ई-श्रम पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन 25 करोड़ के पार, जानें कब आएगी 1000 रुपये की अगली किस्त
ई-श्रम पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराने वाले असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों की संख्या 25 करोड़ के पार पहुंच गई है। वहीं, चुनावी राज्य उत्तर प्रदेश में ई-श्रमिक कार्ड पाने वाले श्रमिकों की संख्या 8 करोड़ के...
ई-श्रम पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराने वाले असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों की संख्या 25 करोड़ के पार पहुंच गई है। वहीं, चुनावी राज्य उत्तर प्रदेश में ई-श्रमिक कार्ड पाने वाले श्रमिकों की संख्या 8 करोड़ के पार हो गई है। ई-श्रम पोर्टल पर अब तक 25 करोड़ 13 लाख 92 हजार 618 लोगों ने रजिस्ट्रेशन कराया है। अगर रजिस्ट्रेशन की बात करें तो एक अन्य चुनावी राज्य पंजाब में यह महज 51 लाख से थोड़ा अधिक है। ई-श्रम पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन के मामले में बिहार दूसरे और पश्चिम बंगाल तीसरे नंबर पर है।
बता दें भारत सरकार ने मजदूर परिवारों के लिए ई-श्रम कार्ड योजना का शुभारंभ किया है। इसके माध्यम से यूपी में गरीब मजदूर परिवारों को एक हजार रुपया महीना भत्ता एवं दो लाख रुपया दुर्घटना बीमा मिल रहा है। ई-श्रम कार्ड को श्रम एवं रोजगार मंत्रालय द्वारा भारत के गरीब मजदूर परिवारों को केंद्र सरकार की सभी योजनाओं का सीधा लाभ प्रदान करने के लिए शुरू किया गया है। जिसके अंतर्गत निर्माण श्रमिक, प्रवासी श्रमिक और प्लेटफार्म श्रमिक, स्ट्रीट वेंडर, घरेलू श्रमिक, कृषि श्रमिक आदि सहित सभी असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों का केंद्रीकृत डेटाबेस का निर्माण करना और श्रमिकों को उनके कौशल के अनुसार रोजगार प्रदान करना मुख्य उद्देश्य है।
यूपी में रजिस्ट्रेशन संख्या 8 करोड़ पार
अगर राज्यों की बात करें तो योगी सरकार द्वारा श्रमिकों को हर महीने 500 रुपये देने की घोषणा के बाद रजिस्ट्रेशन की ऐसी बाढ़ आई कि यहां संख्या 8 करोड़ से अधिक हो गई है। अभी कुछ दिन पहले ही योगी सरकार ने मज़दूरों के खातों में 1000-1000 रुपये डाला था।
बाकी के 1000 रुपये कब आएंगे
यूपी सरकार ने 1000-1000 रुपये की जो रकम श्रमिकों के खातों में भेजी है, वह दिसंबर-मार्च की हैं। अभी यूपी में चुनाव आचार संहिता लगी है। ऐसे में अगली सरकार चाहे जिसकी बने, बाकी के 1000-1000 रुपये 10 मार्च के बाद ही आएंगे।
अगर पूरे देश में जातिगत आधार पर देखें तो ई-श्रमिक कार्ड पाने वालों में ओबीसी 45.61 फीसद, सामान्य वर्ग के कामगार 25.71 फीसद, एससी 21.72 फीसद और एसटी 6.96 फीसद हैं। महिलाओं की बात करें तो सबसे ज्यादा 52.79 फीसद महिलाओं ने ई-श्रम पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराया है। वहीं, पुरुषों का प्रतिशत 47.21 है।
इनमें से सबसे ज्यादा पंजीकरण कृषि से जुड़े कामगारों की है। खेती-किसानी से जुड़े 11.13 करोड़ लोगों को ई-श्रमिक कार्ड मिल चुका है। वहीं दूसरे नंबर पर 2.39 करोड़ श्रमिक घरेलू और घरेलू कामगार से आते हैं। इसके बाद 2.3 करोड़ श्रमिक निमार्ण कार्य वाले हैं।
कौन बनवा सकता ई-श्रमिक कार्ड
हर दुकान का नौकर / सेल्समैन / हेल्पर, ऑटो चालक, ड्राइवर, पंचर बनाने वाला, चरवाहा, डेयरी वाले, सभी पशुपालक, पेपर का हॉकर, जोमैटो स्विगी के डिलीवरी बॉय, अमेज़न फ्लिपकार्ट के डिलीवरी बॉय (कूरियर वाले), नर्स, वार्डबॉय, आया, ट्यूटर, घर का नौकर - नौकरानी (काम वाली बाई), खाना बनाने वाली बाई (कुक), सफाई कर्मचारी, गार्ड, ब्यूटी पार्लर की वर्कर, नाई, मोची, दर्ज़ी ,बढ़ई , प्लम्बर, बिजली वाला (इलेक्ट्रीशियन), पोताई वाला (पेंटर), टाइल्स वाला, वेल्डिंग वाला, खेती वाले मज़दूर, नरेगा मज़दूर, ईंट भट्ठा के मज़दूर, पत्थर तोड़ने वाले, खदान मज़दूर, फाल्स सीलिंग वाला, मूर्ती बनाने वाले, मछुवारा, रेजा, कुली, रिक्शा चालक, ठेला में किसी भी प्रकार का सामान बेचने वाला (वेंडर), चाट ठेला वाला, भेल वाला, चाय वाला, होटल के नौकर/वेटर, रिसेप्शनिस्ट, पूछताछ वाले क्लर्क, ऑपरेटर, मंदिर के पुजारी, विभिन्न सरकारी ऑफिस के दैनिक वेतन भोगी यानी वास्तव में आपके आसपास दिखने वाले प्रत्येक कामगार का यह कार्ड बन सकता है।
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