कि पिछले साल कोविड-19 महामारी फैलने के बाद से मसालों की मांग बढ़ी है और विशेष रूप से भारतीय मसालों के औषधीय गुणों पर कई अध्ययन किए गए हैं। मिश्रा मसाला बोर्ड द्वारा भारतीय दूतावास, अबू धाबी, संयुक्त अरब अमीरात के सहयोग से आयोजित एक अंतरराष्ट्रीय क्रेता-विक्रेता बैठक (आईबीएसएम) में मुख्य भाषण दे रहे थे, जिसमें मसाला निर्यात पर विशेष ध्यान दिया गया था।
इस वैश्विक ऑनलाइन कार्यक्रम को बुधवार को आयोजित किया गया था और इसका उद्घाटन भारतीय दूतावास, अबू धाबी, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के मिशन के उप प्रमुख, आईएफएस संदीप कुमार बयापू ने किया था। मिश्रा ने कहा, ''कोविड के बाद, मसालों की मांग अधिक हो गई है और इसलिए विशेष रूप से भारतीय मसालों के औषधीय गुणों पर कई शोध किए गए हैं। भारत और संयुक्त अरब अमीरात प्राचीन काल से व्यापार और संस्कृति संबंधों को साझा कर रहे हैं, और इस तरह के कार्यक्रमों से किसानों में कीटनाशकों और एंटीबायोटिक दवाओं से मुक्त अच्छी कृषि पद्धतियों को शामिल करने के बारे में जानकारी मिलेगी और जागरूकता आयेगी।''
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बयापू ने मसालों के निर्यात को बढ़ाने के लिए मसाला बोर्ड द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना की और कहा कि यूएई एक स्थान के रूप में यूरोपीय और अफ्रीकी बाजारों पर पकड़ कायम करने के लिए एक मजबूत लॉजिस्टिक अवसर प्रदान करता है। यह आयोजन मध्य पूर्व के 250 से अधिक भारतीय निर्यातकों और 40 संभावित खरीदारों को एक साथ लाया।
कार्यक्रम में विशेष संबोधन के दौरान, मसाला बोर्ड के सचिव डी साथियान ने कहा कि भारत का मसाला क्षेत्र दुबई को न केवल मसालों के एक प्रमुख उपभोक्ता के रूप में देखता है, बल्कि एक पुनर्निर्यात केंद्र के रूप में भी देखता है, जहां से भारतीय मसालों का दुनिया के विभिन्न भागों में पुन: निर्यात किया जाता है। उन्होंने आगे कहा कि बोर्ड यह सुनिश्चित करने के लिए डिजिटल खरीदार-विक्रेता बैठक (बीएसएम) की एक श्रृंखला आयोजित कर रहा है कि देश से मसालों की सोर्सिंग और आपूर्ति में कोई अंतर या बाधा न हो। यूएई मसालों के लिए भारत का चौथा सबसे बड़ा निर्यात गंतव्य है। मसाला बोर्ड द्वारा जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि वर्ष 2020-21 के दौरान, भारत ने यूएई को 22 करोड़ डॉलर मूल्य के 1,15,400 टन मसालों का निर्यात किया।
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