सेविंग अकाउंट से लगातार पैसे निकाल रहे ग्राहक, क्या है वजह? समझें
बैंक ग्राहक तेजी से अपने कम ब्याज वाले बचत खाते से पैसा निकाल कर एफडी करवा रहे हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि इस वक्त बचत खाते और सावधि जमा की ब्याज दरों का अंतर तीन साल के सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गया है।
बैंक ग्राहक तेजी से अपने कम ब्याज वाले बचत खाते से पैसा निकाल कर एफडी (FD) करवा रहे हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि इस वक्त बचत खाते और सावधि जमा की ब्याज दरों का अंतर तीन साल के सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गया है। इस कदम से बैंकों के लिए मुसीबत खड़ी हो गई है, क्योंकि उनकी जमा की लागत में लगातार इजाफा होता जा रहा है। बढ़ती ब्याज दरों के कारण पहले से अधिक लोग सावधि बचत योजनाओं की ओर आकर्षित हो रहे हैं। कुल बैंक जमाओं में ऐसे निवेश माध्यमों की हिस्सेदारी दिसंबर, 2023 में बढ़कर 60.3 प्रतिशत हो गई है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के आंकड़ों से यह जानकारी मिली है। यह आंकड़ा मार्च, 2023 में 57.2 प्रतिशत था।
इन सेविग्ंस स्कीम में गिरावट
अप्रैल-दिसंबर, 2023 के दौरान कुल जमाओं में जो वृद्धि हुी, उसमें सावधि जमाओं की हिस्सेदारी लगभग 97.6 प्रतिशत थी। इस दौरान चालू खाता और बचत खाता (सीएएसए) जमा की हिस्सेदारी में गिरावट हुई। आरबीआई ने अपनी ‘तिमाही आधारभूत सांख्यिकी विवरणियां (बीएसआर)-2: अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों में जमाएं – दिसंबर 2023’ में यह जानकारी दी। इसमें कहा गया कि सावधि जमाओं पर बढ़ता प्रतिफल बैंक जमाओं में संरचनात्मक बदलाव ला रहा है। कुल जमाओं में सावधि जमा की हिस्सेदारी मार्च, 2023 के 57.2 प्रतिशत से बढ़कर दिसंबर, 2023 में 60.3 प्रतिशत हो गई।
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आरबीआई ने आगे कहा कि अधिक ब्याज दर वाली श्रेणी में धनराशि जमा की जा रही है। कुल सावधि जमाओं में सात प्रतिशत से अधिक ब्याज दर वाली सावधि जमाओं की हिस्सेदारी दिसंबर, 2023 में बढ़कर 61.4 प्रतिशत हो गई। यह आंकड़ा इससे एक तिमाही पहले 54.7 प्रतिशत और मार्च, 2023 में 33.7 प्रतिशत था।
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