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छोटे भाई अनिल अंबानी की दिवालिया कंपनी खरीदेंगें मुकेश अंबानी, जमा किए ₹3720 करोड़

बता दें कि रिलायंस जियो ने नवंबर, 2019 में अपने छोटे भाई अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस कम्युनिकेशंस की कर्ज में डूबी सब्सिडयरी की टावर और फाइबर संपत्तियां हासिल करने के लिए बोली लगाई थी।

Varsha Pathak मिंट, नई दिल्लीThu, 22 Dec 2022 04:36 PM
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छोटे भाई अनिल अंबानी की दिवालिया कंपनी खरीदेंगें मुकेश अंबानी, जमा किए ₹3720 करोड़

रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन और देश के दूसरे सबसे अमीर शख्स मुकेश अंबानी (Mukesh Ambano) की अगुवाई वाली प्रमुख टेलीकॉम कंपनी रिलायंस जियो (Reliance Jio) ने अपने छोटे भाई अनिल अंबानी की कर्ज में डुबी रिलायंस इन्फ्राटेल (RITL) को अधिग्रहण करेगी। रिलायंस जियो की सहायक कंपनी रिलायंस प्रोजेक्ट्स एंड प्रॉपर्टी मैनेजमेंट सर्विसेज (Reliance Projects and Property Management Services) ने रिलायंस इन्फ्राटेल के मोबाइल टावर और फाइबर संपत्ति को टेकओवर करने के लिए भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के एस्क्रो खाते में ₹3,720 करोड़ जमा कराए हैं। बता दें कि यह कदम पिछले महीने नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल की मंजूरी और जारी निर्देशों के बाद उठाया गया है।

6 नवंबर को दिया था प्रस्ताव
जियो (Jio) ने रिलायंस इन्फ्राटेल के अधिग्रहण को पूरा करने के लिए 6 नवंबर को एस्क्रो खाते में 3,720 करोड़ रुपये जमा करने का प्रस्ताव दिया था। बता दें कि रिलायंस इन्फ्राटेल दरअसल दिवाला समाधान प्रक्रिया का सामना कर रही है। उद्योगपति मुकेश अंबानी की अगुवाई वाली जियो ने नवंबर, 2019 में अपने छोटे भाई अनिल अंबानी के प्रबंधन वाली कंपनी रिलायंस कम्युनिकेशंस की कर्ज में डूबी अनुषंगी की टावर और फाइबर संपत्तियां हासिल करने के लिए 3,720 करोड़ रुपये की बोली लगाई थी।

कंपनी कं पास 43,540 मोबाइल टावर है
ऋणदाताओं की समिति (सीओसी) ने जियो की समाधान योजना को चार मार्च, 2020 को शत प्रतिशत मत के साथ मंजूरी दे दी थी। आरआईटीएल के पास देश भर में लगभग 1.78 लाख रूट किलोमीटर की फाइबर संपत्ति और 43,540 मोबाइल टावर है।

2019 में लगाई थी बोली
बता दें कि मुकेश अंबानी की अगुवाई वाली जियो ने नवंबर, 2019 में अपने छोटे भाई अनिल अंबानी के प्रबंधन वाली कंपनी रिलायंस कम्युनिकेशंस की कर्ज में डूबी सब्सिडयरी की टावर और फाइबर संपत्तियां हासिल करने के लिए 3,720 करोड़ रुपये की बोली लगाई थी। ऋणदाताओं की समिति (सीओसी) ने जियो की समाधान योजना को मार्च, 2020 को शत प्रतिशत मत के साथ मंजूरी दी थी।

 

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