सेंसेक्स की उड़ान: मोदी युग में तीन गुना उछलने के ये हैं पांच कारण
Sensex in Modi Government: मोदी सरकार के कार्यकाल में वैश्विक वित्तीय संकट, नोटबंदी, पीएनबी घोटाला और कोविड महामारी जैसे संकट के बावजूद भारतीय शेयर बाजार इतिहास पर इतिहास रचता आ रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अबतक के कार्यकाल में शेयर बाजार ने ऊंची उड़ान हासिल की है। वैश्विक वित्तीय संकट, नोटबंदी, पीएनबी घोटाला और कोविड महामारी जैसे संकट के बावजूद भारतीय शेयर बाजार इतिहास पर इतिहास रचता आ रहा है। सेंसेक्स इस महीने पहली बार 71600 के पार पहुंच गया। मोदी सरकार के करीब साढ़े 9 साल के कार्यकाल में सेंसेक्स तीन गुना से अधिक चढ़ा है। सेंसेक्स 2014 से 2023 के बीच 449112 अंकों की बंपर उछाल दर्ज किया है।
मई 2014 में सेंसेक्स 22493 पर खुला था और इसी महीने नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री पद की शपथ ली। मई 2014 में ही सेंसेक्स 27499 के स्तर पर बंद होने में कामयाब हुआ। इस दौरान यह एक बार 19963 के स्तर पर भी आया था। बीएसई पर दिए गए आंकड़ों के मुताबिक सेंसेक्स ने 2014 की शुरुआत 21222 के स्तर से की। इस साल इसने 28822 का उच्च स्तर को भी देखा और 19963 के लो को भी, लेकिन बंद हुआ 27499 के स्तर पर। एक साल में सेंसेक्स ने कुल 6277 अंकों की बढ़त हासिल की।
मोदी युग में सेंसेक्स के उछलने के पांच कारण
आर्थिक सुधार: स्वतंत्र सलाहकार डॉ. समीर कपूर ने बताया कि जीएसटी ने बाजार को एकीकृत कर कारोबारियों का हौसला बढ़ाया और आईबीसी ने कर्ज प्रबंधन को सुगम बनाया। 'मेक इन इंडिया' और डिजिटल इंडिया ने निवेश और रोजगार बढ़ाए।
विदेशी निवेश: एफडीआई नियमों में छूट और व्यापार सुगमता पर जोर ने विदेशी पूंजी आकर्षित की। मजबूत अर्थव्यवस्था ने विदेशी पोर्टफोलियो निवेश भी बढ़ाया।
सरकारी इंफ्रास्ट्रक्चर खर्च: सड़क, बंदरगाह, हवाईअड्डों आदि पर खर्च बढ़ने से रोजगार, निर्माण सामग्री की मांग और कनेक्टिविटी बढ़ी। निजी-सार्वजनिक भागीदारी ने इंफ्रास्ट्रक्चर विकास को गति दी।
नियंत्रित मुद्रास्फीति और ब्याज दरें: सरकार ने मुद्रास्फीति नियंत्रित कर और ब्याज दरें कम कर कारोबारों के लिए कर्ज सस्ता बनाया। वित्तीय समावेशन से छोटे कारोबारों और व्यक्तियों तक कर्ज पहुंचा।
सकारात्मक माहौल: मोदी के नेतृत्व, सुधारों और सुशासन पर जोर ने निवेशकों का विश्वास बढ़ाया। मजबूत अंतरराष्ट्रीय संबंधों और सकारात्मक मीडिया कवरेज ने भी बाजार को मजबूत किया"।
2015 बाजार के लिए मायूसी लाया: साल 2015 बाजार के लिए ठीक नहीं रहा। सेंसेक्स ने 27485 के स्तर से शुरुआत की और इस साल 30024 के उच्च स्तर को छूने के बाद 22494 के निम्न स्तर पर आ गया। अंत में 1368 अंकों के नुकसान के साथ 26117 पर बंद हुआ। साल 2016 भी सुस्त रहा। सेंसेक्स महज 524 अंकों की बढ़त हासिल कर पाया। इस वर्ष 26101 के स्तर पर खुलकर 26526 पर बंद हुआ। इस दौरान सेंसेक्स का हाई 29077 था।
2017 में बाउंस बैक: सेंसेक्स 2017 में 7345 अंकों की बढ़त हासिल किया। शुरुआत 26711 के स्तर से हुई और 34137 के उच्च शिखर को छूकर सेंसेक्स इस साल 34056 के स्तर पर बंद हुआ। साल 2018 भी ठीक ही रहा। सेंसेक्स 34059 से शुरुआत कर 36068 पर बंद हुआ। इस अवधि में इसने 2008 अंकों की बढ़त दर्ज की।
2019 से 2021 तक बंपर उछाल: मोदी सरकार जब दोबारा केंद्र में आई तो बाजार बल्लियों उछलने लगा। सेंसेक्स 2019 में 5091 अंक, 2020 में 6401 अंक और 2021 में 10468 अंकों की भारी उछाल दर्ज की। इसमें दो साल कोरोना का कहर भी था। साल 2019 में सेंसेक्स 40000 को पार कर 41809 के हाई पर पहुंचा। साल 2020 में 47896 के ऑल टाइम हाई को देखा और 2021 में तो सेंसेक्स ने कमाल कर डाला। सारे रिकॉर्डों को ध्वस्त करते हुए 62245 के सर्वोच्च शिखर पर बैठ गया।
2022 और 2023 कैसा रहा: बीएसई पर दिए गए आंकड़ों के मुताबिक सेंसेक्स 2022 में 58310 पर खुला और 2530 अंकों की बढ़त के साथ साल का अंत 60840 के स्तर पर किया। साल 2023 की शुरुआत 60871 के स्तर से हुई और अभी इसमें 13 दिन बाकी हैं, लेकिन सेंसेक्स तो मानों हर रिकॉर्ड तोड़ने के मूड में है। इस साल अबतक (15 दिसंबर के ऑल टाइम हाई 71604 की तुलना में) यह 1077334 अंकों की उछाल दर्ज कर चुका है।
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