जेट एयरवेज के उड़ान में अड़ंगा! नए मालिक को 30 सितंबर तक देने होंगे ₹350 करोड़
कर्जदाताओं एवं जालान-कालरॉक गठजोड़ के बीच कई मुद्दों पर गतिरोध होने से अभी तक जेट एयरवेज एयरलाइन को नए सिरे से खड़ा करने की कोशिशें सफल नहीं हो पाई हैं।
राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) ने दिवालिया हो चुकी एयरलाइन जेट एयरवेज के कर्जदाताओं को 350 करोड़ रुपये के भुगतान के लिए जालान-कालरॉक गठजोड़ को 30 सितंबर तक की मोहलत दे दी है। अपीलीय न्यायाधिकरण की तीन-सदस्यीय पीठ ने भुगतान की समयसीमा बढ़ाने के लिए गठजोड़ की तरफ से दायर अर्जी स्वीकार करते हुए 30 सितंबर तक भुगतान करने को कहा। इसके अलावा पीठ ने 350 करोड़ रुपये के भुगतान में 150 करोड़ रुपये की राशि प्रदर्शन बैंक गारंटी (पीबीजी) से समायोजित करने पर भी अपनी सहमति दी।
की गई थी अपील: कर्ज समाधान प्रक्रिया में विजेता बोलीकर्ता के तौर पर उभरे जालान-कालरॉक गठजोड़ ने एनसीएलएटी के समक्ष दायर अपने हलफनामे में 31 अगस्त तक 100 करोड़ रुपये का भुगतान करने के साथ 30 सितंबर तक 100 करोड़ रुपये के एक अन्य भुगतान की भी प्रतिबद्धता जताई थी। कर्जदाताओं को दिए जाने वाले 350 करोड़ रुपये में से बाकी 150 करोड़ रुपये की राशि पीबीजी के मद से समायोजित करने का अनुरोध भी गठजोड़ ने किया था।
बता दें कि अप्रैल, 2019 से ही जेट एयरवेज का परिचालन बंद है। इसके कर्ज समाधान के लिए चलाई गई प्रक्रिया में यह गठजोड़ विजेता बोलीकर्ता बनकर उभरा था। लेकिन कर्जदाताओं एवं जालान-कालरॉक गठजोड़ के बीच कई मुद्दों पर गतिरोध होने से अभी तक इस एयरलाइन को नए सिरे से खड़ा करने की कोशिशें सफल नहीं हो पाई हैं।
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