वेदांता को झटका, ₹77 करोड़ डिविडेंड का करना होगा भुगतान
यह आदेश सेबी को अप्रैल, 2017 को केयर्न यूके होल्डिंग्स लिमिटेड से मिली शिकायत पर आया है। इसमें केयर्न इंडिया लिमिटेड पर 340.65 करोड़ रुपये के लाभांश का भुगतान न करने का आरोप लगाया गया था।
पूंजी बाजार नियामक सेबी ने वेदांता लिमिटेड (पूर्व में केयर्न इंडिया लिमिटेड) को डिविडेंड भुगतान में देरी पर ब्याज सहित 77.62 करोड़ रुपये केयर्न यूके होल्डिंग्स लिमिटेड (सीयूएचएल) को देने का निर्देश दिया। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने वेदांता लिमिटेड को 45 दिन के भीतर जुर्माना भरने को कहा है।
2 महीने के लिए प्रतिबंधित: इसके साथ ही सेबी ने नवीन अग्रवाल, तरुण जैन, थॉमस अल्बनीस और जी आर अरुण कुमार को दो महीने के लिए प्रतिभूति बाजार से प्रतिबंधित कर दिया है। वहीं प्रिया अग्रवाल, के वेंकटरमणन, ललिता डी गुप्ते, अमन मेहता, रवि कांत और एडवर्ड को एक महीने के लिए बाजार में प्रवेश करने से रोक दिया है।
क्या कहा सेबी ने
बाजार नियामक ने अपने आदेश में कहा, ‘‘नोटिस प्राप्तकर्ता नंबर 1 (वेदांत लिमिटेड) लाभांश के विलंबित भुगतान पर सीयूएचएल को 45 दिन के भीतर 77,62,55,052 रुपये का भुगतान करेगा जो 18 प्रतिशत प्रति वर्ष की दर से साधारण ब्याज के साथ होगा।’’
यह आदेश सेबी को 13 अप्रैल, 2017 को केयर्न यूके होल्डिंग्स लिमिटेड से मिली शिकायत पर आया है। इसमें केयर्न इंडिया लिमिटेड पर 340.65 करोड़ रुपये के लाभांश का भुगतान न करने का आरोप लगाया गया था। केयर्न इंडिया के इक्विटी शेयर सीयूएचएल के स्वामित्व में हैं।
आयकर विभाग की मांग
2014 में आयकर विभाग ने 2006 में केयर्न इंडिया के पुनर्गठन और लिस्टिंग को लेकर स्कॉटिश एक्सप्लोरर पर 10,247 करोड़ रुपये की कर मांग की थी। कर विभाग ने केयर्न एनर्जी की शेष हिस्सेदारी कुर्क कर ली, जबकि वेदांत ने विवाद का हवाला देते हुए लाभांश का भुगतान बंद कर दिया। यूके की कंपनी ने कर मांग का विरोध करते हुए लाभांश भुगतान रोकने के लिए सेबी से संपर्क किया।
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