एसबीआई ने सेविंग्स एकाउंट पर ब्याज दर घटाया लेकिन मिनिमम बैंलेंस से छुटकारा
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के खाता धारकों को एक तरफ जहां औसत मिनिमम बैंलेंस पर कोई चार्ज नहीं देना पड़ेगा तो वहीं सेविंग्स अकाउंट होल्डर को बैंक ने एक झटका दिया है। एसबीआई ने सभी सेविंग्स अकाउंट...
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के खाता धारकों को एक तरफ जहां औसत मिनिमम बैंलेंस पर कोई चार्ज नहीं देना पड़ेगा तो वहीं सेविंग्स अकाउंट होल्डर को बैंक ने एक झटका दिया है। एसबीआई ने सभी सेविंग्स अकाउंट होल्डर्स के लिए ब्याज दर फिक्स कर इसे 3 प्रतिशत सालाना कर दिया है। इससे पहले, एक लाख रुपये के कम के सेविंग अकाउंट पर 3.25 प्रतिशत सालाना ब्याज बैंक की तरफ से दिया जाता था और जिनके पैसे एक लाख रुपये से ज्यादा थे उन्हें 3 प्रतिशत की दर से ब्याज मिलता था।
इससे पहले एफडी पर कटौती
इससे पहले एसबीआई ने अपनी फिक्स्ड डिपॉजिट की ब्याज दरों में कटौती की घोषणा की थी। एफडी की नई दरें 10 मार्च से प्रभाव में आ गई हैं। बैंक ने एक महीने में दूसरी बार ब्याज में कटौती की है। सात दिन से 45 दिन की एफडी पर ब्याज दर अब 4 प्रतिशत होगी, जो पहले 4.50 प्रतिशत थी। एक साल और उससे अधिक अवधि के लिए जमाओं पर ब्याज दर में 0.10 प्रतिशत की कटौती की गई है। एक साल से दो साल की अवधि के लिए जमा पर ब्याज दर अब 5.90 प्रतिशत होगी, जो पहले 6 प्रतिशत थी। बुजुर्गों के लिए इसी अवधि के लिएय मियादी जमा पर ब्याज दर अब 6.50 प्रतिशत के बजाए 6.40 प्रतिशत होगी।
बैंक ने 180 दिन और उससे अधिक अवधि के लिए दो करोड़ रुपये और उससे अधिक (थोक जमा) की मियादी जमाओं पर ब्याज दर में 0.15 प्रतिशत की कटौती की है। एक साल और उससे अधिक की अवधि की थोक जमा राशि पर ब्याज दर अब 4.60 प्रतिशत होगी, जो पहले 4.75 प्रतिशत थी। इससे पहले, फरवरी में बैंक ने खुदरा मियादी जमाओं पर ब्याज दरों में 0.10 से 0.5 प्रतिशत की कटौती की थी, जबकि थोक जमा के मामले में 0.25 से 0.50 प्रतिशत की कटौती की गई थी।
एसबीआई ने दिया मिनिमम बैंलेंस से छुटकारा
देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई यानी भारतीय स्टेट बैंक ने अपने बचत खाताधारकों को बड़ी सौगात दी है। एसबीआई ने घोषणा की है कि सेविंग्स अकाउंट में अब न्यूनतम मासिक औसत राशि (एवरेज मंथली बैलेंस) रखने की जरूरत नहीं पड़ेगी। यानी हर बचत खाता अब जीरो बैलेंस खाते में तब्दील हो जाएगा। इसके अलावा बैंक ने हर तिमाही वसूला जाने वाला एसएमएस चार्ज भी खत्म कर दिया है।
मिनिमम बैलेंस की बाध्यता खत्म करने से ग्राहक सेविंग्स अकाउंट में अपने हिसाब से बैलेंस रख सकेंगे और मिनिमम मंथली बैलेंस न होने पर उनसे किसी भी तरह का चार्ज नहीं वसूला जाएगा। बैंक की ओर से जारी बयान के मुताबिक, इस कदम से एसबीआई के 44.51 करोड़ बचत खाताधारकों को फायदा होगा।
SBI: Currently, SBI Savings Bank customers' need to maintain AMB of Rs 3000, Rs 2000 and Rs 1000 in Metro, Semi-Urban and Rural areas respectively. Bank used to levy a penalty of Rs 5 to Rs 15 + taxes on non-maintenance of AMB. (11.03) https://t.co/1ljMAvbj1b
— ANI (@ANI) March 12, 2020
एसबीआई की अलग- अलग कैटिगरी के सेविंग्स अकाउंट खाताधारकों को मिनिमम बैलेंस के तौर पर 1000 रुपये से 3000 रुपये तक खाते में रखना पड़ा है। मेट्रो सिटी में मिनिमम बैलेंस 3000 रुपये, कस्बों में 2000 रुपये और ग्रामीण इलाके के सेविंग्स अकाउंट में न्यूनतम 1000 रुपये रखना होता है।
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