Hindi Newsबिज़नेस न्यूज़Reliance Amazon dispute Future retail seeks compensation of Rs 1431 crore for loss

रिलायंस-अमेजन विवाद गहराने के आसार, फ्यूचर रिटेल ने मांगी 1431 करोड़ रुपये के नुकसान की क्षतिपूर्ति

फ्यूचर रिटेल ने कहा है कि मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज के साथ उसके 24,713 करोड़ रुपये के सौदे के खिलाफ सिंगापुर अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता केंद्र (एसआईएसी) का आपातकालीन निर्णय लागू करने लायक...

Drigraj Madheshia एजेंसी, नई दिल्लीMon, 2 Nov 2020 09:00 AM
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फ्यूचर रिटेल ने कहा है कि मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज के साथ उसके 24,713 करोड़ रुपये के सौदे के खिलाफ सिंगापुर अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता केंद्र (एसआईएसी) का आपातकालीन निर्णय लागू करने लायक नहीं है।   फ्यूचर ने कहा है कि इसको लागू कराने का वह प्रतिवाद करेगी। फ्यूचर रिटेल लिमिटेड ने भारतीय नियामक एजेंसियों से कहा है कि अमेजन डॉट कॉम एनवी इंवेस्टमेंट होल्डिंग्स एलएलसी की याचिका पर एसआईएसी का पिछले सप्ताह का अंतरिम निर्णय उस फोरम के न्यायाधिकार क्षेत्र से बाहर है।

ब्याज सहित 1,431 करोड़ रुपये के नुकसान की क्षतिपूर्ति की मांग

फ्यूचर रिटेल ने कहा कि अमेजन ने अपने दावे के विकल्प के तौर पर ब्याज सहित 1,431 करोड़ रुपये के नुकसान की क्षतिपूर्ति की मांग की है। अमेजन ने फ्यूचर कूपन्स प्राइवेट लिमिटेड में इस राशि का निवेश किया है। कंपनी ने नियामक को छह पन्ने की सूचना में कहा, ''यदि कोई मध्यस्थता अदालत या कोई भी अन्य फोरम इस दावे को स्वीकार करता है, तो ऐसी स्थिति में प्रवर्तक की देनदारी इतनी ही रहेगी। अत: इसका कंपनी की वित्तीय स्थिति पर कोई असर नहीं पड़ेगा।

आकस्मिक मध्यस्थता के समक्ष हुई कार्यवाही न्यायिक नहीं

कंपनी ने कहा कि मध्यस्थता अदालत ने अमेजन की जिस याचिका पर फैसला दिया है, वह याचिका अमेजन ने एक ऐसे करार के मध्यस्थ-निर्णय उपबंध के आधार पर दायर की है, जिसमें फ्यूचर रिटेल शामिल नहीं है।  किशोर बियानी की अगुवाई वाली कंपनी ने कहा, ''एफआरएल को परामर्श दिया गया है कि एक आपात्पकालिक मध्यस्थ को भारतीय मध्यस्थता एवं सुलह अधिनियम, 1996 के भाग एक के तहत कोई कानूनी दर्जा प्राप्त नहीं है। इसलिए, आकस्मिक मध्यस्थता के समक्ष हुई कार्यवाही न्यायिक नहीं है।

आकस्मिक मध्यस्थता निर्णय भारतीय कानून के तहत औचित्यहीन

कंपनी ने कहा कि बिना न्यायाधिकार क्षेत्र के किसी प्राधिकरण के द्वारा दिया गया आकस्मिक मध्यस्थता निर्णय भारतीय कानून के तहत औचित्यहीन है।  एसआईएसी ने पिछले सप्ताह अमेजन के पक्ष में एक अंतरिम आदेश दिया था। उसमें फ्यूचर रिटेल को रिलायंस इंडस्ट्रीज के साथ सौदा फिलहाल रोकने के लिये कहा गया था। आदेश में यह भी कहा गया था कि जब तक वह (एसआईएसी) इस मामले में अंतिम निर्णय नहीं सुना दे, तब तक फ्यूचर रिटेल इस सौदे पर आगे नहीं बढ़ सकती है।

वीके राजा की एकल न्यायाधीश पीठ ने अंतरिम मध्यस्थता फैसले में फ्यूचर रिटेल के द्वारा अपनी किसी भी संपत्ति को बेचने अथवा किसी प्रतिबंधित पक्ष से वित्तपोषण पाने को लेकर प्रतिभूति जारी करने से रोक दिया है।  कंपनी ने यह भी कहा कि कोरोना वायरस महामारी के कारण वह गंभीर वित्तीय दिक्कतों से गुजर रही है। उसने कहा कि यह सौदा इन दिक्कतों से निकलने का उनके पास एकमात्र उपाय है।

अमेजन की आपत्ति की वजह का कुछ और है

अमेजन ने पिछले सप्ताह बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) तथा शेयर बाजारों को पत्र लिखकर उनसे अनुरोध किया था कि वे सिंगापुर की मध्यस्थता अदालत के द्वारा दिये गये फैसले का संज्ञान लें। फ्यूचर रिटेल ने सार्वजनिक शेयरधारकों को भ्रमित करने के अमेजन के आरोप का प्रतिकार करते हुए कहा, ''यह कुछ हद तक अति हो जायेगी कि कोई ऐसी (ईकाइ) इस तरह का दावा करे, जो फ्यूचर रिटेल का शेयरधारक भी नहीं है। फ्यूचर रिटेल ने कहा, इन बातों से साबित होता है कि अमेजन की आपत्ति की वजह का कुछ और है।

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