Hindi Newsबिज़नेस न्यूज़PM Kisan KYC more than lakh of farmers of uttar pradesh may face trouble for PM Kisan 12th installment

PM Kisan KYC: उत्तर प्रदेश के लाखों किसानों की पीएम किसान सम्मान निधि पर ग्रहण, इस वजह से लटक रही है अगली किश्त पर तलवार

पीएस किसान सम्मान निधि का लाभ ले रहे लाखों किसान अबतक e-KYC नहीं करवा पायें हैं। ऐसे में उनकी अगली किश्त पर तलवाल लटक रही है। बता दें, प्रदेश भर के कई बड़े जिले ई-केवाईसी कराने में पिछड़ रहे हैं।

Tarun Pratap Singh सत्येन्द्र कुलश्रेष्ठ, अलीगढ़Sun, 28 Aug 2022 09:58 AM
share Share

PM Kisan KYC: बाढ़ और सूखे की मार झेल रहे उत्तर प्रदेश के लाखों किसानों को अगले महीने तगड़ा झटका लगा सकता है। पीएस किसान सम्मान निधि (PM Kisan Smman Nidhi Yojna) का लाभ ले रहे लाखों किसान अबतक ई-केवाईसी (e-KYC) नहीं करवा पाए हैं। ऐसे में उनकी अगली किश्त पर तलवार लटक रही है। बता दें, प्रदेश भर के कई बड़े जिले ई-केवाईसी कराने में पिछड़ रहे हैं। इसमें खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) का संसदीय क्षेत्र बनारस (Varanasi) 58वें स्थान पर है। वहीं, आगरा सबसे अंतिम पायदान यानि 75वें स्थान पर है। शासन द्वारा निर्धारित अंतिम तिथि 31 अगस्त तक केवाईसी (PM Kisan e-KYC) नहीं कराई तो सूबे में 86 लाख से अधिक पीएम किसान निधि से वंचित रह जाएंगे। निधि की 12वीं किश्त किसानों के खाते में सितंबर में आएगी।

अलीगढ़ मंडल सूबे में सातवें स्थान पर पीएम किसान सम्मान निधि प्राप्त करने के लिए किसानों की भूमि सत्यापन का डाटा अपलोड किया जा रहा है। प्रदेशभर में दो करोड़ 85 लाख 76 हजार 254 किसानों के भूलेख का डाटा अपलोड किया जाना है। 24 अगस्त तक एक करोड़ 99 लाख 31 हजार 405 किसानों का भूलेख ही अपलोड हो पाया है। अपलोड किए जाने की स्थिति में प्रदेश के तमाम बड़े जनपद पिछड़े हुए हैं। अलीगढ़ मंडल की बात करें तो अलीगढ़ में 87.59 प्रतिशत भूलेख अपलोड किए जाने से प्रदेश में सातवें स्थान पर है। इसके साथ ही एटा, हाथरस, कासंगज में भी 70 प्रतिशत से ऊपर ई-केवाईसी हो चुकी है। ई-केवाईसी नहीं होने पर खातों में जाने से रुक जाएगी किश्त।

किसान भी नहीं दिखा रहे रूचि

प्रदेश में ई-केवाईसी में कई जिलों में 90 प्रतिशत तक ई-केवाईसी हो चुकी है तो कुछ जिलों में यह ग्राफ 30 प्रतिशत पर ही अटक गया है। इसकी मुख्य वजह है कहीं सरकारी मशीनरी द्वारा ही ढिलाई बरती जा रही है तो कहीं किसान ही रूचि नहीं दिखा रहे हैं। बेहतर काम करने वाले जिलों की तरह ही अगर अन्य जनपद कार्य करें तो पूरा प्रदेश ई-केवाईसी में अव्वल आ सकता है।

जिले प्रतिशत

आगरा 32.24

मेरठ 22.41

खीरी 30.09

हरदोई 70.00

कानपुर नगर 67.00

बस्ती 46.06

लखनऊ 51.32

वाराणसी 62.62

फिरोजाबाद 45.95

बरेली 53.53

जिले प्रतिशत

अमरोहा 90.33

मिर्जापुर 81.38

बहराइच 96.67

झांसी 96.03

अंबेडकर नगर 92.43

कन्नौज 93.76

आजमगढ़ 97.66

जौनपुर 98.13

बुलंदशहर 96.72

मऊ 88.23

बता दें, आगरा में किसानों की संख्या 3.86 लाख के सापेक्ष 1.24 लाख किसानों का ही ई-केवाईसी हुई है। जिसके चलते ताजनगरी 75वें पायदान पर है।

जागरुकता की कमी के चलते नहीं हो सकी ई-केवाईसी

संयुक्त कृषि निदेशक रामबाबू ने बताया कि प्रदेश में ई-केवाईसी कराने की अंतिम तारीख 31 जुलाई थी लेकिन किसानों द्वारा ई-केवाईसी कराने में जागरुकता की कमी रही तो पहले 25 अगस्त और अब अंतिम तारीख 31 अगस्त कर दी गई है।

 बजट 2024 जानेंHindi News  ,  Business News की लेटेस्ट खबरें, इनकम टैक्स स्लैब Share Market के लेटेस्ट अपडेट्स Investment Tips के बारे में सबकुछ।

अगला लेखऐप पर पढ़ें