Hindi Newsबिज़नेस न्यूज़Jobs in IT sector slowed down companies did not reach campus even after three months

आईटी क्षेत्र में नौकरियों की रफ्तार सुस्त पड़ी, तीन माह बाद भी कैंपस नहीं पहुंची कंपनियां

कैंपस भर्ती में अभी तक नहीं पहुंची बड़ी आईटी कंपनियां, नौकरियां घटने के आसार। कैंपस से भर्ती में 50 फीसदी तक गिरावट आने की आशंका। 30 फीसदी से अधिक भर्ती कंपनियां सीधे कैंपस से करती हैं।

Drigraj Madheshia नई दिल्ली। हिन्दुस्तान ब्यूरो, Tue, 14 Feb 2023 10:11 AM
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अमेरिका और यूरोप में मंदी की बढ़ती आशंका के बीच भारत में सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) कंपनियों की भर्ती रणनीति पर उसका असर दिखने लगा है। सूत्रों के अनुसार इन्फोसिस और विप्रो जैसी बड़ी कंपनियां 2023 शैक्षणिक सत्र उत्तीर्ण करने वाले छात्रों को नियुक्त करने के लिए अभी तक कॉलेज परिसर नहीं पहुंची हैं। इससे फ्रेशर्स को मिलने वाली नौकरियों में कमी आने की आशंका बढ़ गई है।

2023 में नियुक्तियां कम रहने के आसार

उद्योग विशेषज्ञों का कहना है कि पिछले साल की तरह इस बार आईटी कंपनियां परिसरों से नियुक्ति करने में ज्यादा उत्साह नहीं दिखा रही हैं। उनका कहना है कि 2023 में नियुक्तियां कम रहने के आसार हैं। उनका कहना है कि पिछले साल कंपनियों ने परिसरों में जितनी संख्या में भर्तियां की थीं, इस बार संख्या उसकी आधी रह सकती है। विशेषज्ञों का कहना है कि इसकी एक वजह पहले कंपनियों द्वारा बड़े पैमाने पर भर्तियां की गई हैं और काफी कर्मचारी अभी प्रतिक्षा पर हैं ,जिन्हे अभी किसी काम पर नहीं लगाया गया है। हालांकि, विशेषज्ञ वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता के असर को भी इसकी एक बड़ी वजह बता रहे हैं को कम होने की बजाय बढ़ती जा रही है। उल्लेखनीय है कि देश की आईटी कंपनियों की कमाई में 60 फीसदी से अधिक राजस्व अमेरिका और यूरोप के बाजार से आता है।

आर्थिक मंदी की आशंका

मौजूदा समय में वहां आर्थिक मंदी की आशंका गहराते जा रही है। उद्योग के विशेषज्ञों का कहना है कि 2023 बैच के छात्रों के लिए कठिन समय हो सकता है। इस बैच के लिए वास्तविक प्लेसमेंट की प्रक्रिया 2024 शैक्षणिक सत्र की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू होने से पहले पूरी हो सकती है। विशेषज्ञों को उम्मीद है कि वर्ष 2023 की दूसरी छमाही यानी अक्तूबर-दिसंबर में मांग में तेजी देखने को मिल सकती है है। हालांकि, उस समय एक अलग चुनौती देखने को मिल सकती है। उनके मुताबिक इस समय तक 2024 में उत्तीर्ण करने वाले छात्रों की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू होती है।

नियुक्ति का इंतजार कर रहे छात्र

ऐसे में कंपनियां परिसर के नए छात्रों को लेना चाहेंगी न कि पुराने बैच के उन छात्रों को, जो पहले से नियुक्ति का इंतजार कर रहे हैं। आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज ने आईटी क्षेत्र के लिए तिमाही-दर-तिमाही आधार पर ऊंचे स्तर पर नौकरी छोड़ने का अनुमान लगाया था। साथ ही मांग में कमी के कारण भर्तियों में गिरावट का अनुमान जताया था जो सही साबित होता दिख रहा है। विश्लेषकों का कहना है कि मांग में भारी कमी के कारण अगली तिमाही से नौकरी छोड़ने वालों की संख्या भी घट सकती है।

पेशकश के बाद भी नियुक्ति का इंतजार बढ़ा

संस्थानों को डर सता रहा है कि 2023 में उत्तीर्ण करने वाले छात्रों को शायद कम ऑफर मिलें क्योंकि 2022 बैच के कई छात्रों को नियुक्ति पत्र मिलने के बाद भी अभी तक कंपनियों ने नियुक्त नहीं किया है। उद्योग विशेषज्ञों का कहना है कि इंजीनियरिंग कॉलेजों से देश की शीर्ष चार-पांच बड़ी आईटी कंपनियां बड़े पैमाने पर छात्रों को नियुक्त करती हैं। ऐसे में आशंका है कि 2024 बैच पर भी कहीं इसका असर न पड़े।

तीन माह बाद भी कैंपस नहीं पहुंची कंपनियां

आईटी उद्योग से जुड़े सूत्रों ने कहा कि कैंपस से भर्तियों का सीजन अगस्त-सितंबर से शुरू हाता है। इन्फोसिस सामान्यत: पर नवंबर-दिसंबर कैंपस में जाती है है लेकिन फरवरी का महीना चल रहा है और कई कॉलेजों को कंपनी की ओर से अभी तक कुछ नहीं कहा गया है। इन्फोसिस के अलावा ज्यादातर बड़ी कंपनियों का अभी प्लेसमेंट के लिए आना बाकी है।

पहले से दिखने लगे थे संकेत

वित्त वर्ष 2023 की तीसरी तिमाही के नतीजों से ही नियुक्तियों में नरमी के संकेत दिखने लगे थे। टीसीएस ने नतीजों में कहा था कि कर्मचारियों की बढ़ोतरी की रफ्तार कम हुई है। टीसीएस में तिमाही आधार पर कुल कर्मचारियों में 2,197 की कमी देखी गई और कुल कर्मचारियों की संख्या 6,13,974 रही जो इससे पहले की तिमाही में 6,16,171 थी।

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