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Hindi Newsबिज़नेस न्यूज़India is spending 60 billion dollars on gas pipeline infrastructure says Union Minister of Petroleum and Natural Gas Dharmendra Pradhan

'भारत गैस पाइपलाइन के बुनियादी ढांचे पर खर्च कर रहा है 60 अरब डॉलर'

भारत ऊर्जा संसाधनों के उपभोग में प्राकृतिक गैस की हिस्सेदारी बढ़ाने के लक्ष्य को हासिल करने के लिए गैस आपूर्ति और वितरण बुनियादी ढांचे को विकसित करने में 60 अरब डॉलर से अधिक का निवेश कर रहा है। देश...

भाषा। नई दिल्ली। Sun, 13 Oct 2019 09:39 PM
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भारत ऊर्जा संसाधनों के उपभोग में प्राकृतिक गैस की हिस्सेदारी बढ़ाने के लक्ष्य को हासिल करने के लिए गैस आपूर्ति और वितरण बुनियादी ढांचे को विकसित करने में 60 अरब डॉलर से अधिक का निवेश कर रहा है। देश में ऊर्जा उपभोग में प्राकृतिक गैस की हिस्सेदारी 2030 तक दोगुनी करके 15 प्रतिशत तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है। पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने रविवार को यह बात कही। प्रधान ने गैस आधारित अर्थव्यवस्था विकसित करने पर जोर देते हुए कहा कि वर्तमान में देश में सभी ऊर्जा की खपत में प्राकृतिक गैस की हिस्सेदारी 6.2 प्रतिशत है। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक गैस धीरे-धीरे भारत में कम कार्बन उत्सर्जन अर्थव्यवस्था के लिए बेहतर ईंधन के रूप में अपनी जगह बना रही है।

उन्होंने कहा कि सरकार गैस बुनियादी ढांचा विकसित करने के लिए विशेष प्रोत्साहन दे रही है। इसमें देश के उत्तरी भाग को दक्षिण और पूर्व को पश्चिम भाग से जोड़ा जा रहा है। पेट्रोलियम मंत्री ने इंटरनेशनल थिंक टैंक की तीसरी बैठक में कहा, 'मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि हम गैस पाइपलाइन और टर्मिनल बुनियादी ढांचे पर अनुमानित 60 अरब डॉलर का निवेश कर रहे हैं।  यह काम पूरा होने के करीब या फिर उन्नत स्तर पर है। शहरी गैस वितरण नेटवर्क की पहुंच जल्द ही भारत की 70 प्रतिशत आबादी तक होगी। सरकार तेल और गैस क्षेत्र के समग्र विकास के लिए रणनीतिक साझेदारी का विकल्प तलाश रही है। देश में भविष्य के ऊर्जा स्त्रोतों के लिए जरूरी नवाचार के साथ निवेश लाने के लिए निजी क्षेत्र (घरेलू एवं विदेशी) की भूमिका अहम रहेगी।'

बैठक में मौजूद ऊर्जा कंपनियों के मुख्य कार्यपालक अधिकारियों ने कहा कि भारत विभिन्न स्त्रोतों से प्राप्त ऊर्जा में प्राकृतिक गैस, कोयला जैसे जीवाश्म ईंधन की खपत को बढ़ाना जारी रखेगा और एकीकृत ऊर्जा नीति की जरूरत है। प्रधान ने कहा कि 2024 तक भारतीय अर्थव्यवस्था को 5,000 अरब डॉलर पर पहुंचाने के लक्ष्य को हासिल करने में ऊर्जा की अहम भूमिका होगी। ऊर्जा क्षेत्र की चुनौतियों पर उन्होंने कहा, 'हमारे समय की सबसे बड़ी चुनौती ऊर्जा के तीन कारक इसकी निरंतर, सुरक्षित और किफायती उपलब्धता है।' केंद्रीय मंत्री ने कहा कि दूसरी बड़ी चिंता वैश्विक ऊर्जा बाजार में हाल में हुए घटनाक्रम है। उन्होंने कहा कि हमने इन दिनों ऊर्जा बाजार में काफी बड़े घटनाक्रम देखें। इनमें अमेरिका का ईरान एवं वेनेजुएला पर प्रतिबंध, सऊदी की तेल इकाइयों पर हमला, पश्चिमी एशिया में अशांति और अमेरिका-चीन व्यापार युद्ध प्रमुख हैं।'

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