चोरी या गुम हुआ मोबाइल फोन कैसे पाएं? 'साथी' 2.85 लाख लोगों को दिलवाया, आपको भी दिलवाएगा, जानें कैसे
संचार साथी पोर्टल ने 21 हजार चोरी मोबाइल वापस दिलाए। संचार साथी पोर्टल शुरू होने के दो महीने के भीतर ही 2.82 लाख चोरी हुए फोन का पता लगाया। देश में हर महीने 50,000 मोबाइल फोन चोरी होते हैं।
दूरसंचार विभाग के संचार साथी पोर्टल की मदद से अब तक 2.85 लाख खोए या चोरी हुए मोबाइल फोन का पता लगाया गया है। इनमें से 21,001 मोबाइल फोन बरामद भी कर लिए गए हैं। वहीं, 6.8 लाख फोन को ब्लॉक कर दिया गया है। सरकारी अनुमान के मुताबिक देश में हर महीने 50,000 मोबाइल फोन चोरी होते हैं।
गौरतलब है कि बीती 16 मई को साथी पोर्टल की शुरुआत हुई थी। इसे चोरी या गुम हो चुके स्मार्टफोन को ट्रैक करने और ब्लॉक करने के लिए पेश किया गया है। यह केंद्रीय उपकरण पहचान रजिस्टर (सीईआईआर) का हिस्सा है। शुरू होने के दो महीनों के भीतर ही लोगों ने पोर्टल पर फोन के गुम होने या चोरी हो जाने की काफी शिकायतें दर्ज कराई हैं।
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दूरसंचार विभाग के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पोर्टल आधुनिकतम तकनीक मुहैया करवाता है। बरामद होने वाले मोबाइल फोनों की संख्या में काफी बढ़ोतरी हुई है, लेकिन जितने मोबाइल फोन की स्थिति का सटीक ढंग से पता लगाया जाता है, उसे देखते हुए बरामदगी कम है। जमीनी स्तर पर बरामदगी करने का कार्य पुलिस ही कर सकती है। हम इस मामले को जोरदार ढंग से राज्यों के गृह विभागों के समक्ष उठा रहे हैं। सरकार का इस प्लेटफॉर्म को शुरू करने का मकसद यह था कि मोबाइल फोन इस्तेमालकर्ताओं को कई तरह की जालसाजी से बचाया जा सके। इनमें पहचान चुराना, फर्जी केवाईसी, चोरी हुए मोबाइल का इस्तेमाल बैंकिंग धोखाधड़ी में करना शामिल है।
इस तरह काम करता हो पोर्टल
सीईआईआर प्रणाली दूरसंचार कंपनियों को संबंधित फोन से आईएमईआई और सिम नंबर तक पहुंच प्रदान करती है। इससे खोए या चोरी हुए मोबाइल को आसानी से ट्रैक किया जा सकता है। हालांकि, चोरी किए गए फोन की उपकरण पहचान संख्या अक्सर बदल दी जाती है लेकिन सीईआईआर इसे भी ट्रैक कर सकता है।
पोर्टल पर ये सुविधाएं
- पोर्टल के माध्यम से मोबाइल उपयोगकर्ता यह जान सकता है कि उसके नाम पर धोखाधड़ी से और कनेक्शन लिए गए हैं या नहीं
- खोए मोबाइल की लोकेशन पता लगाई जा सकती है। आईएमईआई नंबर को ब्लॉक कर सकते हैं।
- ब्लॉक होने के बाद फोन का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। भले ही फोन में नया सिम कार्ड ही लगा दिया जाए। इसे बेचा भी नहीं जा सकता।
- पुराना मोबाइल को खरीदते वक्त यह पता लगा सकते हैं कि वह चोरी का तो नहीं है।
- ऐसे कर सकते हैं इस्तेमाल
- खोए हुए मोबाइल को खोजने के लिए वेबसाइट (https://www.sancharsaathi.gov.in) पर जाएं।
- होमपेज पर स्क्रॉल हो रहे लॉस्ट यूजर मोबाइल वाले विकल्प पर क्लिक करें। फिर ब्लॉक चोरी¹/गुमशुदा मोबाइल विकल्प पर क्लिक करें।
- इससे फॉर्म खुलेगा। इसमें फोन से संबंधित जानकारी देनी होगी। जैसे मोबाइल और आईएमआई नंबर, डिवाइस मॉडल, कंपनी का नाम। साथ ही बिल की कॉपी अपलोड करनी होगी।
- अगले सेक्शन में चोरी का स्थान और तारीख, पुलिस एफआईआर नंबर, और एफआईआर कॉपी अपलोड करनी होगी।
- फिर आपको अपना व्यक्तिगत जानकारी दर्ज करनी होगी, जिसमें सरकारी आईडी नंबर, नाम, ईमेल आईडी और मोबाइल नंबर शामिल है। पहचान पत्र अपलोड करना होगा।
- सभी जानकारी देने के बाद सीईआईआर आपके फोन को ट्रैकिंग पर डाल देगी। इसके बाद जैसे ही आपके फोन में कोई दूसरा सिम इस्तेमाल होगा, उसकी लोकेशन पहचान में आ जाएगी।
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