2024 चुनाव के बाद प्रीपेड और पोस्ट पेड प्लान हो सकते हैं महंगे
2024 के चुनाव के बाद भारतीय दूरसंचार सेवा प्रदाता कंपनियां मोबाइल दरों में 20 फीसदी तक की बढ़ोतरी कर सकती हैं। कंपनियां प्रीपेड और पोस्ट पेड दोनों तरह के प्लान में बढ़ोतरी कर सकती हैं।
मोबाइल यूजर्स के बिल में इजाफा हो सकता है। इस साल होने जा रहे आम चुनावों के बाद भारतीय दूरसंचार सेवा प्रदाता कंपनियां मोबाइल दरों में 20 फीसदी तक की बढ़ोतरी कर सकती हैं। टेलीकॉम कंपनियां प्रीपेड और पोस्ट पेड दोनों तरह के प्लान में बढ़ोतरी कर सकती हैं। ऑफ अमेरिका सिक्योरिटीज (बोफा) की हालिया रिपोर्ट में यह बात कही गई है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि टेलीकॉम क्षेत्र अपनी स्थिति सुधारने पर खासा जोर दे रहा है। दूसरी तिमाही में प्रमुख कंपनियों को राजस्व में नुकसान हुआ। इसके बावजूद कंपनियां बढ़ते प्रतिस्पर्धा और ग्राहक खोने के डर से दरें नहीं बढ़ा पा रही हैं।
हाल ही में एयरटेल और वीआई (Vodafone-Idea) ने भी फिर से मोबाइल दरें बढ़ाने की मांग की थी। ये कंपनियां चाहती हैं कि प्रति ग्राहक औसत राजस्व (ARPU) में बढ़ोतरी हो। एआरपीयू किसी भी टेलीकॉम कंपनी की वित्तीय स्थिति को आंकने का एक जरिया होता है। निकट भविष्य में 5जी से जुड़े एआरपीयू बढ़ना बहुत कठिन है। ऐसे में कंपनियों के पास 4जी टैरिफ को बढ़ाने के अलावा कोई विकल्प नहीं है।
किस्तों में बढ़ सकती हैं कीमतें: रिपोर्ट में कहा गया है कि टेलीकॉम कंपनियों ने भारत में 5जी सेवा प्रदान करने के लिए भारी भरकम निवेश किया है, जिसके चलते भी इसके प्लान को महंगा किया जा सकता है। कंपनियां टैरिफ प्लान में दो या तीन किस्तों में इजाफा कर सकती हैं। माना जा रहा है कि 5जी प्लान उतने महंगे न हो लेकिन इसकी कीमत 4जी प्लान से अधिक रह सकती है।
2021 नवंबर में बढ़ी थीं कीमतें: मोबाइल टैरिफ की कीमतों में पिछली बार नवंबर 2021 में इजाफा किया गया था। तब कंपनियों ने 20 फीसदी से लेकर 25 फीसदी तक दाम बढ़ाए थे। एयरटेल ने कीमतों में 25 फीसदी का इजाफा किया था। वोडाफोन आइडिया ने टैरिफ में 20 से 25 फीसदी का इजाफा किया था।
5जी के लिए ज्यादा चुकाने होंगे: खबरों के अनुसार, बताया रिलायंस जियो और एयरटेल प्रीमियम उपभोक्ताओं के लिए अनलिमिटेड 5जी डाटा प्लान को बंद कर सकते हैं। साथ ही ये कंपनियां इस साल की दूसरी छमाही से 5जी सेवा के लिए 4जी के मुकाबले पांच से दस फीसदी तक अधिक वसूल सकती हैं। उद्योग से जुड़े विशेषज्ञों का कहना है कि टैरिफ महंगा करके दोनों कंपनियां 5जी के लिए हो रहे भारी निवेश और अपने राजस्व में संतुलन बनाना चाहती हैं। इससे पहले ग्राहकों को लुभाने के लिए कंपनियों ने अनलिमिटेड प्लान जारी किए थे।
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