आईटी समेत कई क्षेत्रों में अगले साल इन्क्रीमेंट होगा कम, नौकरी बदलने वालों को भी नुकसान
दुनियाभर में आर्थिक सुस्ती की आशंका के बीच भारतीय कंपनियों में अगले साल वेतन वृद्धि की दर में कमी देखी जा सकती है। वित्त वर्ष 2022 की तुलना में वित्त वर्ष 2023 के लिए कमर्चारियों का वेतन कम बढ़ेगा।
दुनियाभर में आर्थिक सुस्ती की आशंका के बीच भारतीय कंपनियों में अगले साल वेतन वृद्धि की दर में कमी देखी जा सकती है। वित्त वर्ष 2022 की तुलना में वित्त वर्ष 2023 के लिए कमर्चारियों का वेतन कम बढ़ेगा। इसका सबसे ज्यादा असर आईटी और तकनीकी कंपनियां पर दिख सकता है। साथ ही नई नौकरियों की तलाश कर रहे उम्मीदवारों को भी यह प्रभावित करेगा।
हालांकि सभी क्षेत्रों में वेतन वृद्धि में कमी नहीं देखी जाएगी। डेलोइट इंडिया फर्म ने अपनी रिपोर्ट में इसका खुलासा किया है। फर्म ने 300 भारतीय कंपनियों को इसमें शामिल किया है। रिपोर्ट के अनुसार इसका असर उन कंपनियों पर दिखेगा, जो जनवरी से दिसंबर के प्रदर्शन चक्र के आधार पर वेतन वृद्धि करती हैं।
यहां दिखेगा असर
इसके विपरीत, प्रौद्योगिकी और तकनीकी कंपनियां वेतन वृद्धि में गिरावट का अनुमान लगा रही हैं। कई कंपनियां, विशेष रूप से आईटी सेवाओं, उत्पादों और तकनीकी स्टार्टअप में, दिसंबर तिमाही में पिछले साल की तुलना में 50% से अधिक की गिरावट की उम्मीद जताई जा रही है। इसका सीधा असर कर्मचारियों पर पड़ेगा। वित्त वर्ष 2022 में तकनीकी उत्पाद बनाने वाली कंपनियों में औसत वेतन वृद्धि 12 फीसदी हुई थी, जो गिरकर 11.3 रह सकती है।
इसी तरह आईटी सेक्टर में वित्त वर्ष 2022 में औसत वृद्धि दर 9.4 फीसदी रही थी, जो गिरकर 8.8 रह सकती है। तीसरे पक्ष के तौर पर आईटी सेवा देने वाली कंपनियों में वेतन वृद्धि दर 8.7 प्रतिशत रही थी, जो गिरकर 7.8% रहने की उम्मीद है। वहीं, कैपिटल सेवाएं प्रदान करने वाली कंपनियों में 10.5% की वृद्धि हुई थी, जो वित्त वर्ष 2023 में 10 प्रतिशत तक रह सकती है। मैन्यूफैक्चरिंग यूनिटों में भी वेतन वृद्धि की दर में कमी देखी जा सकती है। वित्त वर्ष 2022 में जहां इस क्षेत्र में औसत वेतन वृद्धि दर 10.2 फीसदी रही थी, वहीं 2023 में इसके 9.8 फीसदी रहने की उम्मीद है।
इन क्षेत्रों में बेहतर वेतन वृद्धि की उम्मीद
रिपोर्ट के अनुसार देश में आतिथ्य, यात्रा, पर्यटन, उपभोक्ता/एफएमसीजी और बिजली सहित कुछ क्षेत्र दूसरों से बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं और वित्त वर्ष 2022 की तुलना में नए वर्ष में कर्मचारियों को बेहतर वेतन वृद्धि देंगे। इनमें अधिकांश बहुराष्ट्रीय कंपनियां हैं। सेवा क्षेत्र, जो महामारी के दौरान सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ था, यहां भी बड़ी बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है ,क्योंकि अर्थव्यवस्था में सुधार आने से उन्हें फायदा होगा।
उपभोक्ता उत्पाद (एफएमसीजी) के क्षेत्र में पिछले वित्त वर्ष में औसत वेतन वृद्धि दर 9.0% थी, जो 2023 में 9.8% रह सकती है। इसी तरह ऊर्जा क्षेत्र में यह दर 9.6 से बढ़कर 11 फीसदी तक रह सकती है। फार्मास्यूटिकल सेक्टर में औसत वेतन वृद्धि दर 8.9 के मुकाबले 9.1 देखी जा सकती है।
नौकरी बदलने वालों को भी नुकसान
सुस्ती की आशंका का असर नई नौकरी तलाश रहे कमर्चारियों पर भी पड़ रहा है। ऐसे उम्मीदवारों ने अपने वेतन वृद्धि की उम्मीदों को कम कर दिया है। विशेषज्ञों का कहना है कि नौकरी बदलने पर उम्मीदवार वेतन में 60 से 100 फीसदी तक बढ़ोतरी की मांग करते थे। अब यह मांग 20 से 30% तक हो गई है। कई कर्मचारी इस मांग के साथ ही कुछ हजार रुपये की अतिरिक्त टेक-होम सैलरी के लिए नौकरी बदल रहे हैं।
प्रमुख क्षेत्रों पर कितना असर
2022 2023
आईटी उत्पाद 12 11.3
आईटी सेक्टर - 9.4 8.8
मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट 10.2 9.8
आंकड़े प्रतिशत में
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