PM Kisan: पीएम किसान योजना में छंटनी, करोड़ों किसानों को नहीं मिलेगी 13वीं किस्त, मोदी सरकार ने लगाया 4 फिल्टर
पीएम किसान सम्मान निधि योजना: 11वीं किस्त समेत अप्रैल-जुलाई की किस्त में PM Kisan योजना का लाभ 11.27 करोड़ से अधिक किसानों को मिला, जो 12वीं किस्त में घटकर 8.72 करोड़ रह गए। यानी 2 करोड़ से अधिक बाहर।
PM Kisan Yojana: प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की अगस्त-नवंबर या 12वीं किस्त के बाद अब 13वीं किस्त की तैयारी शुरू हो गई। मोदी सरकार ने पीएम किसान योजना (PM Kisan) में फर्जीवाड़ा रोकने के लिए जैसे ही ईकेवाईसी(PM Kisan eKYC) के जरिए आधार लिंक (Aadhaar Link) करने वाला चौथा डिजिटल फिल्टर लगाया तो लाभार्थी किसानों की संख्या 6 महीनों में ही करीब दो करोड़ कम हो गई। अगर ऐसा ही रहा तो 13वीं किस्त 2 करोड़ किसानों को हाथ धोना पड़ सकता है।
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बता दें 11वीं किस्त समेत अप्रैल-जुलाई की किस्त में इस योजना का लाभ 11.27 करोड़ से अधिक किसानों को मिला, जो 12वीं किस्त में घटकर 8.72 करोड़ रह गए। इस योजना के तहत मोदी सरकार पात्र किसानों को हर 6000 रुपये की आर्थिक सहायता 2000-2000 रुपये की तीन किस्तों में देती है। अब तक सरकार ने 12 किस्त जारी की है।
पीएम किसान पोर्टल पर दिए गए आंकड़ों के मुताबिक इस चौथे फिल्टर के चलते उत्तर प्रदेश के 2.83 करोड़ रजिस्टर्ड किसानों में से केवल 64 फीसद को ही अगस्त-नवंबर की किस्त मिल पाई। जबकि पंजाब में यह संख्या केवल 9 फीसद ही रह गई है। कृषि मंत्रालय ने किसानों के डेटा को पारदर्शी बनाने के लिए तीन फिल्टर पहले से लगाए थे। फिर आधार लिंक्ड पेमेंट के रूप में चौथा फिल्टर लगाया तो लाभार्थियों की संख्या घटने लगी।
इस वजह से लद्दाख में 11 फीसद, हिमाचल में 45 फीसद, राजस्थान में 32 फीसद, गुजरात में 22 फीसद, ओडिशा में 47 फीसद, पश्चिम बंगाल में 14 फीसद, आंध्र प्रदेश में 26 फीसद और मणिपुर में 30 फीसद किसानों के खातों में अगस्त-नवंबर की 2000 रुपये की किस्त अब तक नहीं पहुंच पाई है।
अब पीएम किसान पोर्टल या कृषि विभाग से रजिस्टर्ड किसानों के पास ई-केवाइसी कराने के लिए लगातार मैसेज भेजा जा रहा है, ताकि कोई पात्र किसानी 13वीं या दिसंबर-मार्च की किस्त से वंचित न हीेने पाए। बता दें किसानों का ई-केवाईसी लागू कर दिया है और आधार पेमेंट ब्रिज के जरिए भुगतान किया जा रहा है।
फर्जी लाभार्थियों को पहचानने के लिए पीएफएमएस (PFMS), यूआईडीएआई (UIDAI), आईटी (IT) और एनपीसीआई (NPCI)जैसी सस्थाएं कड़ी निगरानी कर रही हैं। हा लाभार्थी का जमीन के रिकॉर्ड का आधार से मिलान किया जा रहा है। डेटा को UIDAI सर्वर पर भेजकर की पहचान की जा रही है। लाभार्थी के बैंक खाते का ऑथंटिकेशन, किसान का डेटा और बैंक खाता का मिलान किया जा रहा है। बैंक एकाउंट प्रमाणित होने के बाद NPCI से आधार लिंक्ड भुगतान किया जा रहा है।
कौन हैं अपात्र
- संवैधानिक पद पर काम कर रहे या कर चुके पूर्व या मौजूदा मंत्री, सांसद, विधायक, मेयर, पंचायत प्रमुख।
- केंद्र-राज्य सरकार के मौजूदा या अवकाश प्राप्त कर्मचारी
- सभी अवकाश प्राप्त पेंशनभोगी, जिनकी मासिक पेंशन 10 हजार रुपए या इससे अधिक है।
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