Hindi Newsबिज़नेस न्यूज़How did Rakesh Jhunjhunwala build an empire from Rs 5000 to rs 40 thousand crores

राकेश झुनझुनवाला ने कैसे खड़ा किया 5000 रुपये से ₹40 हजार करोड़ का साम्राज्य, जानें पूरा किस्सा

Rakesh Jhunjhunwala Story: देश में आपातकाल खत्म हुए अभी कुछ साल ही हुए थे एक लड़का जिसने अपने पिता से कहा कि वो शेयर मार्केट में उतरना चाहता है। पिता ने उसे सीए की पढ़ाई के लिए भेज दिया।

Tarun Pratap Singh तरुण प्रताप सिंह, नई दिल्लीTue, 22 Aug 2023 10:30 PM
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Rakesh Jhunjhunwala Story: देश में आपातकाल खत्म हुए अभी कुछ साल ही हुए थे एक लड़का जिसने अपने पिता से कहा कि वो शेयर मार्केट में उतरना चाहता है। पिता ने उसे सीए की पढ़ाई के लिए भेज दिया। एक मां जिसे डर था कि कौन उसके बेटे से शादी करेगा। एक ब्रोकर जिसने हर्षद मेहता की बर्बादी में खूब पैसा कमाया। एक इन्वेस्टर्स जिसे बीएसई के रिंग में उतरने की अनुमति नहीं मिली। लेकिन जब वह व्यक्ति रिंग में उतरा तो हर कोई हैरान रह गया है। ये किस्सा है राकेश झुनझुनवाला का ...

....जब बम ब्लास्ट में बची जान

राकेश झुनझुनवाला का जन्म 5 जुलाई 1960 को हुआ था। पिता एक इनकम टैक्स ऑफिसर थे। लेकिन बेटों को कोई पेशा चुनने की पूरी छूट मिली हुई थी। अपने पिता को याद करते हुए राकेश झुनझुनवाला एक इंटरव्यू में बताते हैं, “एक दिन मेरे पिता जी अपने दोस्तों के साथ बैठे हुए थे। तब उन्होंने मुझे किसी कंपनी के बारे में अखबार में खोजने का काम दिया उसके बाद से मेरी शेयर बाजार में दिलचस्पी बढ़ गई। और मैं रोजाना अखबार में शेयर बाजार की खबरें पढ़ने लगा। पिताजी ने कभी किसी चीज के लिए रोका नहीं। जब मैं पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्हें बताया कि शेयर बाजार का काम करना चाहता हूं। तब उन्होंने कहा पहले सीए की पढ़ाई कर लूं फिर जो मन में आए वो करूं।” 

सीए की पढ़ाई करने के बाद राकेश झुनझुनवाला 1985 में शेयर बाजार में उतरे। लेकिन शुरुआती कुछ समय तक उन्हें रिंग में उतरने नहीं दिया गया। लेकिन राकेश झुनझुनवाला तो तूफान का नाम था। किसी के रोकने से रुकने वाले वो नहीं थे। शेयर बाजार के शुरुआती दिनों को याद करते हुए झुनझुनवाला ने बताया कि एक बार बीएसई में बम बिस्फोट हो गया था। वहां अफरा-तफरी मच गई। तब मैं जोर से चिल्लाया...मरेंगे तो सब साथ मरेंगे। लेकिन झुनझुनवाला को कुछ नहीं हुआ। 

टाटा के इस शेयर ने बदली किस्मत 

राकेश झुनझुनवाला बाजार में जब उतरे तो उनके पास फंड नहीं था। उनके भाई के किसी क्लाइंट से उन्होंने पैसा लिया और दांव खेला। जिसके बाद से बिगबुल ने कभी पलट कर नहीं देखा। राकेश झुनझुनवाला की किस्मत तब चमकी जब उन्होनें टाटा टी पर दांव खेला। तब टाटा टी के एक शेयर की किस्मत 43 रुपये थी। लेकिन 3 महीने बाद टाटा के इस शेयर का भाव 143 रुपये के लेवल पर पहुंच गया। राकेश झुनझुनवाला ने पहली बार बड़ा मुनाफा इसी स्टॉक से कमाया था। इसके बाद उन्हें पलट कर देखने को जरूरत नहीं पड़ी। 

एक समय ब्लैक कोबरा की टीम में थे झुनझुनवाला!

यूं तो राकेश झुनझुनवाला को बिगबुल कहा जाता है। लेकिन शुरुआती दिनों में उन्हें मंदड़िया कहा जाता था। हर्षद मेहता के जीवन पर बनी वेबसीरीज ‘स्कैम 1992’ में राकेश झुनझुनवाला, दमानी को मनु मुंद्रा की टीम का सदस्य दिखाया गया है। मनु को शेयर बाजार को ब्लैक कोबरा कहा जाता था। मनु और उनकी टीम बाजार के गिरने से मुनाफा कमाती थी। लेकिन जल्द ही राकेश झुनझुनवाला को समय आ गया था। कि भारत की ग्रोथ स्टोरी किसी के रोकने से रुकने वाली नहीं है। इसी समय उन्होंने अपना पाला बदल लिया। बाजार की तेजी पर दांव लगाने लगे। इधर बाजार अपनी फुल स्पीड में भागने लगा और झुनझुनवाला की किस्मत भी चमकने लगी। 

एक ‘राजा’ ने बदली तस्वीर 

बोफोर्स घोटालों में लगे आरोपों ने राजीव गांधी को सस्ता से बेदखल कर दिया। अब देश की कमान वीपी सिंह के हाथ में थी। उस दौरान उनके विषय में एक नारा बहुत मशहूर था। ‘राजा नहीं फकीर है देश की तकदीर है।’ वीपी सिंह सरकार का बजट आने वाले था। शेयर बाजार को लगा कि सोशलिस्ट बजट आएगा। फिर क्या था धड़ाधड़ बिक्री ने स्टॉक मार्केट को घुटनों के बल पर लाकर खड़ा कर दिया। झुनझुनवाला के पोल्टफोलियो की कीमत घटकर 1 करोड़ रह गई। लेकिन उन्होंने अपना भरोसा बनाए रखा। वित्त मंत्री मधु दंडवते के भाषण ने रुख ही बदल दिया। झुनझुनवाला की किस्मत फिर चमक उठी। 

हर्षद मेहता की बर्बादी में भी बनाया पैसा 

शेयर बाजार में एक वक्त हर्षद मेहता का बोलबाला हुआ करता था। लेकिन जैसी ही उनके घोटाले की जानकारी सामने आई। उसके बाद बाजार क्रैश कर गया। झुनझुनवाला ने इस गिरावट में पैसा बनाया। एक इंटरव्यू में झुनझुनवाला ने कहा कि उन्होंने हर्षद मेहता क्राइसिस में बेच-बेचकर पैसा बनाया। 

टाइटन ने दी नई पहचान 

राकेश झुनझुनवाला ने टाटा ग्रुप की कंपनी टाइटन पर तब भरोसा जताया जब शेयर की कीमत 20 से 30 रुपये थी। और कंपनी मुनाफे के लिए संघर्ष कर रही थी। लेकिन उन्होंने अपने इन्वेस्टमेंट पर भरोसा बनाए रखा। 2022 में उनके पोर्टफोलियो में एक चौथाई हिस्सेदारी टाइटन की अकेले थी। 

सोच समझकर रिस्क लेने से नहीं डरे.....

राकेश झुनझुनवाला ने अपनी इन्वेस्टमेंट पर हमेशा भरोसा जताया। यही वजह थी कि 5000 रुपये से उन्होने अपना इन्वेस्टमेंट शुरू किया था। जोकि 2022 में 40,000 करोड़ रुपये को पार गया था। झुनझुनवाला खतरा उठाने से पीछे नहीं हटे। यही वजह थी कि उन्होंने अकाशा एयर पर तब पैसा लगाया जब एविएशन इंडस्ट्री जूझ रही थी। उनका हमेशा से मानना था कि भारत की ग्रोथ स्टोरी को कोई रोक नहीं सकता है। 

राकेश झुनझुनवाला को दुनिया छोड़े एक साल से अधिक का समय बीत गया है। लेकिन बिग बुल की बातें आज लोगों के दिमाग में रची बसी थी। वो एक बात हमेशा दोहराते थे, ‘तेजी में सबका बोलबाला मंदी में सबका मुंह काला.........

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