Hindi Newsबिज़नेस न्यूज़New date released on EPFO portal for more pension know the complete process of application

EPFO: अधिक पेंशन के लिए ईपीएफओ पोर्टल पर नई तारीख जारी, जानें आवेदन की पूरी प्रक्रिया

कर्मचारी पेंशन योजना के तहत अभी 15 हजार रुपये तक के वेतन के हिसाब से पेंशन फंड में अंशदान तय होता है। यानी बेसिक वेतन 50 हजार रुपये हो जाए तो भी ईपीएस में अंशदान 15000 रुपये के हिसाब से ही तय होता है।

Drigraj Madheshia नई दिल्ली। हिन्दुस्तान ब्यूरो, Tue, 28 Feb 2023 06:54 AM
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कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के सदस्यों को अधिक पेंशन का विकल्प चुनने के लिए अधिक समय मिल सकेगा। पात्र सदस्य अब अपने नियोक्ता के साथ संयुक्त रूप से इस विकल्प को चुनने के लिए तीन मई 2023 तक आवेदन कर सकते हैं। उन्हें इसके लिए सेवानिवृत्ति कोष संगठन के एकीकृत सदस्य पोर्टल पर आवेदन करना होगा।

इससे पहले उच्चतम न्यायालय ने चार नवंबर 2022 को अपने आदेश में कहा था कि ईपीएफओ को सभी पात्र सदस्यों को ऊंची पेंशन का विकल्प चुनने के लिए चार महीने का समय देना होगा। यह चार माह की अवधि तीन मार्च 2023 को समाप्त हो रही है। इससे यह धारणा बनी थी कि इसकी अंतिम समयसीमा तीन मार्च 2023 है। लेकिन ईपीएफओ के एकीकृत सदस्य पोर्टल पर हाल में सक्रिय किए गए यूआरएल लिंक से स्पष्ट हुआ है कि अधिक पेंशन का विकल्प चुनने की अंतिम तिथि तीन मई है।

सुप्रीम कोर्ट ने दी थी राहत

नवंबर 2022 में उच्चतम न्यायालय ने कर्मचारी पेंशन (संशोधन) योजना 2014 को बरकरार रखा था। इससे पहले 22 अगस्त, 2014 के ईपीएस संशोधन ने पेंशन योग्य वेतन सीमा को 6,500 रुपये प्रति माह से बढ़ाकर 15,000 रुपये प्रति माह कर दिया था। साथ ही सदस्यों और उनके नियोक्ताओं को ईपीएस में उनके वास्तविक वेतन का 8.33 प्रतिशत योगदान करने की अनुमति दी थी। ईपीएफओ ने 29 दिसंबर 2022 को उच्च पेंशन के पात्र कर्मचारियों के लिए सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लागू करने संबंधित सर्कुलर जारी किया था।
यह है अधिक पेंशन का मामला

कर्मचारी पेंशन योजना के तहत अभी 15 हजार रुपये तक के वेतन के हिसाब से पेंशन फंड में अंशदान तय होता है। यानी कि बेसिक वेतन 50 हजार रुपये हो जाए तो भी ईपीएस में अंशदान 15 हजार रुपये के हिसाब से ही तय होता है। इससे कर्मचारी ईपीएस में काफी कम रुपये जमा हो पाते हैं। इससे कम पेंशन बन पाती है, लेकिन अब इस सीमा को बढ़ा दिया गया है।

ऐसे सदस्य कर सकेंगे आवेदन

- ऐसे सदस्य और नियोक्ता, जिन्होंने 5,000 रुपये या 6,500 रुपये की तत्कालीन वेतन सीमा से अधिक वेतन में योगदान दिया था।

- जिन्होंने ईपीएस सदस्य मेंबर होने के दौरान पिछली विंडो में संयुक्त विकल्प का इस्तेमाल नहीं किया था।
- ऐसे सदस्य, जो 1 सितंबर 2014 से पहले ईपीएस के सदस्य थे और उस तारीख को या उसके बाद भी सदस्य बने रहे।

यह होगी प्रक्रिया

- अधिक पेंशन के लिए पात्र ईपीएस सदस्य और नियोक्ता को संयुक्त रूप से आवेदन करना होगा। फॉर्म आनलाइन भी भरा जा सकता है।
- प्रत्येक आवेदन को रजिस्टर्ड किया जाएगा, उन्हें डिजिटल रूप से लॉग-इन किया जाएगा और आवेदक को रसीद संख्या दी जाएगी।

- इसके बाद संबंधित क्षेत्रीय भविष्य निधि कार्यालय के प्रभारी प्रत्येक मामले की जांच करेंगे और आवेदक को ई-मेल/डाक और बाद में एसएमएस के माध्यम से लिए गए निर्णय की सूचना देंगे।
- आवेदक द्वारा किसी भी शिकायत को ईपीएफआईजीएमएस (शिकायत पोर्टल) पर बाद में दर्ज किया जा सकता है।

- पात्र पेंशनभोगी को बढ़े हुए लाभ के लिए अपने नियोक्ता के साथ संयुक्त रूप से आयुक्त द्वारा निर्धारित आवेदन पत्र और अन्य सभी आवश्यक दस्तावेजों के साथ आवेदन करना होगा।

यूएएन पोर्टल पर लॉगइन करना होगा

कर्मचारी ईपीएफओ की इस खास सुविधा के तहत यूएएन पोर्टल पर लॉग इन कर सकते हैं। पात्र कर्मचारी इस पोर्टल पर जाकर अपना आवेदन जमा कर सकते हैं। इसके लिए सबसे पहले ईपीएफओ की वेबसाइट मुख्य वेबसाइट पर जाएं और इसके बाद मेंबर लॉगइन का विकल्प चुनें। इसके बाद यूएएन पोर्टल का विकल्प चुनकर लॉगइन करके प्रक्रिया पूरी करें।

नई पेंशन व्यवस्था इनके लिए ज्यादा फायदेमंद

आपके अंतिम मूल वेतन के आधार पर पेंशन तय होगी। यदि अंतिम मूल वेतन ज्यादा है तो अधिक अंशदान करने के विकल्प के तहत आप ज्यादा पेंशन के हकदार होंगे। बाजार विशेषज्ञों के अनुसार 25 से 35 साल के युवाओं के लिए अधिक पेंशन का विकल्प अन्य लोगों के मुकाबले फायदेमंद है। यदि आपकी उम्र कम है, वेतन ज्यादा है और जिम्मेदारियां भी कम हैं तो उस स्थिति में इस योजना का सबसे अधिक लाभ मिल सकता है। वहीं, सेवानिवृत्ति के पांच साल पहले यदि आप अधिक पेंशन के लिए निवेश करना चाहते हैं तो आपको अपने वेतन का एक बड़ा हिस्सा इसमें लगाना होगा।

पिछला बकाया भी देना होगा

यदि मौजूदा समय में आपका मूल वेतन 30 हजार रुपये है और पांच साल पहले 20 हजार रुपये था तो इस स्थिति में अधिक पेंशन के लिए योगदान का आकलन 30 हजार रुपये के हिसाब से होगा। इसके तहत राशि का जो अंतर आएगा वह आपके पीएफ खाते से कट जाएगा।

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