इस महीने से बदल गए हैं ये नियम, आपकी जेब पर पड़ेगा सीधा असर
अगस्त महीने से एसबीआई बैंक के कई नियम और इलेक्ट्रिक वाहनों पर जीएसटी रेट में बदलाव हो गया है। देश का सबसे बड़ा सरकारी बैंक एसबीआई (SBI) ने अपनी ब्याज दरों में बदलाव किया है। हाल में ही लोन...
अगस्त महीने से एसबीआई बैंक के कई नियम और इलेक्ट्रिक वाहनों पर जीएसटी रेट में बदलाव हो गया है। देश का सबसे बड़ा सरकारी बैंक एसबीआई (SBI) ने अपनी ब्याज दरों में बदलाव किया है। हाल में ही लोन की ब्याज दरों में की गई कटौती और सरप्लस कैश को देखते हुए टर्म डिपोजिट की ब्याज दरों में कटौती की है। ये नई ब्याज दरें 1 अगस्त 2019 से लागू हो गई हैं।
एसबीआई ने कम किए एफडी रेट
एसबीआई ने कहा लघु अवधि की 179 दिन की सावधि जमा पर ब्याज दर में 0.5 से 0.75 प्रतिशत की कटौती की गई है। इसी तरह दीर्घावधि की सावधि जमाओं पर खुदरा खंड में ब्याज दर में 0.20 और थोक जामा खंड में 0.35 प्रतिशत की कटौती की गई है। देश के इस सबसे बड़े बैंक ने दो करोड़ रुपये और उससे ऊपर की थोक जमा पर भी ब्याज दर में कटौती की है।
यहां हटाया चार्ज
देश का सबसे बड़ा सरकारी बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) अपने ग्राहकों के लिए पैसों के लेन-देन से जुड़ी सर्विस आईएमपीएस (IMPS) सर्विस को आज से 1 अगस्त से बिल्कुल मुफ्त कर दिया है। यानी अब ग्राहकों को आईएमपीएस के जरिए पैसे ट्रांसफर करने पर कोई पैसा नहीं देना होगा। अभी तक आईएमपीएस करने पर बैंक चार्ज लेता था लेकिन अब 1 अगस्त से यह चार्ज नहीं लगेगा। इसके अलावा बैंक ने ब्रांच नेटवर्क के जरिए आरटीजीएस और एनईएफटी करने वाले कस्टमर के लिए चार्ज 20 फीसदी तक कम कर दिया है।
31 मार्च 2019 तक एसबीआई के 6 करोड़ कस्टमर इंटरनेट बैंकिंग का इस्तेमाल कर रहे हैं। वहीं 1.41 करोड़ कस्टमर मोबाइल बैंकिंग का इस्तेमाल कर रहे हैं। एसबीआई बैंक के डिजिटल प्लेटफॉर्म योनो के करीब 1 करोड़ यूजर हैं। बैंक का मानना है कि एनईएफटी, आईएमपीएस और आरटीजीएस चार्ज खत्म करने से डिजिटल ट्रांजेक्शन करने वाले ग्राहकों की संख्या में इजाफा होगा।
क्या है आईएमपीएस सर्विस
1 इसके जरिए आप 24X7 फंड ट्रांसफर कर सकते हैं। इस सर्विस की खास बात यह है कि इसमें रियल टाइम यानी तुरंत सामने वाले के अकाउंट में आ जाता है।
2 अगर आपने किसी व्यक्ति को IMPS के जरिए रात को एक बजे फंड ट्रांसफर किया है, तो वह उसी समय अकाउंट होल्डर के अकाउंट में पहुंच जाएगा।
3 ये सेवा छुट्टी के दिन भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
इलेक्ट्रिक वाहन पर जीएसटी हुआ कम
माल एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद ने इलेक्ट्रिक वाहनों तथा चार्जरों पर कर की दर घटाकर पांच प्रतिशत कर दिया है। ये नई दरें 1 अगस्त से लागू हो गई हैं। सभी इलेक्ट्रिक वाहनों पर जीएसटी की दर 12 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत कर दी गई है। इसके साथ ही ऐसे वाहनों के बैटरी चार्जरों और चार्जिंग स्टेशनों पर जीएसटी की दर 18 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत कर दी गई है।
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