SBI के बकाया भुगतान पर NCLAT का आया फैसला, Jet एयरवेज को दी मोहलत
आपको बता दें कि अक्टूबर 2020 में जेट एयरवेज एयरलाइन की लेनदारों की समिति (CoC) ने जालान-कालरॉक कंसोर्टियम द्वारा प्रस्तुत पुनरुद्धार योजना को मंजूरी दे दी।
उड़ान सेवा को दोबारा शुरू करने के लिए जद्दोजहद कर रही प्राइवेट एयरलाइन जेट एयरवेज को बड़ी राहत मिली है। नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (NCLAT) ने जालान-कालरॉक कंसोर्टियम को SBI के बकाया भुगतान करने के लिए और समय दे दिया है। आपको बता दें कि जालान-कालरॉक कंसोर्टियम ने जेट एयरवेज की सफल बोली लगाई थी।
15 मई तक मिला था मौका: नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) ने कंसोर्टियम को 15 मई तक SBI के बकाया भुगतान करने के लिए कहा था। कंसोर्टियम को 15 मई से पहले जेट एयरवेज के ऋणदाताओं को भुगतान की पहली किश्त देनी थी, लेकिन उसने ऐसा नहीं किया। कंसोर्टियम को डर था कि SBI 175 करोड़ रुपये के बकाये के बदले में 150 करोड़ रुपये की बैंक गारंटी को जब्त कर लेगा। अगर बकाया भुगतान नहीं किया जाता है तो एयरलाइन के स्वामित्व को कंसोर्टियम को नहीं दिया जा सकता है।
2019 से ठप है उड़ान: बढ़ते घाटे और लगभग 8,000 करोड़ रुपये के कर्ज की वजह से जेट एयरवेज को अप्रैल 2019 में उड़ान सेवाएं बंद कर देनी पड़ी थी। अक्टूबर 2020 में, एयरलाइन की लेनदारों की समिति (CoC) ने जालान-कालरॉक कंसोर्टियम द्वारा प्रस्तुत पुनरुद्धार योजना को मंजूरी दे दी। इसके बाद माना जा रहा था कि जल्द ही उड़ान सेवाएं शुरू होंगी लेकिन देरी होती चली गई। जेट एयरवेज के एयर ऑपरेटर का सर्टिफिकेट भी 19 मई को एक्सपायर हो चुका है।
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