चांदी का आयात सर्वोच्च शिखर पर, उछलेंगे दाम, जानें कहां-कहां आता है सिल्वर काम
40 फीसदी चांदी की मांग औद्योगिक क्षेत्र से आती है। 30 फीसदी मांग निवेशकों की ओर से आती है जबकि 30 फीसदी हिस्सेदारी चांदी के आभूषण एवं खुदरा क्षेत्र से। पिछले वर्ष देश में 9450 टन चांदी का आयात किया गय
देश में पिछले साल मांग में तेज उछाल से चांदी के आयात ने सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। भारत में पिछले साल 9,450 टन चांदी का आयात किया गया जो अब तक का सर्वोच्च स्तर है। चांदी के आयात का पिछला उच्चतम स्तर वर्ष 2015 में 8,093 टन था। चांदी के आयात में उछाल को भारत में आर्थिक गतिविधियों में तेजी से जोड़कर देखा जा रहा है।
आंकड़ों के मुताबिक अधिकांश आयात साल की दूसरी छमाही में हुआ, जब देश में चांदी की कीमतें 55 हजार रुपये प्रति किलोग्राम से नीचे गिर गईं थीं। प्रति माह के मामले में पिछले साल जुलाई में अब तक का सबसे अधिक 1,700 टन मासिक आयात हुआ। विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना महामारी में कारोबारियों ने कोई नया स्टॉक नहीं खरीदा। इसके बाद हालात सुधरने पर जब पिछले साल कीमतें नीचे आईं तो जमकर उन्होंने खरीदारी की।
विशेषज्ञों का कहना है कि पिछले साल चौतरफा मांग देखने को मिली जिसकी बड़ी वजह उद्योग, आभूषण और कलाकृतियों और निवेश जैसे सभी प्रमुख क्षेत्रों में पुनरुद्धार था। उद्योग के आंकड़ों के अनुसास बिजली और सौर पैनल निर्माताओं की उद्योग की मांग में उद्योग के कुल मांग 40 प्रतिशत हिस्सा था। विशेषज्ञों परंपरागत स्तर पर चांदी की पायल और बर्तन की मांग अच्छी रहती है लेकिन उद्योग की मांग में उछाल उत्साहित करने वाला है।
यहां होता है चांदी का इस्तेमाल
आभूषण के अलावा मोबाइल, लैपटॉप टैब, टीवी एवं अन्य घरेलू उपकरण में में चांदी का इस्तेमाल होता है। इसके अलावा इलेक्ट्रिक स्विच, वाहनों के चिप, कपड़ों की कशीदाकारी, खाद्य पदार्थों के लिए वर्क बनाने में भी इसका इस्तेमाल होता है। वहीं सौर ऊर्जा पैनल, बर्तन और कलाकृति में भी चांदी का इस्तेमाल होता है।
चांदी में तेजी आर्थिक वृद्धि का संकेत
विशेषज्ञों का कहना है कि चांदी की ज्यादातर मांग औद्योगिक क्षेत्र से जुड़ी होती है। ऐसे में इसकी मांग में तेजी आने का मतलब है कि देश की कारोबारी गतिविधियां तेजी से पटरी पर आने लगी हैं। कोरोना महामारी में लॉकडाउन से जब उद्योग प्रभावित हुए तो चांदी की मांग और कीमत दोनों में गिरावट आई थी।
इन वजहों से आएगी चांदी में तेजी
1. डॉलर सूचकांक 114 से गिरकर 104 पर आ गया है। डॉलर में आगे भी गिरावट रहने का अनुमान है। जब डॉलर गिरता है तो सोने-चांदी में तेजी आती है। डॉलर में यह गिरावट चांदी में तेजी का कारण बनेगी।
2. यूएस फेड का ब्याज दरों पर आक्रामक रुख बरकरार रहने से बॉन्ड यील्ड में गिरावट आ रही है। यह चांदी की कीमतों को तेज करेगी।
3. इस साल दुनियाभर में मंदी की आशंका बढ़ रही हैं। दुनिया में आर्थिक अनिश्चितता बढ़ने पर सोना-चांदी सुरक्षित निवेश समझे जाते हैं। इससे कीमतों में तेजी आती है।
4. चांदी में मजबूत ईटीएफ निवेश की मांग देखने को मिल रही है।
5. अमेरिकी केंद्रीय बैंक ब्याज दरों में वृद्धि के आखिरी चरणों में है। ब्याज दरों में इजाफा चांदी की कीमतों को ऊपर ले जाने का काम करेगा।
6. सोलर पैनल और इलेक्ट्रिक वाहन के निर्माण में चांदी का उपयोग होता है। यहां से चांदी की अच्छी मांग देखने को मिल रही है।
7. टेलीकॉम कंपनियां 5जी टेक्नोलॉजी की तरफ तेजी से बढ़ रही हैं। 5जी में चांदी का इस्तेमाल होता है जिससे चांदी की मांग बढ़ी है।
8. चांदी की औद्योगिक मांग बढ़ रही है। यह बढ़ी हुई मांग कीमतों को ऊपर ले जाएगी।
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