सरसों का भाव एमएसपी से 800 रुपये से भी ज्यादा
सरसों के भाव सरकार द्वारा तय न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से यहां सात सौ से आठ सौ रुपये क्विंटल से भी ऊपर चल रहे हैं और किसान निजी व्यापारियों माल दे रहे हैं तथा उन्हें सरकारी खरीद के समर्थन की...
सरसों के भाव सरकार द्वारा तय न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से यहां सात सौ से आठ सौ रुपये क्विंटल से भी ऊपर चल रहे हैं और किसान निजी व्यापारियों माल दे रहे हैं तथा उन्हें सरकारी खरीद के समर्थन की जरूरत नहीं पड़ी है। यहां बाजार के लोगों ने कहा कि इस बार सरसों के भाव आसमान छू रहे हैं और इसके चलते सरसों की सरकारी खरीद शुरू करने की जरूरत नहीं पड़ रही है। किसानों ने बताया कि वे इस समय प्राइवेट बोली पर ही सरसों की फसल बेच रहे हैं।
4650 रुपये सरसों का सरकारी भाव
सरकार द्वारा 4650 रुपये सरसों का सरकारी भाव तय किया गया है, जबकि किसानों को सरकारी भाव से 700 से 800 रुपये अधिक प्राइवेट बोली पर मिल रहे हैं। मंडी के सूत्रों ने बताया कि यहां मंडी में प्राइवेट बोली पर किसानों को 5500 रुपये प्रति क्विंटल तक के भाव मिल रहे हैं। सरसों के भाव बढऩे से मार्केट कमेटी को भी मार्केट फीस के रूप में अधिक आय हो रही है। यहां मंडी समिति के रिकार्ड के अनुसार अब तक 12 हजार 404 क्विंटल सरसों की फसल आ चुकी है। मंडी शुल्क के रूप में भी 4 लाख 88,994 रुपये की प्राप्ति दर्ज हो चुकी है।
एक बार भी भाव 5 हजार रुपये से कम नहीं हुआ
किसान बलजीत, मुकेश, राजेंद्र, बिजेंद्र ने बताया कि इस बार सरसों मंडी में आते ही सरकार के तय किए हुए भाव से अधिक के भाव मिलने शुरू हो गए थे। एक बार भी भाव 5 हजार रुपये से कम नहीं हुआ। किसानों को इन दिनों भी 5500 रुपये प्रति क्विंटल तक के भाव मिल रहे हैं। मंडी समिति के सचिव नरेंद्र कुंडू ने कहा कि किसानों को सरसों के भाव इस बार सरकारी भाव से अधिक प्राइवेट बोली पर मिल रहे हैं।
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