Hindi Newsबिज़नेस न्यूज़SBI earned Rs 1771 crore from fines for not having minimum balance in saving accounts

खातों में मिनिमम बैलेंस न होने पर SBI ने जुर्माने से 1,771.67 करोड़ रुपये कमाए

खाते में न्यूनतम राशि नहीं रखने पर जुर्माना लगाने का प्रावधान एसबीआई ने अप्रैल 2017 में शुरू किया था। बाद में अक्टूबर 2017 में जुर्माने की राशि को कम कर दिया था।  वित्त मंत्रालय के आंकड़ों...

Drigraj Madheshia एजेंसी, नई दिल्लीThu, 12 March 2020 08:00 AM
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खाते में न्यूनतम राशि नहीं रखने पर जुर्माना लगाने का प्रावधान एसबीआई ने अप्रैल 2017 में शुरू किया था। बाद में अक्टूबर 2017 में जुर्माने की राशि को कम कर दिया था।  वित्त मंत्रालय के आंकड़ों अनुसार यह व्यवस्था शुरू करने के बाद वित्त वर्ष 2017-18 की अप्रैल-नवंबर अवधि में एसबीआई ने इस जुर्माने से 1,771.67 करोड़ रुपये की आय की थी। निजी क्षेत्र के विभिन्न बैंकों के बचत खातों में 10,000 रुपये तक की न्यूनतम राशि रखने का नियम है। बता दें देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई यानी भारतीय स्टेट बैंक ने अपने बचत खाताधारकों को बड़ी सौगात दी है। एसबीआई ने घोषणा की है कि सेविंग्स अकाउंट में अब न्यूनतम मासिक औसत राशि (एवरेज मंथली बैलेंस) रखने की जरूरत नहीं पड़ेगी। यानी हर बचत खाता अब जीरो बैलेंस खाते में तब्दील हो जाएगा। इसके अलावा बैंक ने हर तिमाही वसूला जाने वाला एसएमएस चार्ज भी खत्म कर दिया है।

इस बारे में वस्त्र, महिला और बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने ट्वीट किया, ''एसबीआई के न्यूनतम राशि की अनिवार्यता खत्म करने के निर्णय से खाताधारकों के लिए विशेष तौर पर गरीबों के लिए समावेशी बैंकिंग के अवसर बढ़ेंगे। उन्होंने कहा, ''यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।

 इसके अलावा बैंक ने बचत खातों पर वार्षिक ब्याज दरों को तर्कसंगत बनाते हुए सभी श्रेणियों के लिए समान रूप से तीन फीसद कर दिया है। वर्तमान में एक लाख रुपये तक की जमा पर बचत खाताधारकों को 3.25 फीसद वार्षिक और एक लाख रुपये से अधिक की जमा पर तीन फीसद वार्षिक की दर से ब्याज मिलता है। आईसीआईसीआई बैंक की वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार उसके बचत बैंक खाते में दिन की समाप्ति पर बची राशि पर 50 लाख रुपये से नीचे जमा तक साढ़े तीन फीसद जबकि 50 लाख रुपये या उससे अधिक की जमा पर चार फीसद वार्षिक की दर से ब्याज देय होता है। 

इससे पहले दिन में एसबीआई ने विभिन्न परिपक्वता अवधि की मियादी जमाओं तथा कोष की सीमांत लागत आधारित ऋण ब्याज दरों (एमसीएलआर) में कटौती की भी घोषणा की। नई दरें 10 मार्च से प्रभाव होंगी। बैंक ने एक महीने में यह दूसरी बार ऋण ब्याज दर में कटौती की है। बैंक ने विभिन्न परिपक्वता अवधि के लिए खुदरा मियादी जमा (2 करोड़ रुपये से कम) पर ब्याज दरों में 0.10 फीसद से 0.50 फीसद की कटौती की है। सात दिन से 45 दिन में परिपक्व होने वाले मियादी जमाओं पर ब्याज दर अब 4 फीसद होगी जो पहले 4.50 फीसद थी।

वहीं एक साल और उससे अधिक अवधि के लिए जमाओं पर ब्याज दर में 0.10 फीसद की कटौती की गई है। एक साल से दो साल से कम अवधि के लिए मियादी जमा पर ब्याज दर अब 5.90 फीसद होगी जो पहले 6 फीसद थी। बुजुर्गों के लिए इसी अवधि के लिए मियादी जमा पर ब्याज दर अब 6.50 फीसद के बजाए 6.40 फीसद होगी।  बैंक ने 180 दिन और उससे अधिक अवधि के लिए दो करोड़ रुपये और उससे अधिक (थोक जमा) की मियादी जमाओं पर ब्याज दर में 0.15 फीसद की कटौती की है।  एक साल और उससे अधिक की अवधि की थोक जमा राशि पर ब्याज दर अब 4.60 फीसद होगी जो पहले 4.75 फीसद थी।

इससे पहले, फरवरी में बैंक ने खुदरा मियादी जमाओं पर ब्याज दरों में 0.10 से 0.5 फीसद की कटौती की थी। जबकि थोक जमा के मामले में 0.25 से 0.50 फीसद की कटौती की गई है।  इसके अलावा बैंक ने एक साल की एमसीएलआर 0.10 फीसद घटाकर 7.75 फीसद कर दी है जो पहले 7.85 फीसद थी।

एक दिन की अवधि और एक महीने के लिए एमसीएलआर 0.15 फीसद घटाकर 7.45 फीसद कर दी गई है। तीन माह अ‍वधि के लिए एमसीएलआर को 7.65 फीसद से घटाकर 7.50 फीसद कर दिया गया है। इसी तरह दो साल और तीन साल के एमसीएलआर को 0.10 फीसद घटाकर क्रमश: 7.95 फीसद और 8.05 फीसद कर दिया गया है। नई दरें 10 मार्च से प्रभाव में आएंगी।इससे पहले, सोमवार को यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने 11 मार्च से अपने एमसीएलआर में 0.10 फीसद की कमी करने की घोषणा की थी।
    

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