गांव हो या शहर, नहीं होगी पेट्रोल-डीजल की किल्लत, सरकार का आया नया नियम
कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी के बाद निजी ईंधन खुदरा विक्रेताओं ने परिचालन में कटौती की है, क्योंकि वे सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों की कम कीमत वाली दरों के साथ प्रतिस्पर्धा नहीं कर सकती हैं।
बीते कुछ दिनों से देश के अलग-अलग राज्यों से पेट्रोल और डीजल के किल्लत की खबरें आ रही हैं। खासतौर पर प्राइवेट कंपनियों के पेट्रोल पंप पर ग्राहकों को तेल नहीं मिलने की खबरें हैं। अब इसको लेकर केंद्र सरकार ने एक कड़ा कदम उठाया है।
क्या है सरकार का फैसला: सरकार ने प्राइवेट पेट्रोल पंपों की मनमानी पर लगाम लगाने के लिए यूनिवर्सल सर्विस ऑब्लिगेशन (यूएसओ) के दायरे को बढ़ाया है। सरकार की ओर से जारी आधिकारिक बयान में कहा गया, ‘‘सरकार ने अब दूरदराज के रिटेल आउटलेट (आरओ) सहित सभी पेट्रोल पंप के लिए यूएसओ दायरे का विस्तार किया है।’’
लाइसेंस रद्द भी संभव: इसके तहत ग्राहकों के लिए तेल की उपलब्धता सुनिश्चित की जाती है। इसके अलावा क्वालिटी, कीमत आदि भी ग्राहकों के हित को ध्यान में रखकर किया जाता है। जिन संस्थाओं को खुदरा पेट्रोल और डीजल के लाइसेंस दिए गए हैं, वे सभी अब यूएसओ के दायरे में आएंगे। जिन्होंने भी नियमों का पालन नहीं किया, उनका लाइसेंस रद्द किया जा सकता है।
आपको यहां बता दें कि यह कदम मध्य प्रदेश, राजस्थान, कर्नाटक और गुजरात जैसे राज्यों में सार्वजनिक क्षेत्र की फर्मों द्वारा संचालित कुछ पेट्रोल पंपों पर मांग अचानक बढ़ने के बाद स्टॉक खत्म होने के की खबरों के बाद उठाया गया है।
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