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ऑनलाइन गेमिंग में घट सकती है इनाम की रकम, बड़ा झटका देने की तैयारी में सरकार

केन्द्र सरकार ऑनलाइन गेम्स (Online Games) को नए जीएसटी स्लैब में शामिल कर सकती है। अगर ऐसा हुआ तो कंपनी के साथ-साथ इसमें हिस्सा लेने वाले करोड़ों खिलाड़ियों को भी बड़ा झटका लग सकता है।

Tarun Pratap Singh लाइव मिंट, नई दिल्लीMon, 27 June 2022 10:17 AM
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क्या आप भी ऑनलाइन गेम्स पर दांव लगाते हैं? अगर हां, तो आपके लिए बड़ी अपडेट है। केन्द्र सरकार ऑनलाइन गेम्स (Online Games) को नए जीएसटी स्लैब (GST Slab) में शामिल कर सकती है। अगर ऐसा हुआ तो कंपनी के साथ-साथ इसमें हिस्सा लेने वाले करोड़ों खिलाड़ियों को भी बड़ा झटका लग सकता है। आइए समझते हैं कि अगर ऑनलाइन गेम्स और फैंटेसी स्पोर्ट्स को 18% के जीएसटी स्लैब से निकालकर किसी अन्य स्लैब में शामिल किया जाता है तो उसका क्या असर इसमें दांव लगाने वाले खिलाड़ियों पर पड़ेगा।

खिलाड़ियों पर पड़ेगा कैसा असर? 

जब भी कोई व्यक्ति फैंटसी स्पोर्ट्स प्लेटफाॅर्म पर मौजूद किसी खेल में हिस्सा लेता है तो उसे कुछ ना कुछ शुल्क देना पड़ता है। फिर कमीशन काटने के बाद कंपनी उसी में से इनाम की रकम बनाती है। मौजूदा समय में कंपनियों को 18% जीएसटी का भुगतान करना पड़ता है, जिसे ग्राॅस गेमिंग रेवन्यू (GGV) भी कहा जाता है। कंपनियों को डर है कि इसे 28% किया गया तो कहीं यूजर्स छोड़कर जाने ना लगें। उदाहरण के तौर एक कंपनी ABC जिसने क्रिकेट मैच का फैंटेसी टूर्नामेंट आयोजित किया है और उसने न्यूनतम शुल्क इसमें हिस्सा लेने वालों के लिए 50 रुपये रखा है। वहीं, इसके बदले इनाम एक करोड़ रुपये का है। अब संकट यह है कि टैक्स बढ़ने से कंपनियां इनाम के रकम को कम करेंगी। उन्हें डर है कि इससे यूजर्स की संख्या घट सकती है। 

क्या कह रहे हैं फेडरेशन से जुड़े लोग 

आल इंडिया गेमिंग फेडरेशन के एडवाइजर अमरीत किरन सिंह कहते हैं, 'ग्राॅस गेमिंग रेवन्यू पर जीएसटी लगाने से टैक्स 900% तक बढ़ सकता है। जोकि तेजी से बढ़ रहे इंडस्ट्री को मार देगा।' गेम्स 25×7 के काॅरपोरेट और रेगुलेटरी अफेयर्स के दिनकर वशिष्ठ कहते हैं, 'यह ना सिर्फ इंडस्ट्री के लिए खतरनाक है। साथ ही जीएसटी रूल और फेयर टैक्स के वूसलों के भी विपरीत है।'  बता दें, जीएसटी काउंसिल की अगली बैठक 28 जून को होने जा रही है। 

एक्सपर्ट क्या सोच रहे हैं? 

पूल प्राइज (इनाम की रकम) घटने से बहुत से खिलाड़ी इससे दूरी बना सकते हैं। एक एक्सपर्ट के अनुसार ऑनलाइन रमी, पोकर और फैंटेसी प्लेटफाॅर्म को इससे झटका लग सकता है। अमरीत किरन सिंह कहते हैं कि इससे गेमिंग इंडस्ट्रीज देश के बाहर भी जाने का फैसला कर सकती हैं। जिससे नौकरी और रेवन्यू दोनों स्तर पर बड़ा झटका लग सकता है। 

कसीनो पर भी कर लगाने का है सुझाव 

वहीं, घुड़दौड़ के मामले में जीओएम ने सुझाव दिया है कि दांव लगाने के लिए जमा की गई पूरी राशि पर जीएसटी लगाया जाए।कसीनो के बारे में जीओएम ने कहा है कि एक खिलाड़ी द्वारा कसीनो से खरीदे गए चिप्स/सिक्कों के पूर्ण अंकित मूल्य पर कर लगाया जाएगा। इसके साथ ही जीओएम ने कसीनो में प्रवेश शुल्क पर 28 प्रतिशत जीएसटी लगाने की सिफारिश भी की है।सरकार ने पिछले साल मई में कसीनो, ऑनलाइन गेमिंग पोर्टल और घुड़दौड़ पर जीएसटी के मूल्यांकन के लिए मंत्रियों की समिति बनाई थी। फिलहाल कसीनो, घुड़दौड़ और ऑनलाइन गेमिंग की सेवाओं पर 18 प्रतिशत की दर से जीएसटी लगता है।

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