35 साल तक के युवाओं के लिए अधिक पेंशन का विकल्प फायदेमंद, देखें EPS और NPS में कौन बेहतर?
किसी भी निवेश माध्यम में पैसा लगाते समय यह देखें कि महंगाई और टैक्स को घटाकर उसमें कितना रिटर्न मिल रहा है। इस पैमाने पर ईपीएस बहुत ज्यादा आकर्षक नहीं है। वहीं एनपीएस कहीं ज्यादा आकर्षक है।
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने पिछले दिनों कर्मचारी पेंशन योजना (ईपीएस) के तहत अधिक पेंशन के लिए आवेदन करने की प्रक्रिया शुरू कर। इसके लिए सदस्य और उनके नियोक्ता संयुक्त रूप से आवेदन कर सकेंगे। टैक्स सलाहकार के.सी. गोदुका और बलवंत जैन ने हिन्दुस्तान से खास बातचीत में कहा कि अधिक पेंशन विकल्प का नफा-नुकसान व्यक्ति विशेष का वेतन, उम्र और जिम्मेदारी के आधार पर अलग-अलग है। हालांकि, कुल मिलाकर युवाओं के लिए यह फायदेमंद हो सकता है।
पेंशन कैसे तय होगा
आपके अंतिम मूल वेतन के आधार पर पेंशन तय होगा। यदि अंतिम मूल वेतन ज्यादा है तो अधिक अंशदान करने के विकल्प के तहत आप ज्यादा पेंशन के हकदार होंगे। ईपीएस के लिए न्यूनतम वेतन सीमा 15,000 रुपये हो गई है। इससे पहले 6,500 रुपये थी। 8.33 फीसदी मूल वेतन का ईपीएस में योगदान करते हैं नियोक्ता।
अगर 25 साल नौकरी बची है तो कितना लाभ मिलेगा
लंबी उम्र में किसी भी निवेश विकल्प में निवेशक करना फायदे का सौदा होता है। ऐसे में 25 से 35 साल के युवा के लिए अधिक पेंशन का विकल्प अन्य लोगों के मुकाबले फायदेमंद है। हालांकि, इसमें भी कई तथ्यों का आकलन करना पड़ता है।
जिनकी नौकरी पांच साल बची है उनके लिए कैसा है
सेवानिवृत्ति के पांच साल पहले यदि आप अधिक पेंशन के लिए निवेश करना चाहते हैं तो आपको अपने वेतन का एक बड़ा हिस्सा इसमें लगाना होगा। ऐसे में आपके पास मौजूदा खर्च के लिए ज्यादा राशि नहीं बचेगी। वहीं इस उम्र में बच्चों की उच्च शिक्षा, शादी-विवाह और होम लोन समेत अन्य ईएमआई का बोझ रहता है। इस स्थिति में यह उनके लिए फायदेमंद नहीं है।
इसका ज्यादा लाभ कैसे मिलेगा
यदि आपकी उम्र कम है, वेतन ज्यादा है और जिम्मेदारियां भी कम हैं तो उस स्थिति में इस योजना का सबसे अधिक लाभ मिल सकता है।
क्या पिछला बकाया भी देना होगा
यदि मौजूदा समय में आपका मूल वेतन 30 हजार रुपये है और पांच साल पहले 20 हजार रुपये था तो इस स्थिति में अधिक पेंशन के लिए योगदान का आकलन 30 हजार रुपये के हिसाब से होगा। इसके तहत राशि का जो अंतर आएगा वह आपके पीएफ खाते से कट जाएगा।
पेंशन के अन्य विकल्प क्या हैं
आजकल बाजार में कई विकल्प हैं। पेंशन फंड नियामक पीएफआरडीए एनपीएस का विकल्प देता है, जिसे कुछ चुनिंदा निजी कंपनियां प्रबंधित करती हैं। एनपीएस में पिछले 12 साल में औसतन 12 फीसदी से अधिक रिटर्न मिला है। यह कर्मचारी पेंशन योजना से ज्यादा आकर्षक है।
निवेश करते समय क्या देखें
किसी भी निवेश माध्यम में पैसा लगाते समय यह देखें कि महंगाई और टैक्स को घटाकर उसमें कितना रिटर्न मिल रहा है। इस पैमाने पर ईपीएस बहुत ज्यादा आकर्षक नहीं है। वहीं एनपीएस कहीं ज्यादा आकर्षक है। इसके अलावा अब युवाओं के अलावा गृहणियां भी शेयर बाजार और म्यूचुअल फंड में सीधे निवेश करने लगी हैं जो रिटर्न के पैमाने पर अधिक फायदेमंद है।
कैसे दे सकेंगे अधिक पेंशन का विकल्प
ईपीएफओ ने अपने फील्ड कार्यालयों द्वारा 'संयुक्त विकल्प फॉर्म' से निपटने के बारे में जानकारी दी है। ईपीएफओ ने कहा कि एक सुविधा दी जाएगी, जिसके लिए जल्द ही यूआरएल (यूनिक रिसोर्स लोकेशन) बताया जाएगा। प्रत्येक आवेदन को पंजीकृत किया जाएगा, डिजिटल रूप से लॉग इन किया जाएगा और आवेदक को रसीद संख्या दी जाएगी। संबंधित क्षेत्रीय भविष्य निधि कार्यालय के प्रभारी अधिकारी उच्च वेतन पर संयुक्त विकल्प के प्रत्येक मामले की जांच करेंगे। इसके बाद आवेदक को ई-मेल/डाक के जरिये और बाद में एसएमएस के जरिये फैसले की जानकारी दी जाएगी।
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