टाटा की कंपनी ब्रिटेन में नहीं करेगी ये काम, खतरे में 3000 लोगों की नौकरी
टाटा स्टील ने ब्रिटेन सरकार के साथ एक समझौता किया है जिसके तहत ब्लास्ट फर्नेस की जगह इलेक्ट्रिक फर्नेस लगाने की योजना है। इससे लागत घटाने और पर्यावरण को बेहतर बनाने में मदद मिलने की संभावना है।

टाटा ग्रुप की कंपनी टाटा स्टील 3000 कर्मचारियों की छंटनी करेगी। यह छंटनी ब्रिटेन के वेल्स प्लांट में होगी। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक टाटा स्टील ने कथित तौर पर अपने ब्लास्ट फर्नेस को चालू रखने के लिए बनाई गई ट्रेड यूनियन योजना को नकार दिया है। इसके बाद कंपनी अब ब्रिटेन में अपने पोर्ट टैलबोट ब्लास्ट फर्नेस को बंद कर रही है। बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार यह निर्णय टाटा के अधिकारियों और अन्य पक्षों के बीच लंदन के एक होटल में हुई बैठक के बाद लिया गया है। हालांकि, टाटा स्टील ने आधिकारिक तौर पर इस संबंध में प्रतिक्रिया नहीं दी है।
सरकार से समझौता: बता दें कि टाटा स्टील ने ब्रिटेन की सरकार के साथ एक समझौता किया है जिसके तहत ब्लास्ट फर्नेस यानी कोयले की भट्टी की जगह इलेक्ट्रिक फर्नेस लगाने की योजना है। इससे लागत घटाने और पर्यावरण को बेहतर बनाने में मदद मिलने की संभावना है। हालांकि, इस कदम से लगभग 3000 नौकरियां खत्म होने की आशंका है।
कंपनी के नुकसान की बड़ी वजह
टाटा स्टील का ब्रिटिश कारोबार पिछली कुछ तिमाहियों में कंपनी के लिए प्रमुख घाटे का कारण बना हुआ है। भारतीय स्टील निर्माता कंपनी को ब्रिटेन में अपने पोर्ट टैलबोट संयंत्र में डीकार्बोनाइजेशन परियोजना से संबंधित ₹6,358 करोड़ हानि शुल्क के कारण वित्त वर्ष 2023-24 की जुलाई-सितंबर तिमाही में ₹6,511 करोड़ का भारी नुकसान हुआ।
ब्रिटेन की सरकार का साथ: दरअसल, पिछले साल ब्रिटेन सरकार ने टाटा स्टील के वेल्स स्थित स्टील प्लांट में 1.25 अरब पाउंड के निवेश संबंधी साझा योजना का ऐलान किया था। इसके साथ ही सरकार इसमें 50 करोड़ पाउंड का अनुदान देने के लिए भी तैयार है। साउथ वेल्स के पोर्ट टालबोट में स्थित इस स्टील कारखाने में 8,000 से अधिक कर्मचारी कार्यरत हैं। इसके अलावा आपूर्ति शृंखला से जुड़ी गतिविधियों में भी करीब 12,500 लोग काम करते हैं।
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